संतान सुख के बारे में किसी निसंतान से पूछें, वो ही बता सकता है बच्चे ना होने का दर्द क्या होता है । भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां की मान्यता है कि वहां से कोई भी दंपति खाली नहीं लौटता ।
New Delhi, Apr 20 : शादी के कुछ सालों बाद हर दंपति अपने परिवार को आगे बढ़ाने के बारे में सोचता है । कई बार ये मुराद झट से पूरी हो जाती है तो कई बार कुछ शारीरिक परेशानियों के चलते समस्याएं आ जाती हैं । भारमें संतान ना होने के पीछे कुंडली के योग भी कारण माने जाते हैं । ऐसे में विशेष पूजा पाठ और भगवान की भक्ति के साथ इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है । कुछ ऐसी जगहें हैं कुछ ऐसे पूजा पाठ के तरीके हैं जिनका प्रयोग कर आप निसंतान होने के दुख से पार पा सकते हैं ।
काशी के संतानेश्वर महादेव
भारत मंदिरों का देश माना गया है और यहां ऐसे कई राज्य हैं जो दवताओं की भूमि कहे जाते हैं । काशी यानी की वाराणसी एक ऐसी ही जगह है । यहां मौजूद हजारों मंदिरों में से एक हैं संतानेश्वर महादेव का मंदिर । मान्यता हे कि भकत यहां से कभी खाली हाथ नहीं लौटते । यहां भक्तों की जो भी मनोकामना हो वो पूर्ण अवश्य होती है । इस मंदिर में निसंतान दंपति मन की मुराद लिए आते हैं और झोली भरकर आशीर्वाद ले जाते हैं ।
जल्द संतान प्राप्ति के बनते हैं योग
इस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले हर निसंतान दंपति की गोद भर जाती है । जल्द संतान प्रापित के योग बनने लगते हैं । बरसों से संतान की चाह कर रहे दंपति यहां आकर ईवर से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं । इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है । जो भी दंपति सच्चे मन और श्रद्धा से इस मंदिर में पूजा – पाठ करते हैं उनकी पूजा जरूर स्वीकार होती है ।
सोमवार को विशेष अभिषेक
भोले भंडारी के विशेष दिन सोमवार को यहां संतानेश्वर महादेव का रुदाभिषेक किया जाता है । जो भी दंपति लंबे समय से संतान सुख से वंचित हों या ऐसी स्त्रियां जिन्हें गर्भ नहीं ठहरता या फिर बार-बार गर्भपात होता है, वो यहां सोमवार को रुद्राभिषेक करवाएं । इस मंदिर के दर्शन मात्र से बड़ी से बड़ी समस्या दूर हो जाती है । मंदिर में सोमवार के दिन भक्तों की भारी भीड़ रहती है ।
काशी विश्वनाथ की मान्यता
काशी विश्वनाथ शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में आदि शंकराचार्य, संत एकनाथ रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्वामी तुलसीदास आए थे।
निसंतान दंपति ये करें
संतान ना होने की पीड़ा एक दंपति के लिए नासूर की तरह होती है । अपने इस अकेलेपन को दूर करने के लिए नारायण की उपासना आपको मदद करेगी । एकादशी के व्रत का पालन दंपति संयुक्त रूप से करें । सुबह सवेरे नहा-धोकर श्री कृष्ण की पूजा करें । प्रभु को पीले फल, पीले फूल, तुलसी और पंचामृत चढ़ाएं । इसे बाद संतना गोपाल मंत्र का जाप करें ।
संतान गोपाल मन्त्र
संतान गोपाल मंत्र का जाप 108 बार करने से संतान की प्राप्ति अवश्य होती है । विशेष तौर पर जब ये उपाय पुत्रदा एकादशी पर किया जाए तो व्रत सौ फीसदी सफल रहता है । मंत्र इस प्रकार है – ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।। इस मंत्र का जाप करने के बाद दंपति प्रसाद ग्रहण करें और मनोरथ की कामना एक बार फिर करें ।