सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर का रिश्ता बेहद खास था, दोनों एक-दूसरे का काफी सम्मान करते थे।
New Delhi, Feb 06 : भारत रत्न लता मंगेशकर हमेशा के लिये खामोश हो गई, हालांकि उनकी आवाज लोगों के कानों में गूंजती रहेगी, उन्होने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली, वो बीते 28 दिन से अस्पताल में थी, उनके निधन से पूरा देश दुखी है, लता दीदी का पहला प्यार भले ही संगीत हो, लेकिन क्रिकेट के प्रति दीवानगी भी कुछ कम नहीं थी, वो भारतीय टीम का मैच देखने का मौका नहीं छोड़ती थी, सचिन तेंदुलकर उनके पसंदीदा क्रिकेटर थे, ये बात किसी से छुपी नहीं, वो सचिन को लेकर अपनी बात अकसर कहती थी।
सचिन से खास लगाव
सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर का रिश्ता बेहद खास था, दोनों एक-दूसरे का काफी सम्मान करते थे, दोनों के रिश्ते की एक खास बात ये थी कि हर साल एक-दूसरे के जन्मदिन पर शुभकामना देना नहीं भूलते थे, सचिन के लिये लता दीदी मां की तरह थी, सचिन कई बार इस बात को कह चुके थे, खुद लता दीदी ने सचिन से अपने रिश्तों के बारे में कहा था, सचिन मुझे आई (मां) की तरह मानते हैं, और मैं भी एक मां की तरह उनकी सलामती और बेहतर प्रदर्शन के लिये हमेशा प्रार्थना करती हूं।
भावुक हो गई थी लता
लता मंगेशकर ने एक किस्सा साझा करते हुए कहा था कि कैसे सचिन के पहली बार मां कहने पर वो भावुक हो गई थी, उन्होने कहा था कि मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकती, जब सचिन ने पहली बार मुझे आई कहा था, मेरे लिये ये हैरान करने वाला था, क्योंकि मुझे ये उम्मीद नहीं थी, कि सचिन ऐसा कहेंगे, मैं उनके मुंह से ये शब्द सुनकर भावुक हो गई थी, मैं सचिन जैसा बेटा पाकर खुद को खुशकिस्मत मानती हूं।
सचिन को भारत रत्न की वकालत
2017 में मास्टर-ब्लास्टर पर डॉक्यूमेंट्री सचिन- ए बिलियन ड्रीम्स आई थी, तब लता मंगेशकर में ट्वीट किया था, नमस्कार आपकी जो फिल्म आ रही है, इसमें भी आप क्रिकेट मैदान की तरह चौके और छक्के मारकर धूम मचा दें, यही कामना है, इस पर सचिन ने लिखा था, मां के आशीर्वाद बिना चौके-छक्के कभी नहीं लगते, आप मेरे लिये मां समान हो, आपके आशीर्वाद के लिये धन्यवाद, सचिन को 2017 में भारत रत्न मिला था, लता दीदी ने इससे पहले कई मौकों पर उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान देने की वकालत की थी।