वृषभ, मकर, तुला, कुंभ, मिथुन राशि के जातक पहनें ये एक रत्‍न, किस्‍मत बदल जाएगी

रत्‍न पहनने से पहले ये जरूर जान लें कि वो आपकी राशि के अनुकूल है या नहीं, इसके लिए आप रत्‍न विशेषज्ञों से मिल सकते हैं ।

New Delhi, Dec 28 : ग्रह-नक्षत्र-कुंडली, ज्‍योतिष शास्‍त्र इन्‍हीं पर निर्भर है । इसी के अनुसार प्रत्‍येक जीव का भूत, भविष्‍य और वर्तमान निश्चित होता है । ग्रहों की दशा, दिशा को निंयत्रण में नहीं रखा जा सकता लेकिन इनके प्रभाव को कम या अधिक करने के लिए ज्‍योतिष में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं । इन्‍हीं में से एक उपाय बताया जाता है रत्‍न पहनने का । हर राशि का अपना एक रत्‍न होता है जिसे धारण करने से उस राशि के जातकों के कष्‍ट कम होने लगते हैं ।

लहसुनिया
लहसुनिया को केतु ग्रह का रत्न माना जाता है । लहसुनिया को वैदूर्य मणि, सूत्र मणि, केतु रत्न, कैट्स आई, विडालाक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इसका रंग हल्का पीला होता है । इसे ध्‍यान से देखें तो ये असल में बिल्ली की आंख जैसा लगता है । लहसुनिया धारण करने की सलाह उन्‍हें दी जाती है जो केतु ग्रह के बुरे प्रभाव से जूझ रहे हों । ज्योतिष में इस रत्न को बहुत ही विशेष माना जाता है ।

पहनने से पहले परीक्षण आवश्‍यक
रत्‍न से जुड़ी एक विशेष बात ये है कि अगर ये आपको सूट करता है तो आपको राजा तक बना सकता है लेकिन अगर ये आपके लिए सही नहीं है तो आपको कंगाली के दर पर ला छोड़ता है । इसी प्रकार गुणयुक्त लहसुनिया भी अपने स्वामी को परम सौभाग्य से संपन्न बनाती है । लेकिन यदि ये दोषयुक्त हो तो अपने स्वामी को भी दोषों से संयुक्त कर देती है । इसे पहनने से पहले इसका टेस्‍ट जरूर कर लें ।

ऐसे करें रत्‍न परीक्षण
हम रत्‍नों की जांच की बात नहीं कर रहे हैं, हम उस परीक्षण की बात कर रहे हैं जब आप इसे पहनने के लिए बनवा लेंगे । कोई भी रत्‍न अंगूठी, ताबीज ये किसी भी तरह से पहनने से पहले उसे जांचना जरूरी है । रत्‍न को रात में अपनी तकिया के नीचे रखकर सोएं । देखें क्‍या आपको बुरे सपने आते हैं, ऐसा कम से कम 3 से 4 दिन तक करें । अगर आपको कोई नकारातमक संकेत नहीं मिलते तो आप इस रत्‍न को धारण कर सकते हैं ।

शुभ हो केतु तो मिलेगी मजबूती
कैट्स आई को धारण करने वाला व्‍यक्ति निश्‍चय ही केतु के बुरे प्रभावों से बच सकता है । लेकिन कई कुंडली में केतु शुभ फल्‍ भी देता है, लेकिन इसकी कमजोर स्थिति इसके प्रभाव को नेगेटिव करती है । ऐसे में लहसुनिया धारण करने की सलाह दी जाती हैं । इससे केतु को मजबूती मिलती है और आपको इसका लाभ मिलता है । केतु ग्रह से संबंधित बुरे प्रभाव भी दूर हो जाते हैं ।

केतु की महादशा
जिन राशियों में केतु की महादशा चल रही है उन्‍हें लहसुनिया जरूर पहनना चाहिए । ये रत्‍न उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है शुभ प्रभाव लेकर आता है । लहसुनिया पहनने वालों को किसी की बुरी नजर नहीं लगती है, इसे बच्‍चों को भी पहनाया जाता है । कैट्स आई पहनने से पहले इसका परीक्षण जरूरी है, ये जितना शुभ प्रभाव देता है दोषयुक्‍त होने पर उससे भी बुरा प्रभाव छोड़ता है ।

बुरी नजर से बचाए
ज्‍योतिष और रत्‍न शास्‍त्र के अनुसार जो लोग लहसुनिया पहनते हैं, उन्हें किसी की बुरी नजर नहीं लगती है । कैट्स आई पहनने वालों को बुरे सपने नहीं आते, इन्‍हें नींद में भी किसी का डर नहीं सताता । हनुमान जी की विशेष कृपा रहती है लहसुनिया पहनने वालों पर । नकारातमक ऊर्जा से रक्षा कवच देता है ये रत्‍न, बस इसे पहनने के बाद रत्‍न से जुड़ी सावधानियों का ख्‍याल जरूर रखना चाहिए ।

आर्थिक समस्‍याओं का समाधान
पैसों से जुड़ी परेशानियां सता रही हैं, आर्थिक रूप से बहुत बुरे हालात चल रहे हैं तो इस रत्‍न को धारण करें आपको लाभ जरूर होगा । किसी ज्योतिषी से सलाह लें और लहसुनिया को धारण करें । इस रत्‍न को पहनने से गरीबी भी दूर हो सकती है । ल‍हसुनिया पहनने से पहले आपको अपनी कुंडली एक बार जरूर दिखानी चाहिए । ग्रहों की दशा ओर दिशा की जानकारी के बाद ही इसे पहनना चाहिए ।

चांदी की अंगूठी में इस दिन करें धारण
लहसुनिया रत्‍न का प्रयोग चांदी की अंगूठी में किया जाता है । इसे साधे हाथ की मिडिल फिंगर में धारण करने की सलाह दी जाती है । अंगूठी पहनने के लिए सोमवार को शुभ दिन माना गया है । इस दिन किसी भी शुभ मुहूर्त में इसे धारण करने की सलाह दी जाती है । ये ध्यान रखें कि ये रत्न धारण करने के बाद आप किसी प्रकार के अधर्म कार्य में ना फंसे । केतु की ओर से आपको कभी शुभ फल की प्राप्ति नहीं होगी ।