13 जुलाई से अषाढ़ मास के नवरात्रे शुरू हो रहे हैं, ये गुप्त नवरात्रि कहलाए जाते हैं । इन नवरात्रों को किस प्रकार रखा जा सकता है, आगे जानिए । आपकी हर इच्छा पूरी होगी ।
New Delhi, Jul 10 : वर्ष में चार बार आने वाली नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा तो होती ही है उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की प्राप्ति के लिए साधना भी की जाती है । इन नवरात्रों में तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। गुप्त नवरात्र का पालन करने वाले साधक कठिन साधना के द्वारा मां भगवति की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं ।
गुप्त नवरात्री पूजा के लाभ
यह नवरात्रि वर्ष में दो बार आती है । माघ मास में और आषाढ़ मास में । यह पूजा तांत्रिक पूजा के लिए बहुत शुभ मानी जाती है । इस दौरान मां की आराधना करने वाले भक्तों को तुरंत ही सिद्धि की प्राप्ति होती है । देवी दुर्गा अपने भक्तों की व्यथा, तकलीफों को समझकर उनका फौरन ही नाश करती है और धन समृधि और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं ।
13 जुलाई से नवरात्रि
13 जुलाई 2018 से आषाढ़ महीने की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं। 13 जुलाई से 21 जुलाई तक आषाढ़ के नवरात्रि चलगें। इस बार का गुप्त नवरात्रि की शुरुआत पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग व अमृत सिद्धि योग में नवरात्र का समापन होगा। गुप्त नवरात्रि में मां भगवती के गुप्त स्वरूप यानी काली माता की गुप्त रूप की आराधना की जाती है।
गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां
गुप्त नवरात्र के दौरान साधक, महाविद्या या तंत्र साधना की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की आराधना करते हैं । इस समय देवी के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है । तंत्र साधना के लिए मां के मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी रूपों की आराधना की जाती है ।
अभिष्ट सिद्धियों की प्रापित
ये नौ दिन तंत्र साधना करने वालों के लिए बेहद खास होते हैं । इन नौ दिनों में देवी के कुछ विशेष स्वरूपों की पूजा की जाती हैं । मां के ये स्वरूप आपकी समस्त इच्छाओं को पूरा करते हैं । आप जो सिद्धियां प्राप्त करना चाहें देवी उसे आपको जरूर देंगी । गुप्त नवरात्र में 10 देवियों की पूजा अर्चना से अभिष्ट सिद्धियां प्राई जा सकती हैं । इन देवियों को प्रसन्न कर, इनकी पूजा अर्चना कर आप अपने कष्टों से पार पा सकते हैं ।
ऐसे करें व्रत पूजन
इन नौ दिनों में भी उपवास आदि का प्रावधान है । उपवास का संकल्प लेकर पहले दिन घट स्थापना करें । नियमित रूप से सुबह और शाम माता दुर्गा की पूजा करें । 10 देवियों का नाम जपें और इनके बारे में पढ़ें । अष्अमी और नवमी के दिन कन्या पूजन कर अपने व्रत संकल्प का उद्यापन करें । प्रतिवर्ष 4 नवरात्र आती हैं, शारदीय और चैत्र नवरात्र के बारे में सभी जानते हैं और माघ और अषाढ़ में गुप्त नवरात्र पड़ती हैं । इन नौ दिनों में भी देवी की समान रूप से आराधना कर पुण्य फल की प्राप्ति होती है ।