600 साल बाद बदला गया भगवान बदरीनाथ का छत्र, 4 किलो सोने और हीरे-रत्‍नों से है जडि़त, भव्‍य तस्‍वीरें

हिमालय क्षेत्र के चार धामों में एक धाम है बदरीनाथ, जहां बुधवार को वो हुआ जो पिछले 600 सालों में नहीं हुआ था । इस शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालु धाम में दर्शन को उमड़े थे ।

New Delhi, May 11 : उत्तराखंड में स्थित चारों धामों की बहुत मान्‍यता है । हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारों धाम की यात्रा को आते हैं ओर अपनी सारी समस्‍याओं को ईश्‍वर के सम्‍मुख छोड़ जाते हैं । चारों धामों में नारायण के धाम बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल से भक्‍तों के लिए खुले हुए हैं । पिछले कुछ दिन से वहां हो रही बर्फबारी का आनंद भी भक्‍त उठा रहे हैं । बुधवार को बदरीनाथ धाम में एक बार फिर जय बदरी विशाल के नारों से गूंज उठा ।

4 किलो सोने का छत्र
बुधवार को बदरीनाथ के श्री विग्रह के ऊपर बुधवार को 4 किलोग्राम सोना और रत्नों से जड़ित नया छत्र चढ़ाया गया। बदरीनाथ धाम से संबंधित साक्ष्यों के मुताबिक, 600 साल पहले पूर्व ग्वालियर की महारानी ने स्वर्ण छत्र चढ़ाया था और अब पूरे 600 वर्षों बाद बदरीनाथ भगवान का छत्र बदल गया है ।

पंजाब के परिवार ने किया अर्पित
बदरीनाथ धाम में इस छत्र को लुधियाना के ज्ञानसेन सूद परिवार ने अपने दादा जी मुक्त महाराज की स्मृति में चढ़ाया है । इस शुभ अवसर पर छत्र चढ़ाने वाले परिवार के ही 3 सौ से ज्यादा लोग श्री बदरी विशाल के यधाम में पहुंचे थे । इस स्वर्ण छत्र की पूजा और भगवान बदरीनाथ की अर्चना के साक्षी बने सभी भक्‍त खुद को धन्‍य मानते हैं ।

2017 में लिया था संकल्प
भगवान बदरी विशाल के श्री विग्रह पर स्‍वर्ण छत्र चढ़ाने का संकल्प इस परिवार ने पिछले साल 2017 में लिया था । जिसे इस वर्ष पूरा कर दिया गया । स्‍वर्ण छत्र चढ़ाने का कार्यक्रम बुधवार सुबह का था लेकिन मौसम खराब होने और बारिश के चलते यह कार्य सुबह संपन्‍न नहीं हो पाया । बुधवार शाम को मंत्रों और वेद ध्वनियों के साथ भगवान को समर्पित किया गया ।

हेलिकॉप्टर से पहुंचा छत्र
सूद परिवार के अनुसार उनके दादा गुरु महर्षि मुक्तजी ने 1918 में पहली बार श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा की थी । उनकी यात्रा शताब्दी वर्ष पर ही इस छत्र को चढ़ाने का संकल्‍प था । इसी मौके पर छत्र का चढ़ाया गया । बदरीविशाल में भगवान के श्री विग्रह पर चढ़ाए जाने वाला स्वर्ण छत्र बुधवार सुबह हेलिकाप्टर से बदरीनाथ पहुंचाया गया था ।

24 कैरेट सोने से तैयार
लुधियाना (पंजाब) के मुक्त परिवार की ओर से चढ़ाया गया सोने का यह छत्र मथुरा में 24 कैरेट सोने से तैयार करवाया गया है । इस छत्र पर हीरा, पन्ना समेत कई दूसरे बेशकीमती रत्न जड़े हुए हैं । इसका कुल वजन 3.5 से 4 किलोग्राम के आसपास है । छत्र को बनाने में 5 माह का समय लगा है । 600 वर्षों बाद हुए इस पावन मौके पर तमाम वेदपाठियों के अलावा बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारी, मुक्त परिवार से जुड़े करीब 400 श्रद्धालु इस दुर्लभ मौके के साक्षी बने।