भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक लाखों मंदिर हैं । छोटे-बड़े कई प्रकार के इन मंदिरों में हमारे आराध्य का स्थान है । इन्हीं स्थानों में कुछ जगहें हैं बहुत ही खास । आगे जानिए इनके बारे में ।
New Delhi, Aug 24 : भारत को कभी चमत्कारों का देश कहा जाता था । यहां भगवान से जुड़ी कई भांतियां प्रचलित थीं । धीरे – धीरे कर सब अंधविश्वास दूर होते रहे और व्यक्ति आस्था के सच्चे रूप को समझ सका । लेकिन अब भी हमारे देश में कई दैवीय स्थान हैं जिनसे जुड़े चमत्कार लोगों को ही नहीं विज्ञान को भी हैरान करते हैं । देश के 5 राज्यों में ऐसे ही 5 विशेष प्रकार के शिवलिंग हैं, जिनका आकार प्रतिवर्ष बढ़ रहा है । ये बहुत ही अद्भुत जानकारी आगे जानिए ।
इन राज्यों में हैं 5 मंदिर
भारत के 5 राज्यों उत्तर-प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में ऐसे शिव मंदिर हैं जो अपने चमत्कार की वजह से विश्व में विज्ञात हैं और विज्ञान के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं । इन पांचों मंदिरों में एक बात एक जैसी है, वो ये कि इन मंदिरों में बने शिवलिंग का आकार हर वर्ष बढ़ जाता है । शिवलिंग का आकार अपने आप बढ़तना, ये विज्ञान के लिए चुनौती भरा विषय है । जानिए इन शिवलिंग के बारे में ये जानकारी ।
काशी, उत्तर प्रदेश का तिल भांडेश्वर
काशी यानी बनारस और आज का वाराणसी, भगवान शिव की नगरी काशी में यूं तो कई प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं । लेकिल इनमें एक हैं बाबा तिल भांडेश्वर । ऐसा कहा जाता ये शिवलिंग सतयुग में प्रकट हुआ स्वयंभू शिवलिंग है । ऐसी मान्यता है कि कलयुग से पहले तक यह शिवलिंग हर रोत तिल के दाने के आकार में बढ़ता था । लेकिन जब लोगों को इस बारे में चिंता सताने लगी तो उन्होने ईश्वर का ध्यान किया और कहा कि प्रभु अगर ये इसी प्रकार रोज बढ़ता रहा तो एक दिन दुनिया इसी शिवलिंग में समा जाएगी । तब शि प्रकट हुए और सिर्फ मकर संक्रांति पर ही शिवलिंग के बढ़ने का वरदान दिया ।
गरियाबाद, छत्तीसगढ़ का भूतेश्वर महादेव
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गरियाबंद जिला । यहां मौजूद है एक ऐसा प्राकृतिक शिवलिंग जो हर वर्ष 6 से 8 इंच तक बढ़ जाता है । इसे भूतेश्वर महादेव भी कहा जाता है । स्थानीय लोग इसे भकुर्रा महादेव के नाम से भी पुकारते हैं । यहां पर भोलेनाथ अपने भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं । मनोकामना पूर्ण होने के बाद भक्त दोबारा मंदिर आकर ईश्वर का धन्यवाद जरूर करते हैं ।
गोधरा, गुजरात के मृदेश्वर महादेव
गुजरात के गोधरा में स्थित हैं मृदेश्वर महादेव । यहां विद्यमान शिवलिंग का आकार प्रतिवर्ष चावल के दाने के बराबर बढ़ता है । मान्यता है कि जिस दिन ये शिवलिंग मंदिर की छत को छू लेगा उस दिन दुनिया में प्रलय आ जाएगी । इस मंदिर में स्वत: ही जल की एक धारा निकलती रहती है, जो शिवलिंग का जलाभिषेक करती है । भगवान शिव का ये मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और माना हुआ है ।
खजुराहो, मध्यप्रदेश का मतंगेश्वर शिवलिंग
ये मंदिर अपने आप में बहुत ही विशेष है । इस मंदिर के बारे में मानयता ऐसी है कि यहां स्वयं भगवान विषणु के अवतार प्रभु श्रीराम ने आकर प्रार्थना की थी । भागवान शिव की पूजा आराधना की थी । इस मंदिर में सिथत शिवलिंग पूरे 18 फीट का हो चुका है । हर वर्ष तिल के दाने के आकार के बराबर बढ़न वाले इस शिवलिंग की पूजा को लोग दूर-दूर से आते हैं ।
नाहन, हिमाचल प्रदेश का पौड़ीवाला शिव मंदिर
हिमाचल प्रदेश के नाहन से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है पौड़ीवाला शिव मंदिर । इस मंदिर का संबंध रावण से माना जाता है । मान्यता है कि स्वयं रावण में इस मंदिर की स्थापना की थी । रावण शिव के अनन्य भक्त थे । इस मंदिर को स्वर्ग की दूसरी पौड़ी भी कहा जाता है । प्रत्योक महाशिवरात्रि पर यहां मौजूद शिवलिंग का आकार जौ के दाने के बराबर बढ़ जाता है । यहां के लोग मानते हैं इस शिवलिंग में स्वयं भोलेनाथ निवास करते हैं ।