अगले CDS हो सकते हैं मनोज मुकुंद नरवणे, कश्मीर और पूर्वोत्तर के रहे हैं एक्सपर्ट, जानिये उपलब्धियां

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नरवणे ने अपनी स्कूली शिक्षा पुणे के जनान प्रबोदिनी प्रशाला से पूरी की, फिर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे फिर भारतीय सैन्य एकेडमी देहरादून के छात्र रहे।

New Delhi, Dec 11 : थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे का नाम अगले सीडीएस की दौर में सबसे आगे माना जा रहा है, बिपिन रावत के आकस्मिक निधन के बाद कहा जा रहा है कि उन्हें सेना प्रमुख की जिम्मेदारी मिल सकती है। आइये आपको बताते हैं कि भारतीय थल सेना के प्रमुख कौन हैं, उनके नाम क्या-क्या उपलब्धियां है, अब तक उन्होने क्या-क्या किया है।

नरवणे ने अपनी स्कूली शिक्षा पुणे के जनान प्रबोदिनी प्रशाला से पूरी की, फिर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे फिर भारतीय सैन्य एकेडमी देहरादून के छात्र रहे। MM Naravane उन्होने मद्रास विश्वविद्यालय चेन्नई से रक्षा अध्ययन में मास्टर डिग्री तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से रक्षा और प्रबंधन में एमफिल की डिग्री हासिल की है। उनके पास कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस का काफी अनुभव है। उन्होने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और इन्फेंट्री बिग्रेड की कमान संभाली हैं।

विदेश में भी काम
एमएम नरवणे श्रीलंका में शांति मिशन दल का भी हिस्सा रह चुके हैं, वो म्यामांर में भारतीय दूतावास में 3 साल तक भारत के रक्षा अताशे रहे हैं, 2017 में वो गणतंत्र दिवस परेड के कमांडर भी थे। उन्होने जून 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री रेजीमेंट की सातवीं बटालियन में कमीशन मिला था, सेना की ओर से जारी एक बयान के अनुसार उनके पास सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करने का लंबा अनुभव है। उन्हें जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन की कमान प्रभावी तरीके से संभालने को लेकर सेना पदक मिल चुका है।

पूर्वोत्तर में भी काम
उन्हें नागालैंड में असम राइफल्स (उत्तरी) के महानिरिक्षक के रुप में उल्लेखनीय सेवा को लेकर विशिष्ट मेडल मिला है, नरवणे को प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने को लेकर अतिविशिष्ट सेवा मेडल से भी नवाजा जा चुका है, उन्हें परम विशिष्ठ सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया है।