क्‍यों फड़कती है आंख ?  जानिए, आंख का फड़कना शुभ होता है या अशुभ

आंख फड़कना शुभ है या अशुभ, अगर आप भी इस सवाल का जवाब शास्‍त्रानुसार जानना चाहते हैं तो आगे पढ़ें, जानें ज्‍योतिष और समुद्र शास्‍त्र इस बारे में क्‍या कहता है ।

New Delhi, Jan 06 : जब भी हमारी आंख फड़कती है तो हमारे मन में ये विचार आता है कि ये अच्‍छे का संकेत है या फिर कुछ बुरा होने वाला है । फिर ख्‍याल आता है कि आंख दांई फड़क रही है या बांई । ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार हमारा शरीर हमें कई तरह के संकेत देता है, अंगों का फड़कना भी संकेत का ही सूचक है । अलग-अलग शास्‍त्रों में इसे लेकर अलग – अलग प्रकार की बातें कही गई हैं । कहीं इसे शुभ संकेतों से जोड़ा गया है तो कहीं कुछ अशुभ होने का संकेत माना गया है ।

स्‍त्री और पुरुष के लिए अलग संकेत
आंखों का फडकना स्‍त्री और पुरुषों के लिए अलग-अलग मायने रखता है । पुरुषों की राइट या लेफ्ट आंख का फड़कना जहां अलग संकेत देता है वहीं स्‍त्रियों के लिए इसके मायने अलग होते हैं । आंख फड़कती है तो ये शारीरिक रूप से व्‍यक्ति को उसी जगह पर केन्द्रित कर देता है । ये आपके कार्य में बाधा भी बनता है क्‍योंकि फिर आप कॉन्‍सनट्रेट नहीं कर पाते ।

राइट साइड की आंख का फड़कना
दाईं आंख का फड़कना पुरुषों के लिए एक शुभ संकेत माना जाता है । ऐसा माना जाता है कि कुछ अच्‍छा होने वाला, कुछ पॉजिटिव आने वालाEyes1 है । वहीं अगर स्‍त्री की दाईं आंख फड़के तो ये शुभ नहीं मानी जाती । किसी प्रकार की अनहोनी का संकेत माना जाता है ऐसा । पुरुष जहां इस संकेत को खुशियों का आगमन मान सकते हैं तो वहीं स्त्रियां इसे मुसीबत का संकेत ।

लेफ्ट आंख का फड़कना
बाईं आंख का फड़कना स्त्रियों के लिए शुभ और पुरुषों के लिए अशुभ माना गया है । स्त्रियों के लिए ये संकेत शुभता का संकेत लाते हैं वहीं पुरुषों के लिए स्थिति बिल्कुल उल्टी होती है । ऐसा होना उनके लिए मुसीबत का सूचक है, जब भी ऐसा हो पुरुषों को थोड़ा सावधानी से काम लेना चाहिए । हो सकता है आपको कोई दुश्‍मन आपसे लड़ाई के मूड में हो और बेवजह इस झगड़े में पड़ जाएं ।

बाई आंख और निचली पलक
बाईं आंख की ऊपरी पलक और कान के पास का हिस्‍सा फड़कना शुभ समाचार के आने का संकेत है । वहीं दाएं आंख की पलक और भौंहों का फड़कना आपकी सारी इच्‍छाओं की पूर्ति की ओर इशारा करता है । हालांकि सिर्फ ऊपरी पलक का फड़कना शुभ नहीं माना जाता, ये स्त्रियों के लिए कुछ जरूरी काम बिगड़ने का संकेत करता है । माना जाता है कि ऐसा होने से बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं ।

आंखें फड़कने पर क्‍या करें ?
यदि आपकी आंखें बार-बार फड़क रही हैं और आपको ऐसा लग रहा है कि आपको इसे रोकने के लिए अब किसी उपाय को आजमाने की आवश्‍यकता है तो रुई या कागज का कोई टुकड़ा लेकर आंखों की पलकों के ऊपर रख दें । ऐसा करने से आंखे तुरंत फड़फड़ाना बंद कर देंगी । ध्‍यान रहे आप ये काम सावधानी से करें आंखों को बिना चोट पहुंचाए हुए ।

क्‍यों फड़कती हैं आंखें
आंखों का फड़कना एक शारीरिक प्रकिया है । वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘मायोकेमिया’ कहा जाता है । ये एक आम प्रक्रिया है जिसे ना ही बुरा और ना अच्‍छा माना जाता है । आंखों के आसपास की मांस-पेशियों का आपस में संकुचन होना ही आंखों के फड़फडा़ने का कारण है । इससे उलझन और बेचैनी सी रहती है लेकिन यकीन मानिए ये बिलकुल भी डराने वाली स्थिति नहीं है ।

शरीर के दूसरे अंगों का फड़कना
आंखों की ही तरह शरीर के दूसरे हिस्‍सों में भी आपने कई बार ऐसी फड़फड़ाहट महसूस की होगी । दरअसल ये हमारे शरीर की एक सामान्‍य प्रक्रिया है । कई बार मांसपेशियों में अपने आप खिंचाव और रिलीज की प्रक्रिया होने लगती है इस स्थिति में रक्‍त का प्रवाह प्रभावित होता है और मांसपेशियों में धप-धप जैसी प्रक्रिया होने लगती है । बाहर से ये फड़फड़ाहट जैसी लगती है ।