महिलाएं हफ्ते में 2 दिन जरूर पहनें कांच की चूडि़यां, होगा ये बड़ा बदलाव

शादीशुदा महिलाओं के श्रृंगार का एक सामान चूडि़यां भी हैं । रंग बिरंगी चूडि़यां क्‍यों पहनाई जाती हैं आगे जानिए ओर इसे ना पहनने के नुकसान भी जरूर जानिए ।

New Delhi, May 06 : चूड़ी के बिना महिलाओं का श्रृंगार अधूरा रहता है। पहले कांच की चूड़ी पहनी जाती ‌थी। वहीं बदलते समय के साथ लाख, प्लास्टिक, मैटल और सोने की चूड़ियां पहनी जाने लगी। इसके बावजूद आज भी जब कभी कोई पवित्र काम किया जाता है तो महिलाएं कांच की चूड़ी ही पहनती है, लेकिन क्या आप जानते हैं इन कांच चूड़ी का सीधा संबंध आपके जीवन से होता है और आपके साथ ही आपकी परिवार की जिंदगी को प्रभावित करती है। जानिए कैसे ..

चंद्रमा से है संबंध
हाथों में कांच की चूडि़या सुहाग की निशानी है । आजकल भले ये फैशन में ना होगा लेकिन सोलह श्रृंगार में इनका स्‍थान आज भी सबसे ऊपर है । शास्‍त्रों के अनुसार कांच की चूड़ी का सीधा संबंध चंद्रमा और शुक्र से होता है। चूड़ी का रंग के कारण भी ग्रह का खास प्रभाव पड़ता है। चंद्रमा यानी आपका सुख होता हैं और जब कांच की चूड़ी न पहनने से आपके जीवन से चंद्रमा बाहर हो जाता है। चंद्रमा का प्रभाव भी आपके जीवन पर समाप्‍त होने लगता है।

दो दिन जरूर पहनें
हमेशा न सही, लेकिन सप्ताह में कम से कम दो दिन महिलाएं कांच की चूड़ी जरूर पहनें। जिसे उनके और उनके परिवार पर चंद्रमा का प्रभाव बना रहे।  कांच की चूड़ी पहनने से महिलाओं में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही उनके घर में हमेशा की खुशहाली बनी रहेगी। चूडि़यां पहनना आपके दांपत्‍य जीवन में खुशियां ही खुशियां ला सकती हैं ।

चूडि़यों की खनक
गृह लक्ष्‍मी जब हाथों में चूड़ी पहनती हैं तो उसकी खनक से पूरा घर उसकी उपस्थिति को महसूस करता है । बचपन में अपने मां की चूडि़यों की खनक को याद कीजिए, उनकी उपस्थिति को आप उनके हाथों में पहनी चूडि़यों की खनक से ही पहचान जाया करते थे । सुहागिन स्‍त्री के लिए चूडि़यां पहनना उसके पूरे परिवार की खुशियों से जोड़ कर देखगया है ।

शुद्ध माना जाता है कांच
कांच की चूडि़यां पहनना ही शास्‍त्रों में उचित कही गई हैं, इसकी वजह है कांच का शुद्ध होना । कांच को पकाकर तैयार किया जाता है, इसे बनाने के बाद इसमें कोइ विशुद्धि नहीं होती है । रंग बिरंगी चूडि़यां पहननी शुभ मानी जाती हैं । काली और सफेद रंग की चूडि़यां नहीं पहनने की सलाह दी जाती है, खासतौर पर सुहागिन को इससे बचना चाहिए ।

लाल रंग की चूडि़यां
आजकल की नई पीढ़ी की लड़कियां सुहाग की चीजों में विश्‍वास नहीं करतीं । परंपराएं विश्‍वास नहीं अंधविश्‍वास से आगे बढ़ती हैं । जो बातें हमारे संस्‍कारों में हैं उन्‍हें झुठलाया नहीं जा सकता है । बेशक आप उस पर विश्‍वास ना करें लेकिन आपके बड़े आपसे ऐसा करने को कहते हैं तो आपको ये अवश्‍य करना चाहिए । सुहाग की वस्‍तुओं का प्रयोग करने में किसी प्रकार की शर्म नहीं करनी चाहिए । यदि आप सिंदूर, बिंदी, चूड़ी आदि पहनती हैं तो इससे आपके और आपके पति के बीच प्रेम और बढ़ता है ।