देवी लक्ष्‍मी ने स्‍वयं देवराज इंद्र को बताए थे धन प्राप्ति के ये सरल उपाय

आज के जीवन में धन प्राप्ति की कामना किसे नहीं है, कड़ी मेहनत के साथ जानें उन उपायों के बारे में जो स्‍वयं देवी लक्ष्‍मी ने इंद्र को बताए थे ।

New Delhi, Mar 23 : धन की देवी मानी जाती हैं मां महालक्ष्‍मी । मां लक्ष्‍मी का आशीर्वाद हो तो दरिद्रता आपके निकट भी नहीं आती है, लेकिन मां लक्ष्‍मी को मनाना इतना भी आसान नहीं । उन्‍हें प्रसन्‍न रखने के लिए आपको अपना मन सच्‍चा रखना होगा । देवी लक्ष्‍मी के पूजा पाठ के अलावा कुछ और बातें भी हैं जिन्‍हें आपको ध्‍यान में रखना चाहिए । इन बातों को ध्‍यान में रखकर आप महालक्ष्‍मी का आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकते हैं और फल्‍ स्‍वरूप आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं ।

देवी लक्ष्‍मी ने बताए थे ये उपाय
शास्‍त्रों में महालक्ष्‍मी और देवराज इंद्र के बीच एक संवाद बताया गया है  ।इस संवाद के माध्‍यम से देवी लक्ष्‍मी ने इंद्र देव को धन प्राप्ति केउपाय बताए । मां लक्ष्‍मी ने बताया कि किन लोगों के कैसे काम की वजह से कोई कभी आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हो पाते हैं । कैसे छोटी-छोटी लापरवाही कर मनुष्‍य अपने लिए ही मुश्किलें खड़ी कर देता है । जानिए देवराज इंद्र को कौन से उपाय बताए गए थे ।

महाभारत में आता है प्रसंग
महाभारत में दिए एक प्रसंग के अनुसार जब देवी लक्ष्‍मी असुरों, दानवों का साथ छोड़कर देवराज इंद्र के स्‍वर्ग लोग में निवास करने पहुंच गई थीं । तो इंद्र देव ने उनसे इसका कारण पूछा था । इंद्र ने पूछा था कि मां लक्ष्‍मी दैत्‍यों का साथ छोड़कर उनके पास क्‍यों रहने चली आई हैं । तभी माता ने देवताओं के उत्‍थान और दैत्‍यों के पतन के कुछ कारण बताए थे । जानिए देवी लक्ष्‍मी की वो बातें जिसने उन्‍हें दानवों का साथ छोड़ने पर विवश कर दिया ।

देवी लक्ष्‍मी ने कहा
ऐसे लोग जो नियमपूर्वक व्रत-उपवास करते हैं । सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं,  रात को सोते समय दही और सत्‍तू का सेवन नहीं करते हैं ।water-to-sun- सुबह उठकर घी और पवित्र वस्तुओं का दर्शन किया करते हैं ।  दिन में नहीं सोते हैं, इन सभी बातों का ध्यान रखने वाले लोगों के यहां लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं । इन पर हमेशा लक्ष्‍मी की कृपा बनी रहती है । धन धान्‍य की कोई कमी नहीं होगी ।

ऐसे लोगों के घर करती हैं निवास
देवी लक्ष्मी ने इंद्र को बताया कि ऐसे पुरुष अर्थात मानव जो दानशील, बुद्धिमान, भक्त और सत्यवादी होते हैं ।  उनके घर में मेरा वास होता है । ऐसे लोग ये कर्म नहीं करते हैं, मैं उनके यहां बिलकुल निवास नहीं करती हूं । पूर्व काल में दानव भी नियम पूर्वक कार्य करते थे इसलिए वो उनके यहां भी समान रूप से रहती थीं, लेकिन दानवों ने जब सत्कर्मों का साथ छोड़ दिया तो वो उन्‍हें छोड़कर चली गईं ।

ध्‍यान देने वाली बातें
प्रसंग में कहा गया है कि इंद्र के और पूछने पर देवी लक्ष्मी ने कहा कि जो लोग धर्म का आचरण नहीं करते हैं। जो लोग पितरों का तर्पण नहींfighting-couple करते हैं। जो लोग दान-पुण्य नहीं करते हैं, उनके यहां मेरा निवास नहीं होता है। पूर्व काल में दैत्य दान, अध्ययन और यज्ञ किया करते थे, लेकिन अब वे पाप कर्मों में लिप्त हो गए हैं। अत: मैं उनके यहां निवास नहीं कर सकती।

भ्रष्‍ट लोगों के घर भी निवास नहीं
महाभारत के प्रसंग में देवी लक्ष्मी बताती हैं कि जहां मूर्खों का सम्‍मान होता है और ज्ञानी को दुत्‍कार दिया जाता है वहां वो निवास नहीं करती हैं । जिन घरों में स्त्रियां दुराचारिणी यानी कि बुरे चरित्र वाली होती है, साफ-सफज्ञई नहीं करती हैं । उठने बैठने के कोई नियम नहीं होते वहां भी मां लक्ष्‍मी निवास नहीं करती है । देवी लक्ष्‍मी उन घरों में जाती हैं जो साफ-सुथरे होते हैं ।

देवी लक्ष्‍मी ने कहा
देवी लक्ष्मी ने बताया कि वह स्वयं धनलक्ष्मी, भूति, श्री, श्रद्धा, मेधा, संनति, विजिति, स्थिति, धृति, सिद्धि, समृद्धि, स्वाहा, स्वधा, नियति तथास्मृति हैं। धर्मशील पुरुषों के देश में, नगर में, घर में हमेशा निवास करती हैं।लक्ष्मी उन्हीं लोगों पर कृपा बरसाती हैं जो युद्ध में पीठ दिखाकर नहीं भागते हैं। शत्रुओं को बाहुबल से पराजित कर देते हैं। शूरवीर लोगों से लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं।

घरों में रखें ध्‍यान
देवी लक्ष्‍मी ने बताया जिन घरों में खाना नहीं बनता, खाना बनाते हुए साफ सफज्ञई का ध्‍यान नहीं रखा जाता, घी अचार आदि को हाथ से छुआ जाता है वहां वो निवास नहीं करती हैं । इसके अलावा जिन घरों में बहू अपने सास-सुसर का सम्‍मान नहीं करती हैं, उनका आदर नहीं करती हैं वहां भी लक्ष्‍मी का निवास नहीं होता है । पति को प्रताडि़त करने वाली स्‍त्री के घर भी पैसा कभी नहीं रुकता है ।