दुर्लभ संयोग के साथ शुरु होगी नवरात्रि, जानिये, कलश स्थापना का शुभ मूहूर्त

इस बार नवरात्रि का शुभारंभ बुधवार को चित्रा नक्षत्र में हो रहा है। महानवमी का आगमन श्रवण नक्षत्र में होगा, साथ ही इस दिन ध्वज योग है।

New Delhi, Oct 08 : पितृपक्ष के समाप्त होते ही 10 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरु हो जाएगी। जिसे लेकर तैयारियां जोरो पर है। इस साल ग्रह- नक्षत्रों के संयोग से शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार पिछले साल की तरह कोई भी तिथि क्षय नहीं होने की वजह से नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी। जो सुख और संपदा के संकेत हैं। 19 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि में माता दुर्गा इस बार नौका पर सवार होकर आएंगी, और सभी की मनोकामनाओं को पूरा करेंगी, वहीं विजयादशमी के दिन हाथी पर सवार हो प्रस्थान करेंगी।

नवरात्रि पर शुभ संयोग
इस साल शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेंगे, इससे पहले साल 2016 में भी नवरात्रि 9 दिनों का था, साल 2019 में भी नवरात्र पूरे 9 दिनों का रहेगा। द्वितीय नवरात्र प्रथम नवरात्र के साथ ही बुधवार को पड़ रही है, एक नवरात्र कम होने के बावजूद नवरात्र 9 ही दिन पड़ने वाले हैं।

बुधवार को शुभारंभ
इस बार नवरात्रि का शुभारंभ बुधवार को चित्रा नक्षत्र में हो रहा है। महानवमी का आगमन श्रवण नक्षत्र में होगा, साथ ही इस दिन ध्वज योग है, ऐसे में शारदीय नवरात्र सभी देशवासियों के लिये बेहद शुभ होने वाला है। इस बार के नवरात्रि में 10 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच में राजयोग, द्विपुष्कर योग, अमृत योग और सिद्धियोग का संयोग भी बन रहा है, इन नौ दिनों में नवरात्रि पूजा-पाठ और खरीददारी बेहद शुभ और फलदायी रहेगी।

घट (कलश) स्थापना का शुभ मूहूर्त
सुबह- 6.18 बजे से 10.11 बजे तक शुभ मूहूर्त है
कलश स्थापना का सबसे शुभ मूहूर्त – बह्ममूहूर्त में सुबह 7.56 बजे करें
कुल अवधि- 3 घंटे 52 मिनट

महाअष्टमी – 17 अक्टूबर
महानवमी – 18 अक्टूबर
विजयादशमी- (दशहरा)- 19 अक्टूबर 2018