बुधवार को है सफला एकादशी, इनमें से कर लें कोई भी एक उपाय, विष्‍णु पूजा से होगा ये लाभ

साल की अंतिम एकादशी, सफला एकादशी 13 दिसंबर यानी बुधवार को पड़ रही है । इस दिन कुछ उपाय करने से श्रीविष्‍णु प्रसन्‍न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ।

New Delhi, Dec 12 : पौष मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी सफल एकादशी कही जाती है । अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये इस वर्ष की अंतिम एकादशी है । एकादशी भगवान श्रीविष्‍णु की आराधना का दिन है, इस दिन उनकी आराधना, पूजा अर्चना करने से मनोकामनाएं पूर्णे होती है । सफला एकादशी पर आप किस प्रकार भागवान हरि विष्‍णु को प्रसन्‍न कर सकते हैं आइए आपको बताते हैं । साथ ही जानिए पूजा का मुहूर्त भी ।

पीले वस्‍त्र चढ़ाएं
भगवान विष्णु को पीतांबर धारी कहा जाता है । अर्थात वो पीले वस्‍त्र पहनना पसंद करते हैं । श्रीकृष्‍ण भी पीले वस्‍त्रों में खूब सजते हैं । सफला एकादशी पर भगवान को भोग, वस्‍त्र आदि समर्पित करते हैं, इस दिन यदि आप भगवान विषणु के मंदिर जाकर उन्‍हें पीताम्‍बर यानी पीला वस्‍त्र चढ़ाते हैं तो भगवान आपसे प्रसन्‍न होते हैं । वो आपकी मनोकामनाओं को सफल बनाते हैं ।

खीर का भोग
भगवान विष्णु के कृष्‍ण अवतार को गैया कितना भाती थीं ये तो आप जानते ही होंगे ।  विष्णु के इस रूप को दूध, घी , माखन खाना बड़ा पसंद

है । सफल एकादशी पर भी यही उपाय करें और भगवान विष्णु को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं । एक तुलसी का पत्‍ता डालना ना भूलें । धर्म शास्‍त्रों के अनुसार विष्‍णु जी को चढ़ाए भोग में तुलसी का होना अनिवार्य है । उसमें तुलसी के पत्ते भी डालें।

पीले रंग का भोग
सफला एकादशी के दिन भगवान विषणु को पीले फलों का भोग लगाएं । आम, केला जो भी संभव हो, मंदिर में चढ़ाएं और इसके बाद इस प्रसाद के रूप में बच्‍चों के बीच बांट दें । इस दिन पीले रंग की मिठाई का भोग भी लगाया जाता है । भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है और इसकी वस्‍तुएं समर्पित कर आप प्रभु की विशेष कृपा प्राप्‍त कर सकते हैं ।

तुलसी की माला
सफला एकादशी पर भगवान विष्णु को तुलसी की माला चढ़ाएं । इससे भगवान प्रसन्‍न होंगे । आपके द्वारा मांगी गई मनोकामना जल्‍द ही पूरी

होगी । एक तुलसी की माला में 108 मनके होते हैंख्‍ इसका प्रयोग जप माला के रूप में किया जाता है । तुलसी की माला बहुत ही पवित्र होती है, भगवान विष्‍ण इसे सदैव अपने पास रखते हैं । आपकी ओर से अर्पित की गई ये माला भगवान तक सीधे पहुंचती है ।

इस रंग के पुष्‍प चढ़ाएं
भगवान विषणु को पसंदीदा रंग है पीला इसलिए उन्‍हें पीले रंग के पुष्प चढ़ाए जाते हें । भगवान विष्णु को कमल का फूल भी चढ़ाया जाता है । उनकी पूजा में कमल का पुष्‍प विशेष महत्‍व रखता है । कमल का पुष्‍प महालक्ष्‍मी की पूजा में भी इस्‍तेमाल किया जाता है । श्री विष्‍णु के एक हाथ में कमल का पुष्‍प भी विराजमान रहता है । लेकिन ये फूल बड़ी आसानी से नहीं मिलता इसलिए सफला एकादशी के दिन आप भगवान को पीले फूल भी चढ़ाकर कृपा पा सकते हैं ।

इत्र चढ़ाएं
ईश्‍वर को खुशबू अति प्रिय होती हैं । इन्‍हें पुष्‍प भी इसीलिए समर्पित किए जाते हें । एकादशी के व्रत में आप पर भगवान विष्णु को कदंब या

फिर हरश्रृंगार का इत्र अर्पित करें । इत्र की खुशबू की ही तरह आपकी मनोकामना भी ईश्‍वर तक पहुंचेगी ओर वो आपकी मनोकामना को पूर्ण करेंगे । भगवान विषणु और लक्ष्‍मी की साथ में अराधना करना शुभ माना जाता है ।

पूजा का मुहूर्त
सफला एकादशी की पूजा का एक विशेष समय होता है । एकादशी के दिन प्रात:काल में स्‍नान आदि करने के बाद आप भगवान विष्‍णु की आराधना प्रारंभ करें । सुबह 9:25 बजे से 10:25 बजे तक शुभ मुहूर्त है । संध्‍या काल में तुलसी माता के समक्ष दिया जलाकर व्रत का समापन करें । पूजा के समय इस विशेष मंत्र का जप करें, मनोकामनाएं पूर्ण होंगी । पूजन मंत्र: इस प्रकार है – ॐ सत्य-नारायणाय सिद्धाय नमः॥

श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को समझाया था सफला एकादशी का महात्म
कथानुसार – चंपावती के राजा महिष्मत का सबसे छोटा पुत्र लुंपक अति दुष्ट था। दु:खी होकर राजा ने उसे राज्य से निकाल दिया। जंगलों में

भटकते हुए उसे 3 दिन तक भूखा रहना पड़ा। भूख से दु:खी उसने साधु की शरण ली। उस दिन सफला एकादशी होने के कारण उसे भोजन नहीं मिला। साधु ने उसे वस्त्रादि देकर उसका सत्कार किया। जिससे लुंपक का हृदय परिवर्तित हुआ व वो वहीं रहकर भक्ति मार्ग पर चलकर एकादशी व्रत करने लगा।