सावन का पावन महीना शुरू हो गया है और भोले के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है । लेकिन ध्यान रहे भोलेनाथ पर कुछ वस्तुएं अर्पित करने से आप उनके कोप का शिकार हो सकते हैं ।
New Delhi, Aug 01 : सावन के पावन महीने में भोले के भक्त अपनी ही धुन में मस्त रहते हैं । हर तरफ बोल बम की गूंज सुनाई देती है । जय भोले, जय शंकर, डमरू वाले बाबा जैसे कई नामों से भगवान शिव को पुकारा जाता है । शिव इस महीने में अपने भकतों पर विशेष कृपा करते हैं । सच्चे मन से की गई भक्ति में बहुत शक्ति होती है, सच्चे मन से ईश्वर से कुछ मांगा जाए तो वो जरूर पूरा होता है । लेकिन भगवान की भक्ति में कुछ बातों का ख्याल भी अवश्य रखना चाहिए । जानिए क्या हैं वो खास बातें ।
तुलसी का पत्ता
पवित्र तुलसी भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजी जाती हैं । इसीलिए शिव की आराधना तुलसी से करना वर्जित माना गया है । ऐसा करने पर आपकी पूजा पूर्ण नहीं होगी । भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित किया जाता है । उनकी पूजा में सदैव स्वच्छ बिना कटे फटे ताजे बेल पत्र चढ़ाएं । भगवान इसी बात से प्रसन्न हो जाएंगे ।
तिल
तिल को भी शुभ कार्यो में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं तिल को भगवान विष्णु के मैल से पैदा हुआ, ऐसा माना जाता है । इसीलिए इसे शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए । शिव आराधना में इन्हे वर्जित माना गया है । भूलकर भी तिल की बनी कोई चीज भगवान को अर्पित नहीं करनी चाहिए । इन बातों का ध्यान रखें और वर्जित चीजों को शिव पूजा से दूर रखें ।
कुमकुम है वर्जित
भगवान की पूजा – अर्चना में हम उन्हें कुमकुम समर्पित करते हैं, उसका टीका लगाते हैं । लेकिन कुमकुम भोले को अर्पित करना उन्हें नाराज कर देगा । भगवान शिव वैरागी माने जाते हैं और कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक । इसलिए भाले नाथ को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए । इसका प्रयोग पार्वती मां की अलग से आराधना करने पर किया जा सकता है ।
नारियल भूल से भी ना चढ़ाएं
भूल से भी शिव जी के लिए नारियल मत खरीद लीजिएगा । कच्चा नारियल मंदिरों में चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन भगवान शिव को नारियल नहीं चढ़ाया जाता है । नारियल मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, मां लक्ष्मी विष्णु जी की पत्नी हैं इसलिए इसे भोलेनाथ के ऊप्र नहीं चढ़ाया जाता । भोलेनाथ के प्रसाद में कभी भी नारियल का प्रयाद नहीं बांटना चाहिए । ये भोलेनाथ को नाराज कर सकता है ।
हल्दी का प्रयोग वर्जित
शादी कर्मो में हल्दी लगाना सौभाग्य प्राप्ति का शगुन माना जाता है । वैरागी होने के कारण हल्दी शिव को नहीं चढ़ाई जाती । हल्दी का संबंध भगवान विष्णु से माना जाता है । इसीलिए भगवान शिव को हल्दी भी नहीं चढ़ाई जाती । भूलकर भी हल्दी का टीका शिव को ना करें । शिव को चंदन का तिलक करना शुभ माना गया है ।
शंख से अभिषेक ना करें
शंख में जल भरकर आपने कृष्णा का अभिषेक अवश्य किया होगा लेकिन ऐसा शिवलिंग के साथ करना आपकी भारी भूल हो सकता है । शंख से शिवलिंग का अभिषेक वर्जित है । भगवान शिव ने शखचूड़ नाम के एक असुर का वध किया था । शंखचूड़ प्रभु विष्णु का अनन्य भक्त था । कहा जाता है इसीलिए शंख से भगवान विष्णु की पूजा होती है, भोलेनाथ की नहीं ।