73 वर्षीय रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी जी के नायर और उनकी पत्नी 62 वर्षीय गोमती नायर (रिटायर्ड नर्स) थे, उम्र की वजह से दोनों अक्सर तेज आवाज में बात करते थे।
New Delhi, Mar 10 : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 73 साल के रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी और उनकी पत्नी की उनके ही बंगले में गला रेतकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक हत्या वाली रात पड़ोसियों ने बंगले से चीखों की आवाज सुनी थी, लेकिन किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अगले ही दिन दोनों के शव बंगले के पहली मंजिल स्थित बेडरुम के दरवाजे के आमने-सामने पड़े मिले।
पुलिस को करीबी पर शक
घर का सामान अस्त-व्यस्त नहीं था, इसलिये मामला चोरी या फिर लूट का नहीं लग रहा है। हालांकि पुलिस मामले की जांच में जुटी है, लेकिन पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस वारदात में किसी करीबी का ही हाथ है, इसलिये घर के करीबियों के साथ-साथ पड़ोसियों से भी पूछताछ की जा रही है।
पति-पत्नी तेज आवाज में करते थे बात
73 वर्षीय रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी जी के नायर और उनकी पत्नी 62 वर्षीय गोमती नायर (रिटायर्ड नर्स) थे, उम्र की वजह से दोनों अक्सर तेज आवाज में बात करते थे। वारदात वाली रात भी जब उनके घर से चीखने की आवाज आ रही थी, तो पड़ोंसियों ने उसे सुना, लेकिन किसी ने भी उस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो गये।
हत्या से पहले रिजर्वेशन
आपको बता दें कि वारदात से पहले रात साढे नौ बजे नायर ने अपनी सबसे छोटी बेटी प्रियंका को फोन कर शुक्रवार का ग्वालियर के लिये रिजर्वेशन कराने के लिये कहा था। तब तक उनके घर पर सबकुछ सामान्य था, फिर रात बारह बजे के करीब पड़ोसी रत्ना मिस्त्री ने उनके बंगले से चीखने की आवाजें सुनी, उन्होने उनके घर फोन भी किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ, फिर कुछ देर बाद आवाज भी बंद हो गई। रत्ना के अनुसार दोनों पति-पत्नी अक्सर तेज आवाज में बात करते थे, इसलिये उन्होने भी अनसुना कर दिया।
8 बजे तक दरवाजा ना खुलने पर पड़ोसी गये अंदर
शुक्रवार सुबह जब 8 बजे उनके घर काम करने वाली मोहनबाई पहुंची, गेट का ताला अंदर से ही लगा था, मोहनबाई ने आवाज दी, लेकिन कोई जबाव नहीं मिला। फिर पड़ोसी उनके गैलरी से अंदर घुसे, तो देखा, कि दंपत्ति खून से लथपथ पड़े हुए हैं। उन्होने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और मौका-ए-वारदात से सबूत इक्ट्ठा करना शुरु किया।
नौकर पर शक
मृतक की बेटी ने बताया कि उनके पापा ने 8 साल की उम्र में ही आरती को घर पर रख लिया था, उन्होने ही राजू से उसकी शादी भी करवाई थी, जब वो भोपाल आए, तो राजू और आरती को भी लेकर भोपाल आ गये। यहां पर रिटायर्ड अधिकारी ने ही राजू को भेल में बतौर ठेका मजदूर रखवा दिया था। साथ ही जब राजू की बहन की शादी हो रही थी, तो नायर ने ही उन्हें डेढ लाख रुपये दिये थे, हालांकि उन्होने कभी जोर देकर वो पैसे नहीं मांगे, लेकिन पिछले तीन महीने से राजू और आरती गायब है। सुबह जब पापा की मौत के बाद उन्हें फोन लगाकर बताया, तो उसने कहा कि वो ग्वालियर में ही है, साथ ही उन्हें इस खबर से कोई फर्क नहीं पड़ा।
दरवाजे से नहीं भागे आरोपी
पुलिस को ये बात खटक रही है, कि आखिर जब टेबल पर चाबियां रखी हुई थी, फिर भी आरोपी दरवाजा खोलकर क्यों नहीं भागे? इसके साथ ही जब अंदर से ताले और दरवाजे लगे थे, तो फिर आरोपी घर के भीतर कैसे पहुंच गये। इसके साथ गोमती नायर की पैरों में तकलीफ थी, इस वजह से वो सीढियां नहीं चढ पाती थी, ऐसे में वो कैसे पहली मंजिल पर पहुंच गई।
हत्या का मकसद
पुलिस अपनी छानबीन में हत्या का मकसद भी ढूंढ रही है, क्योंकि अगर चोरी की नियत से हत्या की गई होती, तो घर से कुछ चोरी भी किया गया होता, लेकिन घर से कोई सामान चोरी नहीं किया गया है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी है, मृतक के परिजनों और पड़ोसियों से पूछताछ की जा रही है।
गैलरी से भागने के नहीं मिले सबूत
पुलिस मौका-ए-वारदात को पूरी तरह से स्कैन कर रही है, पुलिस को पहले शक था कि हत्यारे पहली मंजिल की गैलरी से भागा है, लेकिन वहां से भी कोई निशान नहीं मिले हैं, जिससे कहा जा सके, कि गैलरी से ही हत्यारे भागे हैं। घर में काम करने वाली और सबसे पहले जिस पड़ोसी ने देखा था, पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है।