आज देश में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है, विद्या की देवी मां सरस्वती आपकी किसी एक भूल से नाराज ना हों इसका बहुत ध्यान रखें ।
New Delhi, Feb 05: लक्ष्मी भी वहीं वास करती है जहां ज्ञान का आदर हो, सम्मान है । भारत में आज बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है, इस त्यौहार को कुछ हिस्सों में सरस्वती पूजा के नाम से भी मनाया जाता है । इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है । मां को खीर, हलवा और बूंदी का भोग भी लगाया जाता है । लेकिन इस दिन कुछ ऐसे काम कर आप देवी को अप्रसन्न कर सकते हैं जिन कार्यों को करने की मनाही होती है । आगे पढ़ें कुछ ऐसे ही कार्यों के बारे में ।
बसंत पंचमी का तयौहार
हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है । इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है । हिंदू धर्म मान्यताओं में मां सरस्वती को विद्या की देवी माना गया है । इस दिन मां सरस्वती के मंत्र, आरती और वंदना का पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं । ये दिन विशेष तौर पर विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है ।
बसंत पंचमी के दिन ये काम ना करें
सरस्वती पूजा के शुभ दिन पर कुछ काम करने की मनाही होती है । इन बातों का ध्यान रखकर आप मां को प्रसन्न कर ज्ञान का वरदान प्राप्त कर सकते हैं ।
काले रंग के वस्त्र
इस दिन काले और लाल रंग के वस्त्र बिल्कुल ना धारण करें । बसंत पंचमी के दिन पीले, सफेद या धानी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए ।
इन बातों का रखें ध्यान
चूंकि यह प्रकृति का त्योहार है और हरियाली का उत्सव । इसलिए इस दिन फसल काटने के काम को टाल देना चाहिए । घर में भी किसी भी पेड़ की छंटाई भी नहीं करनी चाहिए ।
इस दिन किसी से भी अपशब्द न कहें । ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सरस्वती जुबान पर होती हैं । इसलिए अपनी वाणी पर संयम रखें और गुस्सा ना करें ।
कई लोग आज के दिन पितृ तर्पण भी करते हैं । ऐसे में घर में भूलकर भी कलह नहीं करनी चाहिए । ऐसा करने से पितरों को कष्ट होता है।
ये काम गलती से भी ना करें
इस दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं खाना चाहिए । पहले मां सरस्वती की वंदना करें और मां सरस्वती को भोग लगाएं ।
बसंत पंचमी के दिन मांसाहार और शराब का सेवन नहीं करें ।
सरस्वती पूजा के दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के मंत्र का करें जाप
मां सरस्वती के मंत्र का जाप कर आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं । नहा धोकर स्वच्छ वस्त्र पहनकर ऐसा करें ।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥