New Delhi, May 25 : नवजात शिशुओं के साथ पुराने जमाने में मांएं बस लगी ही रहती थीं, सुबह हो या शाम बच्चे का पूरी तरह से ध्यान रखना मां का ही काम होता था । फिर रात भर बच्चे को उसकी नींद में चेक करते रहना, उसे फीड करना या कुछ और । बदलती लाइफस्टाइल में पैरेंट्स के लिए ये सब थोड़ा आसान हो गया है । बच्चे को बार-बार नींद में चेक करने की जगह डायपर ने ले ली है । रात को पहनाएं और चैन की नींद सो जाएं । डायपर ना हो तो मां-बाप परेशान से हो जाते हैं कि कहीं वो सूसू-पॉटी ना कर दे तो ।
डायपर के साथ रखनी होती है सावधानी
नवजात शिशुओं को डायपर पहनाना बहुत ही कंफर्टेबल होता है । पैरेंट्स के लिए भी और बच्चे के लिए भी । लेकिन डायपर के साथ बच्चे का
बच्चे का डायपर कितने समय पर बदलें
कपड़े की लंगोट पहनाने की बजाय बच्चे को डायपर पहनाना ज्यादा सेफ है । एक डायपर बच्चे के 4 से 5 बार के सूसू को सोख सकता है ।
सोते हुए डायपर पहना रहे हैं तो ये ध्यान रखें
अगर आप अपने बच्चे को रात में डायपर पहना रहे हैं और बच्चे को रात में फीड भी कराते हैं तो आपको कम से कम 5 से 6 घंटे बाद डायपर
दिनभर डायपर पहनाना जरूरी नहीं
रात को बच्चे को डायपर पहनाना सही रहता है, बच्चा भी चैन की नींद सोता है और मां-बाप भी सुकून से रह पाते हैं । लेकिन बच्चे को दिन भर
इन बातों का ख्याल जरूर रखें
बच्चे का डायपर समय पर ना बदला जाए तो बच्चे को एलर्जी हो सकती है, जो ध्यान ना देने पर फंगल इनफेक्शन में बदल सकती है । बच्चे को
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