चाणक्य की ये 12 बातें गांठ बांध लीजिए, जीवन में कभी हार से सामना नहीं होगा

जो सुख-शांति व्यक्ति को आध्यात्मिक शान्ति के अमृत से संतुष्ट होने पे मिलती है वो लालची लोगों को बेचैनी से इधर-उधर घूमने से नहीं मिलती – चाणक्य

New Delhi, Apr 30 : चाणक्‍य सम्राट चंद्रगुप्‍त मौर्य के गुरु के रूप में जाने जाते हैं । इतिहास में चाणक्‍य का नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज हैं । एक साधारण से बालक चंद्रगुप्‍त को उन्‍होने मगध के सम्राट के पद पर बैठा दिया । समस्‍त नंदवंश का सर्वनाश कर दिया । चाणक्‍य की कही बातें आज के जमाने में भी उतनी ही अर्थपूर्ण हैं, जितनी पहले हुआ करती थीं । चाणक्‍य नीति रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी बातें हैं जिनका अर्थ समझने में बेशक थोड़ा समय लगे लेकिन आपने इन्‍हें अमल में ला दिया तो बस आपको फिर आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता ।

चाणक्‍य वचन
1.कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए.
2. व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है; और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है.

सफलता के सूत्र
3. इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये. अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.
4. शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.

आत्‍मा अजर-अमर, उस पर ध्‍यान दें
5. जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?
6. जैसे ही भय आपके करीब आये, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.
7. किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना.

इस पर भी करें अमल
8. सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए.

9. जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है.
10. सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है : कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा.

ऐसे करें परवरिश
11. पहले पांच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये. अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करिए. आपके वयस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.
12. फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.