16 मई से अधिक मास, तो 17 से रमजान, पढिये अगले महीने बन रहे हैं दूसरे भी संयोग

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हिंदू अधिक मास में मंदिरों-आश्रमों में पूजा पाठ करेंगे, तो रमजान में मस्जिदों में नमाज और इबादत के साथ दुआ मांगने का दौर चलेगा।

New Delhi, Apr 28 : मई में दो प्रमुख धर्म के मुख्य त्योहार इस बार एक साथ आ रहे हैं, 3 साल बाद हिंदूओं का अधिक मास आ रहा है, तो मुस्लिमों का पवित्र रमजान का महीना इस बार 11 दिन पहले शुरु हो जाएगा। पूजा और इबादत के इस संयोग में दोनों धर्म के लोग एक साथ त्योहार मनाएंगे। आपको बता दें कि हिंदू अधिक मास में मंदिरों-आश्रमों में पूजा पाठ करेंगे, तो रमजान में मस्जिदों में नमाज और इबादत के साथ दुआ मांगने का दौर चलेगा।

अधिक मास और रमजान
अधिक मास 16 मई से शुरु होकर 13 जून तक चलेगा, तो Ramzaan का पवित्र महीना चांद दिखने के बाद 17 मई से शुरु हो सकता है। Ramzaanआपको बता दें कि साल 2014 से 2016 तक रमजान का महीना जून के महीने में आ रहा था। इस साल भी पिछले साल की तुलना में रमजान 11 दिन पहले शुरु होने की संभावना है। पिछले साल 28 मई से Ramzaan का पवित्र महीना शुरु हुआ था।

इस बार ज्येष्ठ का अधिकमास
उज्जैन के पंडित जी ने बताया कि अधिक मास हर तीन साल में एक बार आता है, इससे पहले साल 2015 के आषाढ महीने में अधिक मास आया था। Adhik Massइस साल ज्येष्ठ महीने में अधिक मास होगा। हिंदी कैलेंडर के अनुसार हर तीसरे साल में एक महीना दो बार आता है।

चांद दिखने के बाद रमजान शुरु
उज्जैन जिला हज कमेटी के अध्यक्ष नईम खान ने बताया कि पवित्र माह Ramzaan की शुरुआत चांद दिखने के बाद मानी जाती है, Ramzaan1कुछ साल के अंतराल में माह शुरु होने के दिन कभी घटते हैं, तो कभी बढ भी जाते हैं। साल 2014 से लेकर 2016 तक रमजान जून के महीने में आया था।

रमजान शुरु
साल 2017 में रमजान 28 मई से शुरु हुआ था, इस बार 11 दिन पहले यानी 17 मई से शुरु होगा। यदि 16 मई की रात चांद नजर आता है, ramzan-mubaraqतो मस्जिदों में तरावी की नमाज के बाद रमजान शुरु होने की घोषणा कर दी जाएगी। अगर 16 मई को चांद नहीं दिखा, तो त्योहार एक दिन बाद माना जाएगा। 17 मई से रोजे शुरु होंगे।

संयोग से दोनों एक ही महीने में
चांद के आधार पर भले रमजान के शुरुआत का फैसला हो, ये एक दिन आगे या पीछे हो सकता है, लेकिन संयोग देखिये, adhik Mass1कि दोनों धर्म के त्योहार एक महीने तक चलते हैं, और दोनों ही एक ही सप्ताह में शुरु होने वाले हैं। इसे लेकर अब बाजारों में भी उत्साह देखने को मिलेगा।

30 को वैशाख पूर्णिमा, 1 मई को शब-ए-बारात
इसे भी संयोग ही कहा जाएगा, कि 30 अप्रैल को वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा, उसके अगले दिन शब-ए-बारात का त्योहार रहेगा। Ramzaan12वैशाख पूर्णिमा हिन्दुओं के लिये कर्म-धर्म, पूजा-पाठ, पवित्र नदियों में स्नान, और दान-पुण्य के लिये बड़ा पर्व माना जाता है। वहीं शब-ए-बारात का दिन मुस्लिम समाज के लिये खुदा की इबादत का मुख्य दिन होता है।