22 अगस्त, बुधवार को भगवान विष्णु के समक्ष करें ये छोटा सा काम, बन जाएंगे आपके सारे बिगड़े काम

सावन माह के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी पवित्रा एकादशी कहलाती है । ये दिन 22 अगस्‍त यानी बुधवार को पड़ रहा है । जानिए इस दिन भगवान विष्‍णु की आराधना किस प्रकार करें और उनकी कृपा प्राप्‍त करें ।

New Delhi, Aug 21 : 22 अगस्‍त, बुधवार को पड़ रही है सावन मास की पवित्रा एकादशी । एकादशी भगवान विष्‍णु की पूजा का प्रमुख दिन है । आध्‍यात्‍म के जानकारों के अनुसार बुधवार को दो शुभ योग बन रहे हैं, इस कारण से इस दिन का महत्‍व और अधिक बढ़ गया है । बुधवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से श्रीवत्स योग भी बन रहा है । इस दिन सिंह राशि का सूर्य और धनु राशि का चंद्रमा होने से प्रीति नाम का शुभ योग भी बन रहा है । कुछ खास उपायों और विधि से पूजा करने पर आपके समस्‍त कष्‍टों का अंत हो जाएगा ।

व्रत की विधि इस प्रकार है
एकादशी का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको ब्रह्मचर्य प्रत का संकल्‍प लेना होगा । पवित्रा एकादशी व्रत के नियम का पालन एक दिन पहले यानी  की मंगलवार रात से ही शुरू करें । अगले दिन सुबह उठकर जरूरी काम निपटाकर साफ वस्‍त्र पहनकर ईश्‍वर के समक्ष बैठें । प्रभु के सामने ध्‍यान करें और व्रत का संकल्‍प लें । एकादशी के व्रत में आप फलहार का सेवन कर सकते हैं । इसके अतिरिक्‍त कोई और चीज ना खाएं ।

पंचामृत स्‍नान करवाएं
भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को को पंचामृत का  स्नान कराएं। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और शक्‍कर को मिलाकर तैयार किया जाता है । प्रभु को स्नान कराने के बाद चरणामृत को पूरे परिवार में वितरित करें । इसे मस्‍तक पर लगाएं और पी जाएं । इस दिन भगवान विष्‍णु की आराधना सच्‍चे मन से करें । भगवान को गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं । पूजा के समय विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें एवं व्रत की कथा भी सुनें।

रात्रि को ईश्‍वर के समीप सोएं
व्रत करने वाले व्‍यक्ति को भगवान विष्णु की मूर्ति के पास ही सोना होगा । अगले दिन यानी कि गुरुवार को वेदपाठी ब्राह्मणों को भोजन कराएं और सामर्थ्‍य अनुसार दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें । पवित्रा एकादशी व्रत करने से योग्य पुत्र की प्राप्ति होती है । इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है । जिन लोगों को संतति ना हो, अर्थात संतान ना हो रही हो, दंपति मिलकर इस व्रत को धारण करें और नियम पालन कर व्रत पूरा करें ।

निसंतान दंपति ये करें
संतान ना होने की पीड़ा एक दंपति के लिए नासूर की तरह होती है । अपने इस अकेलेपन को दूर करने के लिए नारायण की उपासना आपको मदद करेगी । एकादशी के व्रत का पालन दंपति संयुक्‍त रूप से करें । सुबह सवेरे नहा-धोकर श्री कृष्‍ण की पूजा करें । प्रभु को पीले फल, पीले फूल, तुलसी और पंचामृत चढ़ाएं । इसे बाद संतान गोपाल मंत्र का जाप करें ।

संतान गोपाल मन्त्र
संतान गोपाल मंत्र का जाप 108 बार करने से संतान की प्राप्ति अवश्‍य होती है । विशेष तौर पर जब ये उपाय पुत्रदा एकादशी पर किया जाए तो व्रत सौ फीसदी सफल रहता है । मंत्र इस प्रकार है – ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।। इस मंत्र का जाप करने के बाद दंपति प्रसाद ग्रहण करें और मनोरथ की कामना एक बार फिर करें ।

विशेष उपाय
पवित्रा एकादशी पर किया जाने वाला एक और विशेष उपाय है । सुबह-सुबह  किसी विष्णु मंदिर जाएं और भगवान के सामने शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इसके बाद खीर का भोग लगाएं। भगवान से परेशानियां दूर करने के लिए प्रार्थना करें। भगवान विष्‍णु आपके कष्‍टों को हर लेंगे और आपकी कई ऐसी समस्‍याओं का नाश कर देंगे जिनके लिए आप बहुत समय से परेशान थे ।