ये 6 फूल मिटा देंगे आपके जीवन का सारा दुख, पुराणों में हुआ है वर्णन

हमारे शास्‍त्रों और पुराणों में फूलों की महत्‍ता को कई प्रकार से दर्शाया गया है, कुछ विशेष फूल हैं जिनका इस्‍तेमाल कर मनुष्‍य तनाव और दूसरी समस्‍याओं से मुक्ति पा सकता है ।   

New Delhi, Nov 18 : जीवन में तनाव, कलह और चिंता से गुजर रहे हैं तो सुगंध आपकी मदद कर सकती है । पुष्‍पों से आनी वाली सुगंध पूरे घर के वातावरण को सकारात्‍मक करने की क्षमता रखती है । पुराणों में कुछ फूलों का वर्णन मिलता है, जिन्‍हें उनकी विशेषता के चले खास स्‍थान प्राप्‍त है । इन पुष्‍पों की सुगंध व्‍यक्ति के मन, दिमाग और चित्‍त पर ऐसा असर डालती हैं कि वो अपने सारे दुखों को भूलकर शांत हो जाते हैं ।

शांत मन होगा, तो जीवन खुशहाल होगा
अगे हम आपको ऐसे ही कुछ फलों के बारे में बताने जा रहे हैं । ये पुष्‍प घर के आंगन में लगाने से आपके सारे मानसिक कष्‍ट दूर हो जाएंगे । मन शांत होगा और दिमाग प्रसन्‍न भाव रहेगा । जो व्‍यक्ति शांत मन और दिमाग से सुकून महसूस करता है वही वास्तविक रूप से खुशियां पाता है और जीवन में सफल भी होता है ।  लक्ष्‍मी जी की कृपा ऐसे व्‍यक्ति पर हमेशा बनी रहती है । आइए जानते हैं कौन से हैं वो विशेष पुष्‍प ।

रजनीगंधा
जून से सितंबर महीने में रजनीगंधा के पेड़ पुष्‍प से लद जाते हैं । इनकी खुशबू को शब्‍दों में बयां नहीं किया जा सकता । रजनीगंधा के फूलों का प्रयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है । इसकी लम्बी डंडियों का इस्‍तेमाल सजावट के रूप में होता है । ये पुष्‍प कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है । इस पुष्‍प की खुशबू से ही मन प्रसन्‍न हो जाता है ।

मोगरा
संस्कृत में ‘मालती’ और ‘मल्लिका’ के नाम से जाना जाने वाला ये पुष्‍प गर्मियों में खिलता है । इसकी भीनी -भीनी खुशबू तन और मन को ठंडक का एहसास देती है । इसके फूल सफेद रंग के होते हें । इसे घर के आंगन में लगाएं तो गर्मियों में भी गर्मी का एहसास नहीं होगा । इस पुष्‍प की सुगंध आपको गर्मी के एहसास से दूर रखती है । आंखों की परेशानी को दूर करने में मोगरा सहायक होता है  ।

चम्पा के फूल
इस पुष्‍प का वृक्ष प्राचीन काल से ही मंदिर परिसर में लगाया जाता है । इसकी खुशबू वातावरण को शुद्ध  करती है । इस खूबसूरत, सुगंधित, हल्के सफेद, पीले फूल मंदिरों में पूजा के लिए उपयोग में लाए जाते हैं । चंपा का वृक्ष वास्‍तु की दृष्टि से सौभाग्‍य का प्रतीक माना जाता है । चम्‍पा के पुष्‍प में पराग नहीं होता यानी इस पर मधुमक्यिां नहीं बैठतीं । ये बहुत ही शुभ माना जाता है । चंपा 5 तरह की होती है – सोन चम्पा, नाग चम्पा, कनक चम्पा,सुल्तान चम्पा और कटहरी चम्पा ।

पारिजात का फूल
इन्‍हें हरसिंगार और शैफालिका के फूल भी कहा जाता है । पूरी रात महकने और खिले रहने के बाद ये पुष्‍प सुबह हाते ही मुरझा जाते हैं । इस फूल को नाइट जेस्मिन के नाम से जाना जाता है । पारिजात के फल को घर में लगाने से तनाव दूर होता है । इस वृक्ष को छूने मात्र से व्‍यक्ति की सारी थकान उतर जाने का दावा किया जाता है । इसकी सुगंध की वजह से इसकी ओर सांप भी आकर्षित हो जाते हैं । ये पुष्‍प लक्ष्‍मी जी को समर्पित किए जाते हैं, लेकिन सिर्फ वो ही जो खुद टूटकर जमीन पर गिर जाते हैं ।

जूही के फूल
जूही के पुष्‍प चमेली जैसे ही होते हैं । छोटे – छोटे सफेद रंग के ये पुष्‍प मन को अंदर तक प्रसन्‍न कर देते हैं । ये फूल बारिश के मौसम में खिलते हैं । तनाव दूर भगाने के लिए ये फूल अच्‍छा तरीका है । पुराणों में इस पुष का वर्णन अप्‍सराओं के गहने के रूप में होता था । ये पुष्‍प आसपास के वातावरण को आनंदित करते हैं, मन-मस्तिष्‍क एकदम प्रसन्‍न हो जाता है ।

रात की रानी
मदमस्‍त खश्‍बू आती है जब आप रात की रानी पुष्‍प के वृक्ष के आसपास से गुजरते हैं । इसकी खुशबू काफी दूर तक फैलती है । ये फूल एक साल में 5 से 6 बार ही आते हैं । करीब एक हफृते तक ये पूरे वृक्ष पर लदे रहते हैं । इस दौरान फूलों का ये वृक्ष किसी खुशबूदार परफ्यूम की बड़ी सी बॉटल का काम करता है । इस फूल की खुशबू सूंघने से मन के सारे मैल दूर हो जाते हैं और दुख – संताप दूर हो जाता है ।

 

एरोमा थेरेपी
देश में काफी समय से एरोमा थेरेपी का इस्‍तेमाल किया जाता है । मानसिक परेशानियों को इनकी सहायता से दूर किया जा सकता है । एरोमा थेरेपी के लिए फूलों के एसेंस और तेल का इसतेमाल किया जाता है । कपड़े की पोटलियों के जरिए ये तेल जब शरीर लगाया जाता है तो राम रोम प्रसन्‍न हो जाते हैं । इनकी खुशबू व्‍यक्ति को आनंदित करती है और चिंता, संताप से दूर ले जाती है ।