भूलकर भी मां लक्ष्मी को ना चढाएं ये, नहीं तो हो सकती हैं नाराज

Laxmi

देवी भागवत पुराण के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा करते समय गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिये।

New Delhi, Apr 26 : हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, लोग धन के लिये मां की पूजा-अराधना करते हैं, अगर किसी के ऊपर धन की देवी का आशीर्वाद आ गया, तो समझिये उस शख्स को धनवान और ऐश्वर्य से कोई दूर नहीं कर सकता। मां लक्ष्मी का दिन शुक्रवार माना जाता है, लेकिन आप किसी भी दिन धन की देवी की पूजा कर सकते हैं। लेकिन इनकी पूजा करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखें।

पूजा करते समय रखें ध्यान
मां लक्ष्मी की पूजा करते हुए कुछ बातों और नियमों का ध्यान रखना चाहिये। इसके अनुसार मां की अराधना की जाती है, Laxmi4ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी को तुलसी नहीं चढाई जाती है, ऐसी मान्यता है कि अगर माता लक्ष्मी को आप तुलसी चढाएंगे, तो वो नाराज हो जाएगी। इसके पीछे भी एक कहानी है, जो शास्त्रों में बताया गया है।

लक्ष्मी की सौतन हैं तुलसी
शास्त्रों में दी गई जानकारी की मुताबिक भगवान विष्णु का शालिग्राम स्वरुप में तुलसी से विवाह हुआ था, इस रिश्ते से तुलसी जी माता लक्ष्मी की सौतन हुई, इसी वजह से मां लक्ष्मी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं करने को कहा जाता है। अगर कोई ऐसा करता हैं, तो लक्ष्मी भक्त से नाराज हो जाती हैं और उनके यहां से रुठ कर चली जाती हैं।

लक्ष्मी से पहले गणेश पूजा
वहीं दूसरी ओर भगवान विष्णु को तुलसी बहुत पसंद हैं, अगर आप घर पर विष्णु जी की पूजा करते हैं, तो उसमें तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।lakshmi_puja_mantra_on_diwali देवी भागवत पुराण के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा करते समय गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिये। पुराण में कहा गया है कगि लक्ष्मी पूजा से पहले गणेश पूजा की जाती है, इससे मां लक्ष्मी और गणेश दोनों खुश होते हैं, जिससे आप यहां धन और समृद्धि दोनों आएगी।

घी का दीपक इस ओर जलायें
इसके साथ ही मां लक्ष्मी को अगर खुश करना चाहते हैं, तो पूजा करते समय कुछ और बातों का ध्यान रखें। जिससे मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाएंगी। हमेशा माता के आगे घी का दीया जलाएं और दीये को दाहिनी तरफ रखें। इसके अलावा धुएं संबंधी चीजें बायीं तरफ रखना चाहिये, ऐसा करना शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी का अभिषेक दो हाथी करते हैं
माता लक्ष्मी का अभिषेक दो हाथी करते हैं, वो कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं, आपको बता दें कि कमल कोमलता का प्रतीक है, Laxmi2माता लक्ष्मी के एक मुख और चार हाथ हैं, वो एक लक्ष्य और 4 प्रकृतियों (दूरदर्शिता, दृढ संकल्प, श्रमशीलता और व्यवस्था) की प्रतीक हैं।

समुद्र मंथन से हुई उत्पत्ति
ऐसी मान्यता है कि माता की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी, वो स्वयं भगवान विष्णु के चरणों में चली गई थीं, Laxmi1इसी वजह से कहा जाता है कि लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का वरण किया था। माता का वाहन उल्लू है, जो मूर्खता का परिचायक है, इसलिये कहा जाता है कि अगर इंसान के पास धन है, लेकिन अक्ल नहीं है, तो वो उल्लू बन जाता है।