बेलपत्र ही नहीं ये 6 पत्ते भी हैं भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय, इस सावन शिवलिंग पर इन्हें जरूर चढ़ाएं

कहते हैं जब भोलेनाथ ने विष का पान किया था तब उनके शरीर पर हो रहे जहर का उपचार करने के लिए भांग के पत्तों का इस्तेमाल किया गया था ।

New Delhi, Jul 21 : शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने की परंपरा काफी सदियों से चली आ रही है । शिव को बेहद पसंद है बेल पत्र । मान्‍यता है कि शिव पर आप कुछ ना अर्पित करें बस एक बिल्‍व पत्र चढ़ा दें और भोले प्रसन्‍न हो जाते हैं । बेल पत्र के अलावा भी कुछ ऐसे शुभ पौधे और वृक्ष हैं जिनके पत्‍ते शिवलिंग पर चढ़ाए जाएं तो उनका प्रभाव शुभ होता है । सावन के महीने में ये पत्‍ते भोलेनाथ को संकल्‍प के साथ चढ़ाएं और फिर देखें इसका प्रभाव ।

भांग है भोले को प्रिय
भगवान भोलेनाथ को बेल पत्र के बाद जो दूसरा सबसे प्रिय पत्ता है वो भांग का है । भांग का पत्ता या फिर भांग का शर्बत बनाकर भोलेनाथ को चढ़ाया जाए तो  शिव बहुत प्रसन्न होते हैं । भांग सिर्फ नशीली वस्‍तु ही नहीं है ये एक औषधि भी है । कहते हैं जब शिव ने विष का पान किया था तब उनके शरीर पर हो रहे जहर का उपचार करने के लिए भांग के पत्तों का इस्तेमाल किया गया था ।

धतूरा
धतूरे का फल और पत्ता भी औषधि के रूप में काम आता है । शिव पुराण में ये बात बताई गई है कि भोलेनाथ को धतूरा बहुत पसंद है । शिव जी को धतूरा चढ़ाने वाले व्‍यक्ति को शिव जी धन-धान्य से संपन्‍न करते हैं । इतना ही नहीं भेलेनाथ ऐसे व्‍यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं । जीवन को खुशियों का आशीर्वाद देते हैं । प्रदान करते हैं।

आक
शास्‍त्रों में बताया गया है भगवान शिव को आक का फूल और पत्ता दोनों ही बेहद प्रिय है। कहते हैं जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उसके मानसिक और शारीरिक सभी तरह के कष्ट हर लेते हैं। इतना ही नहीं कहा जाता  है कि जो शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उनकी गरीबी दूर करते हैं।

पीपल का पत्ता
पुराणों में उल्लेख है, कि पीपल पर त्रिदेवों का वास होता है । मान्‍यता है कि पीपल के पत्तों पर भगवान शिव विराजमान होते हैं । जो भी भक्त शिव जी को पीपल के पत्ते अर्पित करते हैं शिव जी उन्हें शनि के प्रकोप से बचाते हैं। ग्रह-दोष को दूर करते हैं और व्‍यक्ति के जीवन में सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं ।

दूर्वा
दूर्वा को बहुत ही शुभ माना गया है । इस घास के बारे पुराणों में कहा गया है कि इनमें अमृत बसा है । भगवान शिव ही नहीं उनके पुत्र गणेश जी को भी दूर्वा बेहद पसंद है । शास्‍त्रानुसार भगवान शिव को दूर्वा अर्पित करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है । वो व्‍यक्ति जिनकी कुंडली में अकाल मृत्‍यु का भय हो उन्‍हें ये प्रयोग जरूर करना चाहिए ।

शमी के पत्‍ते
शमी का पेड़ वास्‍तु के लिहाज से भी एक शुभ फल वाला, सकारात्‍मक ऊर्जा वाला वृक्ष बताया जाता है । सावन के दिनों में भोलेनाथ की पूजा कुछ इस तरह करें – सोमवार को नहा धोकर शिव मंदिर जाएं, तांबे के लोटे में गंगाजल डालें, सफेद चंदन के साथ शिवलिंग पर तिलक लगाएं और मन में ऊं नम: शिवाय का जाप करें । इसके बाद गंगाजल शिवलिंग पर अर्पित कर  शमी के पेड़ के पत्‍ते भी चढ़ाएं । धन से जुड़ी सारी समस्‍याएं दूर हो जाएंगी ।