‘नवरात्रि में मीट शॉप बंद हों!’ उमर अब्‍दुल्‍ला ने पूछा लिया पीएम मोदी से ये सवाल

नवरात्रि के दौरान साउथ दिल्‍ली में मीट शॉप बंद रखने का फैसला लिया गया है, जिसे लेकर ओवैसी के बाद अब उमर अब्‍दुल्‍ला ने भी सवाल उठाया है ।

New Delhi, Apr 06: राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी जिले में नॉन वेज की दुकानें नवरात्रि के दौरान बंद कराने के फैसले पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बाद नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी रिएक्‍ट किया है । अब्‍दुल्‍ला ने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि अगर दक्षिण दिल्ली के लिए बहुसंख्यकवाद सही है तो जम्मू-कश्मीर के लिए भी इसे सही होना चाहिए ।

ओवैसी ने साधा था पीएम मोदी पर निशाना
मीट शॉप बंद करने के आदेश पर AIMIM के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए सीधे-सीधे पीएम मोदी को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा था कि इस फैसले की वजह से लोगों की इनकम को होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मांस अशुद्ध नहीं है, यह सिर्फ लहसुन या प्याज जैसा भोजन है।’

उमर अब्‍दुल्‍ला का ट्वीट
नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के नेता और जम्‍मू कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री रह चुके उमर अब्‍दुल्‍ला ने एएनआई के इस ट्वीट को शेयर करते हुए सवाल पूछा जिसमें साउथ एमसीडी के मेयर ये बता रहे थे कि नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया है । उमर ने ट्वीट किया- रमजान के दौरान हम सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच भोजन नहीं करते हैं। मुझे लगता है कि यह ठीक है अगर हम हर गैर-मुस्लिम निवासी या पर्यटक को सार्वजनिक रूप से खाने से प्रतिबंधित करते हैं, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। अगर दक्षिण दिल्ली के लिए बहुसंख्यकवाद सही है, तो उसे जम्मू-कश्मीर के लिए भी सही होना चाहिए।

ये है मामला
दरअसल, हर साल नवरात्रि के दौरान देश के कई हिस्सों में मीट की दुकानें वैसे ही बंद हो जाती हैं । लेकिन इसे लेकर इस बार दक्षिणी दिल्ली के मेयर ने मीट बैन को लेकर आदेश जारी कर दिया । मेयर मुकेश सूर्यान ने अपनी चिठ्ठी में लिखा, ‘नवरात्रों के मद्देनजर हिंदू अपने देवी देवताओं की पूजा करते हैं, लेकिन कई जगह खुले में मांस बेचा जाता है. इससे भावनाएं आहत होती हैं. नवरात्रि के दौरान पूरी तरह लोग शाकाहार पर होते हैं और नॉनवेज, शराब के साथ ही कुछ खास मसालों से भी परहेज करते हैं. इस दौरान लोग प्याज और लहसुन भी नहीं खाते, ऐसे में मंदिरों के आसपास मीट की दुकानों से वो असहज हो सकते हैं. इसलिए 11 अप्रैल तक मांस की दुकानों को बंद करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं.’