यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को रूस ने बना दिया अलग देश,भेजी सेना, पुतिन ने आखिर ऐसा क्‍यों किया?

रूस-यूक्रेन विवाद के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा ऐलान करते हुए दो अलगाववादी क्षेत्रों को अलग देश बना दिया है । इस ऐलान के बाद दोनों देशों के बीच चल रहा तनाव और बढ़ सकता है ।

New Delhi, Feb 22: रूस और यूक्रेन के बीच जंग के हालात, पूरी दुनिया सांसें थामें बैठी हुई है । लेकिन इस बीच सोमवार देर शाम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने राष्ट्र को संबोधित किया, इस संबोधन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा ऐलान कर दिया । रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले दो प्रांतों को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने के कानून पर साइन कर दिए, रूस के इस फैसले के बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ने की उम्मीद है।

स्‍वतंत्र देश
पुतिन के इस दस्तखत के बाद रूस की नजरों में अब लुहांस्क और डोनेस्टक स्वतंत्र देश हैं, पुतिन ने टीवी पर आकर देश को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया । इसके साथ ही पुतिन ने यूक्रेन पर बयानों से वार किया, उन्होंने यूक्रेन को राष्ट्र मानने से भी इंकार दिया । पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन जल्द ही परमाणु बम बनाने की तरफ बढ़ रहा है । वहीं अमेरिका का कहना है कि रूस 1 लाख 90 हजार सैनिकों के साथ यूक्रेन पर हमला करने की योजना बना रहा है।

क्या हैं अलगाववादी क्षेत्र?
दरअसल यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहान्स्क में रूस समर्थित अलगवावादी रहते हैं, इन दोनों क्षेत्रों को मिलाकर डोनबास के नाम से जाना जाता है। यह इलाका 2014 में ही यूक्रेन सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गया था और वे खुद को ‘पीपल्स रिपब्लिक’ मानते हैं। यूक्रेन ने इस बारे में कहा था कि यहां हुई लड़ाई में 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए ।  रूस अलग-अलग तरह से यहां के अलगाववादियों को समर्थन करता रहा था। रूस ने यहां के लोगों को लगभग 80 लाख पासपोर्ट दिए। इसके अलावा रूस इनके लिए वैक्सीन, आर्थिक मदद और अन्य सामग्रियों की भी व्यवस्था करता रहा है।

मान्यता देने का क्या मतलब है?
रूस के मुताबिक डोनबास यूक्रेन का हिस्सा नहीं है। रूस इस इलाके में अपनी सेना भेजता रहता है और कहता है कि यूक्रेन से इन लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है। पिछले महीने भी यहां के अलगाववादियों ने रूस से मदद मांगी थी। इस वजह से यहां यूक्रेन और रूस के सैनिकों के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है।
मिन्स्क पीस प्रॉसेस के बारे में जानिए
तनाव रोकने के लिए 2014-15 में एक समझौता हुआ था जिसे मिन्स्क पीस अग्रीमेंट कहा जाता है । रूस ने अब इस समझौते का उल्लंघन किया है। इसके तहत आपसी बातचीत के जरिए समस्या का हल निकालने की बात की गई थी। लेकिन दोनों ही देशों ने इसका पालन नहीं किया। आपको बता दें रूस जॉर्जिया के साथ भी 2008 में ऐसा कर चुका है, तब उसने एक छोटा युद्ध छेड़ा और जॉर्जिया के दो क्षेत्रों को अपने में मिला लिया । रूस की तब भी खूब आलोचना हुई थी।