भगवान सूर्य के लिए रखा जाता है रविवार का व्रत, जानें सूर्य को अर्घ्‍य देने के फायदे

रविवार का दिन सूर्य उपासना का दिन है, इस दिन आप भगवान सूर्य को प्रसन्‍न करने के लिए व्रत रख सकते हैं । सूर्य को प्रसन्‍न करने के लिए उनका एक छोटा सा उपाय ही काफी है ।

New Delhi, Dec 09 : हिंदू धर्म में सप्‍ताह का प्रत्‍येक दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित होता है । रविवार का दिन भी इसी प्रकार भगवान सूर्य को समर्पित है । सूर्य का स्‍थान सभी ग्रहों, नक्षत्रों में सर्वोपरी है । व्‍यक्ति की कुंडली में सूर्य श्रेष्‍ठ हो तो जीवन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती लेकिन सूर्य कमजोर हो तो मनुष्‍य का जीवन दुखों से भर जाता है । सूर्य की उपासना से कुंछली में आ रहे ये दोष समाप्‍त होते हैं । रविवार से सूर्य की उपासना शुरू कीजिए और अपनी समस्‍याओं का समाधान प्राप्‍त कर लीजिए ।

सूर्य उपासना
भगवान सूर्य रौशनी के देव हैं, ये पूरे विश्‍व को ऊर्जा प्रदान करते हैं । इनकी उपासना से व्‍यक्ति को रोजगार से संबंधित दिक्‍कतें नहीं आतीं । करियर से जुड़ी किसी भी प्रॉब्‍लम का निदान सूर्य की उपासना से तुरंत हो जाता है । सूर्य की उपासना बहुत ही आसान सी विधियों से की जाती है । आप अगर कुछ ना भी कर सकें तो प्रतिदिन बस सूर्य का अर्ध्‍य देकर ही उनकी पूजा पूरी कर आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकते हैं ।

सूर्य को अर्घ्‍य दें
शास्‍त्रों में कहा गया है कर्म किए जा फल की चिंता मत कर । अर्थात मनुष्‍य को कर्म करते रहना चाहिए, उस कर्म से उसे क्‍या प्राप्‍त होने वाला है ये बाद का विषय है । बहरहाल पूजा निश्‍चल मन से की जानी चाहिए । भगवान से सभी लोग कुछ पाने की कामना ही करते हैं, लेकिन निष्‍काम भाव से की गई प्रार्थना ईश्‍वर जल्‍दी मानते हैं । भगवान सूर्य तो सिर्फ जल की कुछ धाराओं से ही प्रसन्‍न हो जाते हैं ।

सूर्य को अर्घ्‍य देने के फायदे
भगवान से कुंछ मांगना भी गलत नहीं, आगे बताते हैं आपको सूर्य उपासना के फायदे । सूर्य को अर्घ्‍य देने के फायदे एक नहीं अनेक हैं । प्रात:काल की पहली किरण हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभदायक है । सूर्य को अर्घ्‍य देने के लिए आपको सुबह ही उठना होगा, नहा-धोकर पूजा करनी होगी । इससे आपके अंदर एक अच्‍छी आदत का विकास होगा । सुबह उठने से स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है ।

कॉन्फिडेंस बढ़ता है
ज्योत‌िष विज्ञान में सूर्य का आत्‍मा से जुड़ाव माना गया है । हमारे अंदर जो एनर्जी है उसका कारक सूर्य ही तो है । प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्‍य देने से आपके अंदर एक सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होता है । सूर्य को नियमित रूप से जल देने पर आत्म शुद्ध‌ि होती है आत्मबल भी बढ़ने लगता है । नियमित रूप से अर्घ्‍य देना वाला व्‍यक्ति उत्‍साही और आत्‍मविश्‍वास से परिपूर्ण हो जाता है ।

प्रमोशन तय
सूर्य को जल चढ़ाने से एनर्जी मिलती है । आप में उत्‍साह का संचार होता है जिसके चलते आप अपने काम में अच्‍छा परफॉर्म करने लगते हैं । आपका मन काम में लगता है जिसका सीधा असर आपको पदोन्‍नती या इनसेनिटव के रूप में मिलने लगता है । दफ्तर में आप अधिक एकाग्रता के साथ काम करते हैं । बॉस भी आपके काम से खुश होते हैं ।

अधिकारियों से संबंध अच्छे होते हैं
अगर आप नौकरी पेशा व्‍यक्ति हैं तो आपके लिए अधिकारी वर्ग को खुश रखना अति आवश्‍यक है । इसका अर्थ ये नहीं है कि आप उन्‍हें किसी और तरीके से खुश करें, आपके काम से वो खुश होने चाहिए । सूर्य इसमें आपकी मदद कर सकते हैं । सूर्य की उपासना करने से आप अपना फोकस निश्चित कर सकते हैं, अटल रहकर अपने कार्य के माध्‍यम से अधिकारी वर्ग को खुश कर सकते हैं । बॉस आपका सहयोग जरूर करने लगेंगे ।

रविवार से ही करें उपासना की शुरुआत
सूर्य को अर्घ्‍य देने की शुरुआत आप रविवार से कर सकते हैं । ध्‍यान रखें कि आप सूर्य को जल देने के लिए तांबे के पात्र का ही प्रयोग करें । तांबे के पात्र से अर्घ्‍य उत्‍तम फलदायक होता है । सूर्य को अर्घ्‍य देने से पहले इस जल में रोली म‌िलाएं और लाल फूल के साथ जल चढ़ाएं । आप जल में अक्षत यानी चावल के कुछ दानें भी डाल सकते हैं । जो लोग रविवार का व्रत करते हैं उन्‍हे इस दिन नमक से परहेज करना चाहिए ।

सूर्य के विशेष मंत्र
सूर्य की उपासना उनके मंत्रोच्‍चारण के बिना अपूर्ण है । आगे आपको सूर्य के कुछ ऐसे मंत्र बताए जा रहे हैं जिनका जप करके आप भगवान सूर्य का अपना व्रत सफल कर सकते हैं ।
सूर्य वैदिक मंत्र : ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च । हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
सूर्य के लिए तांत्रोक्त मंत्र – ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम ।। ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री ।। ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम: ।। ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: ।।
सूर्य नाम मंत्र – ऊँ घृणि सूर्याय नम:
सूर्य गायत्री मंत्र – ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात