चंद्रमा के एक अशुभ योग के कारण व्यकित के जीवन में विवाह से लेकर धन संबंधी कई समस्याएं आ सकती हैं । जानें इस अशुभ योग को क्या कहते हैं और इसका निदान क्या है ।
New Delhi, May 08 : जन्म कुंडली में कुछ अशुभ योग के कारण व्यक्ति जीवन भर चुनौतियों का सामना करता ही रहता है । चंद्रमा का मनुष्य के जीवन में बहुत प्रभाव होता है । ये व्यक्ति के मन पर असर करता है । कुंडली में चंद्रमा को लेकर समस्याएं हों तो जीवन में बहुत बड़ी मुश्किलें आ सकती हैं । लेकिन कुंडली में चंद्रमा का अशुभ योग केमद्रुम हो तो समस्याएं बहुत बड़े रूप में आ सकती हैं । ये व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र में असर करता है ।
क्या है केमद्रुम योग ?
चन्द्रमा से तीन प्रकार के शुभ योग बनते हैं. अनफा, सुनफा और दुरधरा और एक अशुभ योग भी बनता है जिसका नाम है केमद्रुम । या आप इसे ऐसे समझ सकते हैं, यदि किसी कुंडली में चन्द्रमा के अगले और पिछले दोनों ही घरों में कोई ग्रह न हो तो या कुंडली में जब चन्द्रमा द्वितीय या द्वादश भाव में हो और चन्द्र के आगे और पीछे के भावों में कोई अपयश ग्रह न हो तो केमद्रुम योग का निर्माण होता है ।
अशुभ योग का असर
कुंडली में केमद्रुम योग हो तो बहुत सारे शुभ योग निष्फल हो जाते हैं । यह व्यक्ति को मानसिक पीड़ा और दरिद्रता देता है । इस योग के चलते जातक जीवनभर धन की घोर कमी, गंभीर रोग, आकस्मिक संकट, वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल से जुझता ही रहता है । इसका सीधा असर व्यक्ति के मन और संस्कारों पर पड़ता है । इसीलिए इस अशुभ योग का निदान समय पर करना अति आवश्यक है ।
केमद्रुम योग कब भंग होता है
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार जब चन्द्रमा से अष्टम या छठवें भाव में शुभ ग्रह हों तो ये अशुभ योग भंग हो जाता है । इसके अलावा जब कुंडली में शुभ ग्रह मजबूत हों, या जब केंद्र में केवल शुभ ग्रह हों । या फिर कुंडली में जब बृहस्पति केंद्र में हों । इन सब स्थितियों में ये योग भंग हो जाता है ऐसा माना जाता है । इससे बचने के उपाय आगे बताए जा रहे हैं ।
केमद्रुम योग से बचने के उपाय
इस अशुभ योग के बारे में पता चलने के बाद कुछ उपाय अवश्य करें, केमद्रुम योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए अपनी माता के चरण स्पर्श करें, यदि वो पास ना रहती हों तो उनकी तस्वीर देखकर ही प्रणाम करें । या फिर मां समान स्त्री के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें इसके अलावा शरीर पर चांदी का कोई एक आभूषण जरूर धारण करें । रोज शाम को “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का जप करें ।
शिव आराधना से समाधान
शिव जी की भक्ति करने से चंद्रमा के अशुभ योग केमद्रुम योग का अंत हो जाता है । इसके लिए शिव की नियमित रूप से आराधना करें प्रत्योक सोमवार को सफेद चीजों का दान करें, दूध, चावल या चीनी का दान कर सकते हैं । महीने में एक बार शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाएं और जल से अभिषेक करें । ऊं नम: शिवाय के साथ चंद्रमा के मंत्र का भी जाप करें ।