आपकी इन आदतों से कुपित हो रहे हैं भगवान, ये 5 आदतें फौरन छोड़ दें

भगवान ने ही हम सभी को जन्‍म दिया है, उन्‍हें परमपिता परमेश्‍वर कहा जाता है । ऐसे में उनकी नाराजगी की वजह भी इनसानों से कहीं ज्‍यादा वाजिब होंगी ।

New Delhi, Jun 30 : क्‍या आपको भी लगता है भगवान आपकी सुनते नहीं । क्‍या कभी ऐसा सोचा है कि कहीं भगवान आपसे नाराज तो नहीं । सुनने में अटपटा है लेकिन ये सच भी हो सकता है । ईश्‍वर ने ही हम सभी को जन्‍म दिया है, उन्‍हें परमपिता परमेश्‍वर कहा जाता है । ऐसे में उनकी नाराजगी की वजह भी इनसानों से कहीं ज्‍यादा वाजिब होंगी । शास्‍त्रों में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जो मनुष्‍य अकसर करते हैं और ईश्‍वर उनसे इस बात को लेकर नाराज हो जाते हैं । आगे जानिए वो कौन सी बातें हैं जिन्‍हें करना आपको छोड़ देना चाहिए ।

क्रोध है सबसे बड़ा दुश्‍मन
क्रोध यानी गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा शत्रु होता है, गुस्से में मनुष्य अच्छे-बुरे का भेद नही कर पाता, जिस इंसान का स्वाभाव गुस्से वाला होता  है । वो बिना सोचे-विचारे किसी का भी बुरा कर सकता है, या उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। गुस्से की वजह से इंसान का स्वाभाव दानव के समान हो जाता है, हालांकि गुस्से में किये गये कामों की वजह से कई बार शर्मिंदा भी होना पड़ता है, तो कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिये इसे तुरंत खुद से दूर करें।

काम – वासना
जब किसी इंसान पर काम भावनी हावी हो जाती है, तो वो सही-गलत या अच्छा-बुरा सब भूल जाता है, कामी इंसान अपनी इच्छा पूरी करने के लिये किसी के साथ भी बुरा व्यवहार कर सकता है। ऐसे लोग ना सिर्फ खुद की, बल्कि अपने साथ रहने वालों लोगों को भी अपमानित करवा सकता है, इसलिये काम भाव को हमेशा काबू में रखना चाहिये, कभी भी उसे खुद पर हावी ना होने दें।

नशे की बुरी लत
सामाजिक जीवन में हर इंसान के लिये कुछ सीमाएं होती हैं, हर इंसान को उन सीमाओं का हमेशा पालन करना चाहिये,  लेकिन नशा करने वाले इंसान के लिये कोई सीमा नहीं होती, वो नशे की हालत में अच्छे-बुरे की समझ खो देते हैं, ऐसा इंसान अपने परिवार और दोस्तों को दुःख पहुंचाने वाला होता है, नशे की हालत में व्यक्ति ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों का भी नुकसान करता है, ग्रंथों के मुताबिक नशा इंसान का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है।

भौतिक वस्‍तुओं से मोह
हर इंसान को किसी ना किसी वस्तु या चीज से लगाव जरुर होता है, ये मनुष्य के स्वाभाव में शामिल होता है, लेकिन किसी भी वस्तु या व्यक्ति से अत्यधिक मोह भी बर्बादी का कारण हो सकता है, Loveइसलिये किसी से भी ज्यादा लगाव होने पर इंसान सही-गलत का फैसला नहीं ले पाता है, उसके गलत काम में भी उसका साथ देने लगता है। इसकी वजह से कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। किसी से भी ज्यादा मोह रखना गलत है, इसे छोड़ देना चाहिये।

लोभ-लालच, मेरा – तेरा की भावना 
लोभ मतलब लालच, लालची शख्स अपने फायदे के लिये किसी के साथ भी धोखा या उसका नुकसान कर सकता है ।  ऐसे लोग धर्म-अधर्म के बारे में भी नहीं सोचते। लोभी इंसान अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्त या किसी और के साथ भी बुरा करने से नहीं हिचकते, इसलिये हर किसी को लोभ-लालच जैसी भावों से दूर ही रहना चाहिये।