New Delhi, May 27 : अगर आप भी किसानी पृष्ठभूमि से होंगे, तो आपके मन में बार-बार ये सवाल आता होगा, कि आखिर खेत से आपकी कॉलोनी या सोसाइटी तक आते-आते सब्जियां इतनी महंगी क्यों हो जाती है ? ये सवाल आईआईएम अहमदाबाद के एक टॉपर के मन में भी आता था। इसलिये एमबीए में गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद वो किसी कंपनी में मैनेजर या सीईओ बनने के बजाय वो काम किया, जिससे लाखों लोगों के लिये रोल मॉडल बन गये। किसान के बेटे ने एक कंपनी खड़ी कर दी, जिससे ना सिर्फ वो करोड़पति बन गये, बल्कि 22 हजार से ज्यादा किसानों को भी लाभ मिला।
करोड़ों का पैकेज ठुकरा सब्जी की दुकान खोली
देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान आईआईएम अहमदाबाद से पढाई करने के बाद कई मल्टी नेशनल कंपनियां उनका इंतजार कर रही थी,
पहले दिन सिर्फ 22 रुपये की बिक्री
कौशलेन्द्र ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो अहमदाबाद से पटना आये थे और सब्जी की दुकान खोली थी, तो उनके फैसले से हर कोई हैरान था,
अलग फैसला लिया
कौशलेन्द्र (36 साल) ने बताया कि पढाई करने के बाद नौकरी करना सबसे आसान काम था, लेकिन मेरे मन में कुछ और ही चल रहा था, मैं चाहता था कि
किसानों को नहीं मिलती अच्छी कीमत
उन्होने आगे बताते हुए कहा कि मैंने देखा था कि छोटे और मंझोले किसान सब्जियां उगाते हैं, लेकिन उन्हें सही कीमत नहीं मिलती थी।
आसान नहीं था काम
कौशलेंन्द्र के अनुसार ये काम इतना आसान नहीं था, पहले तो एमबीए पढा हुआ लड़का सब्जी बेचेगा, फिर किसानों को इस बात के लिये तैयार करना, और आखिर में सब्जी खरीदने वाला कस्टमर ढूंढना। गोल्ड मेडेलिस्ट ने कहा कि किसानों की सोच बदलना इतना आसान काम नहीं था।
छोटे किसानों से मिले
कौशलेन्द्र ने कहा कि एक वो दिन था और एक आज का दिन है, आज उनके साथ 22 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं, 85 लोगों का स्टाफ है,
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