सास से बिल्कुल नहीं बनती है तो करें ये 4 उपाय, राशिनुसार जानें आपका सास के साथ संबंध कैसा रहेगा ?

जिस घर की बागडोर सास के हाथों में थी वो अब बहू के हाथ में जानी होती है । सब उसी प्रकार चलता रहे इसके लिए सास-बहू को समझाने का प्रयत्‍न करती है । जानें उपाय …

New Delhi, Mar 09 : भारत में शादी दो लोगों की नहीं बल्कि दो परिवारों की होती है । शायद इसीलिए अब तक यहां लव मैरिज के कॉन्‍सेप्‍ट को पूरी तरह से स्‍वीकृति नहीं मिली है । मां-बाप अपनी पसंद से लड़का और लड़की के लिए जीवनसाथी का चुनाव करते हैं, इसके लिए उनके परिवार को जांचा परखा जाता है, कुंडली का मिलान होता है और तब जाकर कहीं शादी तय होती है । शादी के बाद सास-बहू का रिश्‍ता बहुत ही नाजुक माना जाता है । इस रिश्‍ते में आने वाली दिक्‍कतों की वजह और जानें उसके उपाय ।

सास-बहू का नाजुक रिश्‍ता
सास और बहू का रिश्‍ता इतना नाजुक क्‍यों माना गया है । ये सवाल मुश्किल है लेकिन इसका जवाब बड़े आसान से शब्‍दों में जाना जा सकता है । सास-बहू का रिश्‍ता एक तरह से सत्‍ता परिवर्तन की तरह माना जा सकता है । जिस घर की बागडोर सास के हाथों में थी वो अब बहू के हाथ में जानी होती है । सब उसी प्रकार चलता रहे इसके लिए सास बहू को समझाने का प्रयत्‍न करती है । लेकिन रिश्‍ता यहीं अच्‍छे से ना बन पाए तो रिश्‍तों में कड़वाहट आना स्‍वाभाविक है ।

सास से रिश्‍ते मधुर करने के उपाय
अगर आप सास से अपने बिगड़ते रिश्‍तों को मधुर करना चाहती हैं तो इसके कुछ ज्‍योतिषीय उपाय आगे बताए जा रहे हैं । लेकिन इन उपायों के साथ सास और बहू दोनों को ये सलाह दी जाती है कि अगर आप दोनों एक दूसरे को सास-बहू की तरह नहीं एक मां-बेटी के रिश्‍ते में ढाल लें तो आपके लिए राहें आसान हो जाएंगी । उपाय की जरूरत ही नहीं होगी, क्‍योंकि मां-बेटी में झ़प, रूठना और फिर मनाना आम बात है ।

करें ये उपाय
शास्‍त्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं । वो उपाय इस प्रकार हैं –  नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करें, शुक्रवार को खट्टी चीज़ों का सेवन न करें,  मंगलवार को मीठी चीज़ खुद पकाकर सास को खिलाएं । ये उपाय आप सच्‍चे मन और श्रद्धा के साथ करें, साथ ही सास के साथ रिश्‍तों को मजूबत करने के लिए उन्‍हें भी अपनी मां का दर्जा दें ।

ये चीजें सास को कभी ना दें
ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार सास को कभी भी कांच की वस्तुएं उपहार में नहीं देनी चाहिए । ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है । सास के साथ सुहाग का सामान कभी भी शेयर नहीं करना चाहिए । अगर उन्‍हें किसी चीज की आवश्‍यकता हो तो आप उन्‍हें बाहर से नई सुहाग की वस्‍तु खरीदकर दें । अपने सुहाग के सामान में से कुछ भी सास के साथ शेयर ना करें ।

राशियों का सास के साथ संबंध
मेष राशि – सास का स्वभाव काफी तेज रहता है । उनको अपने कामों में किसी की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं होती, इसी कारण से सास-बहू में तनाव बना रहता है ।
वृष राशि – सास का स्वभाव नरम – गरम होता है । कभी तो बहुत प्यार करती हैं और कभी अपने जबरदस्त क्रोध में आ जाती हैं । यहां तालमेल मिलाजुला ही रहता है ।
मिथुन राशि – आपकी सास आपके साथ बहुत घुलमिलकर रहती हैं । लेकिन वैचारिक और बौद्धिक रूप से बहस अकसर होती है । कुल मिलाकर तालमेल ठीक ही रहता है ।

कर्क राशि
इस राशि के जातकों की सास बहुत फैशनेबल हो सकती हैं । और इसी के चलते सास-बहू में प्रतिस्‍पर्धा का माहौल बना रहता है । अकारण तनाव रहता है ।
सिंह राशि – आम तौर पर आपकी सास शांत होती हैं । लेकिन आप उनके साथ मैच नहीं कर पाती हैं, आपके विचार एक दूसरे से नहीं मिलते हैं ।
कन्या राशि – आप दोनों ही खुद को एक दूसरे से ज्यादा समझदार मानती हैं, इसलिए एक दूसरे से झगड़े ऐसे घर में होते ही रहते हैं ।

तुला राशि
आजाद ख्‍यालों की है आप और आपको सास भी ऐसी ही मिलती हें, लेकिन मुसीबत तब होती है जब आप पर कोई रोक-टोक लगाई जाती है । धन के खर्च को लेकर अक्सर कहासुनी हो जाती है ।
वृश्चिक राशि – सास का रुतबा किसी महारानी से कम नहीं । इसलिए आपके उनके साथ कुछ समझाौते करने पड़ सकते हैं । कई बार समस्‍या घर के बंटवारे तक की हो सकती है ।
धनु राशि –  इस राशि के जातकों की सास दिखावा करने वाली होती हैं, वो अपने बेटे से अपना हक या अधिकार कभी कम नहीं होने देना चाहतीं ।

मकर राशि
सास आम तौर पर ठीक-ठाक ही मिलती हैं । व्यवहार और सम्बन्ध अच्छा रखने के लिए दोनों को एक दूसरे के साथ की आवश्‍यकता होती है । धन के मामलों में बोलचाल बिगड़ सकती है ।
कुम्भ राशि – राजनीति में माहिर होती हैं आपकी सास । अक्सर आपको उनकी राजनीति का शिकार होना पड़ता है । लेकिन आप भी कम नहीं अपने अडि़यल स्‍वभाव के कारण सास के काबू में आती कहां हैं ।
मीन राशि – यहां सम्बन्ध बहुत अच्छे होते हैं या फिर बहुत ख़राब । अक्सर बहुओं को सास से दूर-दूर ही रहना पड़ता है । एक साथ रहने पर बहसबाजी में काफी समय खर्च होता है ।