दुर्भाग्‍य होगा दूर अगर अपनाएंगे शास्‍त्रों में कही गई ये 8 बातें   

आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातें बता रहे हैं जिन्‍हें आप खुश होने का मूलमंत्र समझकर गांठ बांध लीजिए । हैं तो ये रोजमर्रा की बातें जो हम जानते भी हैं लेकिन अकसर इन्‍हें इग्‍नोर कर बैठते हैं ।

New Delhi, Mar 31 : जिंदगी में आगे बढ़ने की आपाधापी में, दूसरों से ज्‍यादा बड़ा बनने की होड़ में हम सुखी होने के असल मायने ही भूल बैठे हैं । असल में सुखी जीवन के कुछ मूलमंत्र हैं जिन्‍हें जिसने भी जान लिया वो सही मायने में सुखी हो गया समझिए । सुखी रहना कोई जादू नहीं हे ओर ना ही ये कोई मुश्किल काम है । सुखी रहना एक कला है जिसेने इसे सीख लिया वो कभी दुखी नहीं होता है । क्‍या आप जानना चाहते हैं दुख में भी सुखी कैसे रहा जाता है । आगे जानिए दुर्भाग्‍य भगवाने वाले 8 मूल मंत्र ।

सभी से प्रेम से मिलें, मुस्‍करा के मिले
जब भी किसी से मिलें तो प्रेम से मिलें, आदर सत्‍कार करते हुए मिलें । हमेशा दूसरों का स्‍वागत करें । सभी के लिए एक आदर्श की स्‍थापना करें । आपका दूसरों के साथ व्‍यवहार ही आपको सभी के साथ खुश रखने की चाभी है । अगर कोई आपसे मदद मांगे तो उसे खाली हाथ ना लौटाएं । आपका जितना सामर्थ्‍य है उसके अनुसार काम करें । उस व्‍यक्ति की मदद करने की पूरी कोशिश करें ।

हमेशा आप सही नहीं हो सकते
जरूरी नहीं कि आप हर स्थिति में सही हों । खुद को दूसरों के सामने अच्‍छा दिखाने, अच्‍छा जताने की जरूरत नहीं है । आप जैसे हैं वैसे रहें । खुद खुश रहेंगे तो किसी और को खुश रख पाएंगे । सुखी जीवन का यही एक मूल मंत्र है पहले खुद खुश रहो तब दूसरों के बारे में सोचो । उतना ही करो जितना संभव है मन मारकर बेमन से किया हुआ काम कभी आपको खुश नहीं कर सकता ।

अपने लिए समय जरूर निकालें
क्‍या आप भी उन लोगों में से हैं जो किसी भी बात के लिए कहते हैं कि अरे समय कहां है इसके लिए । समय वो नहीं निकाल पाते जो समय की कीमत नहीं जानते । या अपने जीवन में अव्‍यवस्थित होते हैं । खुद के लिए समय निकालें, परिवार के लिए समय निकालें । अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दें । खुश रहना सीखें, जो वक्‍त गुजर जाएगा फिर वो कभी वापस नहीं आएगा ।

ज्ञान बांटने से कम नहीं होता
अगर आपको किसी चीज के बारे में पता है और आप इसे दूसरों के साथ बांट सकते हैं तो जरूर शेयर करें । ज्ञान बांटने से बढ़ता है, आपमें आतमविश्‍वास भी बढ़ेगा । ऐसे माहौल में जाने से बचें जहां नकारात्‍मकता का वास हो । ऑफिस का वो ग्रुप जो हमेशा दफ्तर की बुराई में लगा रहता है उससे किनारा कर लें । बार-बार नेगेटिव बातें सुनकर आपका दिमाग भी उसी दिशा में काम करने लगता है ।

शक का कीड़ा मार दें
अगर आप शक्‍की हैं तो अपनी इस आदत को बदल डालिए । शक किसी भी सुखी जीवन में नासूर का काम करता है । खास तौर पर पति-पत्‍नी में शक की दीवार कभी खड़ी नहीं होनी चाहिए । ऐसा होने से जीवन नर्क से भी बदतर हो जाता है । पति – पत्‍नी में शक का कीड़ा आपसी विश्‍वास में दीमक की तरह काम करता है, ऐसी स्थिति में आपके लिए रोजाना के कामकाज भी मुश्किल हो जाते हैं ।

वर्तमान में जीना शुरू करें
दुनिया में ज्‍यादातर लोग ऐसे हैं जो भविष्‍य की चिंता में खटते रहते हैं । उन्‍हें इस बात की फिक्र नहीं होती कि उनका वर्तमान बर्बाद हो रहा है । वो ना तो सुखी हैं और ना ही भविष्‍य की चिंता में अपने आज को देख पा रहे हैं । जरा साचिए जो कल आपने देखा ही नहीं उस कल की चिंता करके क्‍या फायदा । अगर आप आज सोएं और कल कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए और आप ही ना रहें तो ।

अपने आज को बेहतर बनाएं
एक हफ्ते बाद या महीने भर बाद या फिर आपके बुढ़ापे में समय कैसा होगा ये सोचने की बजाय आपका वर्तमान कितना अच्‍छा है एक बार इसे महसूस करके देखिए । जो चीजें आपके पास हैं उसे महसूस कीजिए और सोचिए उन लोगों के बारे में जो सामान्‍य चीजों से भी महरूम है । आपके पास आज रोटी कपड़ा और मकान है बस इतना काफी है सुखी रहने के लिए । वर्तमान को जीने वाला व्‍यक्ति ही भविष्‍य में कुछ कर पाता है । जबकि अपने आज पर रोने वाला कल कभी कुछ नहीं कर पाता ।

भविष्‍य की चिंता रहने दें
कल क्‍या होगा, किसी को नहीं पता । इसलिए भविष्‍य की चिंता में अपना आज व्‍यर्थ ना जाने दें । किसी ऐसी बात से जो बाद में होने वाली है उससे डरने की जरूरत नहीं है । डर के आगे जीत है, एक फेमस सॉफ्ट ड्रिंक की ये टैगलाइन वाकई सच है । जो डर से डर गया वो जीवन में कुछ नहीं कर सकता लेकिन जो डर से आगे बढ़ गया वो सारी दुनिया को जीत गया  ।