स्वास्थ्य

प्रेग्‍नेंसी में हो सकती है भूलने की बीमारी, प्रेग्‍नेंट ब्रेन की इस स्थिति से कैसे निपटें

प्रेग्‍नेंसी में महिलाओं के अंदर कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके चलते उनमें कई तरह के बदलाव आते हैं । इन दिनों कुछ खास तरह की बीमारियां प्रेग्‍नेंसी में आम है । आगे जानिए ऐसी ही एक प्रॉब्‍लम के बारे में ।

New Delhi, Jul 17 : कहते हैं स्‍त्री का दूसरा जीवन होती है प्रेग्‍नेंसी । इस दौरान शरीर में आने वाले बदलाव, महिला को पूरी तरह से बदल देते हैं । एक शरीर में पल रही नन्‍ही जान का विकास मां के शरीर पर भी कई तरह से प्रभाव डालता है । ये स्‍त्री की कार्यक्षमता, शारीरिक बनावट के साथ मानसिक रूप से भी प्रभाव डालता है । कई बार महिलाओं याद्दाश्‍त की कमी जैसी समस्‍या भी देखने को मिली है ।

क्‍या है मॉमनेसिया या प्रेग्‍नेंट ब्रेन ? 
आज से पहले शायद ही आपने ऐसी किसी समस्‍या का नाम सुना हो । जिस तरह से याद्दाश्‍त में कमी की बीमारी एम्‍नेसिया कहलाती है उसी तरह प्रेग्‍नेंसी के दौरान होने वाली मैमोरी प्रॉब्‍लम मॉमनेसिया ये प्रेग्‍नेंट ब्रेन कहलाती है । ये कंडीशन गर्भावस्‍था के समय या प्रसव के बाद हो सकती है । नई बनी मांओं में ये समस्‍या हो सकती है । परेशान होने की जरूरत नहीं क्‍योंकि समय रहते ये ठीक की जा सकती है ।

ये हो सकते हैं करण
प्रेग्‍नेंसी के समय दिमाग की कार्यप्रणाली में किसी भी गड़बड़ी के लिए सबसे पहले हार्मोनल बदलावों को जिम्‍मेदार ठहराया जाता है । कई रिसर्च ये बताती हैं कि यह गड़बड़ी न्‍यूरल नेटवर्क यानी कि दिमाग के तंत्र पर भी असर डालती हैं । न्‍यूरल नेटवर्क मां और बच्‍च्‍े के गर्भ के समय बनने वाले कनेक्‍शन को और बेहतर बनाता है । प्रेग्‍नेंसी में सही डाइट न लेना, बहुत अधिक काम करना, कम नींद हो पाना जैसी वजहें हो सकती हैं ।

ये बातें ना करें इग्‍नोर
डॉक्‍टर्स के मुताबिक तनाव, काम में मन न लगना और भूख में कमी इसके लक्षण हारे सकते हैं । ये समस्‍या प्रेग्‍नेंसी के पांचवें महीने में दिखाई देने लगती है । मां से इस समस्‍या का असर बच्‍चे पर नहीं पड़ता । प्रेग्‍नेंसी में कुछ चीजें भूल जाना, याद्दाश्‍त में कमी होना इस बीमारी के गंभीर लक्षण है । ऐसे में अपने डॉक्‍टर को इस बारे में जरूर बताएं । जरूरत पड़े तो मनोचिकित्‍सक की सलाह लेने से भी पीछे ना रहें ।

क्या कहती है स्‍टडी ?
एक न्यूरोसाइकोलॉजिकल रिसर्च में 1000 महिलाओं को शामिल किया गया । जिसमें 412 गर्भवती, 272 मांएं और 386 ऐसी महिलाएं थीं जो गर्भवती नहीं थीं । इन सभी को एक मैमोरी टेस्‍ट से गुजारा गया । जिसके परिणाम में ये ही पता चला कि गर्भवती महिलाओं को मैमोरी से जुड़े प्रश्‍नों और कार्यों में अधिक तकलीफ का सामना करना पड़ा । हालांकि इससे निकलने वाले परिणाम पर वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं ।

मैमोरी प्रॉब्‍लम से बचने के लिए ये करें
लाइफस्‍टाइल में सुधार कर इस समस्‍या को ठीक किया जा सकता है । योग और व्यायाम के जरिए दिमाग को स्‍वस्‍थ रखिए । संतुलित आहार लें । गर्भावस्‍था के दौरान किसी कार्य को करने में तनाव ना लें । घर में एक व्यवस्था बनाकर चलें । पर्याप्त नींद लें, ये सबसे ज्‍यादा जरूरी है । नींद पूरी न होने पर दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है ।

IBNNews Network

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