13 और 14 फरवरी को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, 30 साल बाद महासंयोग

महाशिवरात्रि का पर्व 13 और 14 फरवरी को मनाया जाएगा, ग्रह गोचर और संवत्सर की गणना के अनुसार 30 साल बाद इस योग में शिवरात्रि मनाई जाएगी ।  

New Delhi, Feb 12 : सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का खास महत्व है । शिव की आराधना का यह विशेष पर्व हिंदुओं में धूम धाम से मनाया जाता है । इस दिन व्रत पूजन का विशेष महत्‍व है । इस बार शिवरात्रि का पर्व दो दिन मनाया जाएगा । 13 और 14 फरवरी को मनाए जाने वाले इस पर्व पर विशेष योग बन रहा है । इस दिन शिव योग और सिद्धि योग में श्रद्धालु दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना और उनका महाभिषेक भी कर सकेंगे । महाशिवरात्रि पर सिद्धि योग और भौम प्रदोष का संयोग सामन्यत: 32 साल में होता है ।

2 दिन रहेगी महाशिवरात्रि
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस वर्ष 13 फरवरी को रात्रि 10 बजकर 22 मिनट को चतुर्दशी प्रवेशshivling3
हो रहा है और 14 फरवरी को चतुर्दशी सूर्योदय से लेकर रात्रि 12 बजकर 17 मिनट तक है। इसलिए तिथि-नक्षत्र के प्रभाव से इस साल शिवरात्रि के लिए दोनों दिन मान्य हैं। भक्‍त जन दोनों ही दिन शिव की महापूजा कर सकते हैं । इस विशेष संयोग पर शिव की पूजा अर्चना जरूर करें ।

घर लाएं शिव की ये वस्‍तुएं
महाशिवरात्रि पर शिव पूजन के साथ उनकी कुछ वस्‍तुओं को घर में स्‍थापित करना शुभ माना गया हैshivratri । इस दिन भोलेनाथ की आराधना-पूजा के साथ आप इन शुभ वस्‍तुओं को लाकर अपने घर के मंदिर में स्‍थापित करें और भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्‍त करें ।
भोले की भस्म – उज्‍जैन में शिव जी की भस्‍मारती विश्‍व में विख्‍यात है । मणिकर्णिका घाट से लाई गई इस भस्‍म से भोले प्रसन्‍न होते हैं । घर पर भस्‍म रखना अच्‍छा माना जाता है, ये नजर दोष से भी बचाता है ।

रुद्राक्ष लेकर आएं
रुद्राक्ष का अर्थ ही है शिव के आंसू । हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत महत्त्व है । आपने साधुओं को इसे धारण करते हुए देखा होगा, वो इसीलिए क्‍योंकि जो भी शिव के इन आंसू रूपी रुद्राक्ष को धारण करता है शिव उनसे अपनी कृपा दृष्टि कभी दूर नहीं करते । इस महाशिवरात्रि रुद्राक्ष लेकर आएं और घर के मंदिर में उसकी स्‍थापना करें । रुद्राक्ष की माला से जाप करना बहुत ही लाभ पहुंचाता है ।

तांबे का लोटा
महादेव की निरंतर कृपा चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन से शुरू कर घर के मंदिर में हमेशा एक तांबे के लोटे में जल भरकर रखें । इसके अलावा पानी का लोटा घर के उस हिस्‍से में भी रख दें जहां घर के सभी सदस्‍य सबसे ज्‍यादा साथ बिताते हों । ये उपाय घर के सदस्‍यों के बीच प्रेम और विश्‍वास बढ़ाएगा । भोलनाथ की कृपा सदैव घर के लोगों पर बनी रहती है ।

गंगा जल घर में रखें
पवित्र गंगा का जल अपने घर के मंदिर में जरूर रखें । हिंदू धर्म शास्‍त्रों के अनुसार गंगा महादेव की जटाओं से बहती हुई प्रवाहित होती हैं, इसीलिए इसे देवी का सथान प्राप्‍त है । सबसे पावन इस नदी का जल घर में जरूर रखें । किसी भी वस्‍तु के शुद्धिकरण के लिए इस्‍तेमाल आने वाला गंगाजल घर के मंदिर के अलावा किचन में रखें । इससे घर के प्रत्‍येक सदस्‍य को तरक्‍की और सफलता मिलती है । यदि आपके घर में अब तक गंगाजल नहीं है तो इस महाशिवरात्रि गंगाजल को घर जरूर ले आएं ।

महादेव का डमरू
भगवान भोलनाथ का डमरू आपके घर से नकारातमक ऊर्जा को दूर करता है । भोलेनाथ जहां भी
विराजमान होते हैं वहां डमरू जरूर उनके त्रिशूल के साथ होता है । आपके घर में यदि बच्‍चे का अलग से कमरा है तो वहां महाशिवरात्रि के दिन डमरू लाकर रख दें। किसी भी नेगेटिव एनर्जी से ये बच्‍चों को दूर रखता है । बच्‍चों का दिमाग पढ़ाई में भी तेज होता है । डमरू का ये उपाय वास्‍तु में भी बताया गया है, इस उपाय को करने से बच्‍चे तेज बुद्धि के हो जाते हैं ।

त्रिशूल से पाएं महाकृपा
महादेव एक ही अस्‍त्र अपने पास रखते हैं और वो है त्रिशूल । इस महाशिवरात्रि चांदी या तांबे का त्रिशूलshivling32 बनवाकर पूजा स्‍थल में रख लें । इससे नकारात्‍मकता दूर होती है और पॉजिटिव एनर्जी का संचार पूरे घर में होता है । त्रिशूल शिव को अति प्रिय है इस उपाय को करने से आपको शिव की विशेष कृपा प्राप्‍त होगी । इन सातों चीजों की अपनी अलग महिमा और प्रभाव है इन्‍हें सावन में जरूर घर लाएं और भोलेनाथ की कृपा प्राप्‍त करें ।

चांदी के नंदी
शिव के अनन्‍य भक्‍त और वाहन हैं नंदी । हर शिव मंदिर में द्वार पर नंदी जरूर विराजमान होते हैं । शिव तक कोई मनोकामना पहुंचानी हो तो इस महाशिवरात्रि नंदी जी को घर ले आएं । चांदी के नंदी को घर लाएं, उसका पूजन करें और गहनों के साथ तिजोरी में रख दें । ऐसा करने से आपके घर में बरकत होती है । बुरी नजर से नंदी घर की रक्षा करते हैं ।