भूलकर भी इन जगहों पर ना पहनें जूता-चप्पल, नहीं तो घर हो जाएगा बर्बाद

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क्या आपको पता है कि घर के किन-किन हिस्सों में जूता-चप्पल पहन कर जाना चाहिये और किन हिस्सों में परहेज करना चाहिये।

New Delhi, Nov 28 : जूते-चप्पल का हमारे जीवन में खास महत्व हो चुका है, कुछ लोग तो जूते-चप्पले पहने ही बेडरुम में घुस जाते हैं, तो कुछ बेड पर सो भी जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिये, ऐसा करने से दरिद्रता आती है। अक्सर आप जब भी किचन में चप्पल पहन ही घुस जाते होंगे तो दादी-नानी टोकती होंगी। क्या आपको पता है कि घर के किन-किन हिस्सों में जूता-चप्पल पहन कर जाना चाहिये और किन हिस्सों में परहेज करना चाहिये।

क्या कहता है धर्म शास्त्र ?
शास्त्रों के अनुसार अगर आप घर के हर हिस्से में जूता-चप्पल पहनकर घूमते हैं, तो अनजाने ही सही, लेकिन पाप के भागीदार बन जाते हैं, 03shoesकुछ जगहों पर जूता या चप्पल पहन कर जानें से परहेज करें, हालांकि अब सर्दी का मौसम आ चुका है, तो ठंड में सुबह-सुबह या शाम को पैर जमीन पर जमीन में सर्दी लगती है, तो आप जूते-चप्पल की बजाय दूसरे विकल्पों पर विचार करें।

रसोई में कभी ना पहनें जूते-चप्पल
शास्त्रों में कहा गया है कि रसोई घर में कभी भी जूता-चप्पल पहन कर नहीं घुसना चाहिये, दरअसल रसोई में खाना पकाया जाता है, जिसे हम खाते हैं, Kitchen3साथ ही रसोई को मां अन्नपूर्णा का स्थान कहा जाता है, एक तरह से रसोई घर को अन्नपूर्णा का मंदिर कहा जाता है, जब हम चप्पल या जूता पहन रसोई में घुसते हैं, तो दरिद्रता को आमंत्रित करते हैं, इसलिये यहां परहेज करें।

भंग होगी घर की सुख-शांति
आपके घर का वो हिस्सा जहां आपने तिजोरी रख रखी है, वहां कभी भी जूते-चप्पल पहनकर ना जाएं, ऐसी मान्यता है कि अगर आप ऐसा करते हैं, 04shoesतो मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है। आपको बता दें कि तिजोरी में मां लक्ष्मी का वास होता है, इसलिये अगर आप भी धन का लालसा रखते हैं तो तिजोरी के पास कभी भी ना जूता-चप्पल रखें, और ना ही जूता-चप्पल पहन कर वहां जाएं।

मंदिर में रखे खास ध्यान
घर में मंदिर हो, या फिर आस-पड़ोस के किसी मंदिर में जाते हों, तो जूता-चप्पल बाहर ही खोल दें, अगर आप जूता-चप्पल पहन कर वहां जाते हैं, तो ये अपशकुन है, मंदिर में देवताओं का वास होता है, इसलिये हिन्दू धर्म में इसे वर्जित माना जाता है। इसके साथ ही मंदिरों में जूतों-चप्पलों के साथ प्रवेश भी वर्जित रहता है। ऐसी मान्यता है कि अगर आप जूता या चप्पल पहन मंदिर में प्रवेश करते हैं तो धन हानि हो सकती है।

नदी के पास चमड़े का ना करें प्रयोग
हिन्दू धर्म के अनुसार नदी के देवी का रुप माना गया है, ऐसे में कभी भूलकर भी नदी में जूते-चप्पल या फिर चमड़े से बनी कोई भी पहनकर ना जाएं, shoes1कुछ लोग चमड़े का बेल्ट बांधना भी पसंद करते हैं, वो भी इन चीजों से परहेज करें, अगर आप इन चीजों को लेकर नदी में प्रवेश करते हैं, तो ये उनका अपमान माना जाता है, जिससे मानहानि के साथ-साथ धनहानि के भी योग बनते हैं।

भंडार घर
भंडार घर में भी कभी जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिये, कहा जाता है कि जिन घरों में लोग जूते-चप्पल पहन कर भंडार घर (स्टोर रुम) में घुसते हैं। store roomउन घरों में कभी भी बरकत नहीं होती है। इसलिये कभी भूलकर भी जूते -चप्पल पहन कर स्टोर रुम में ना घुसें, और अपने घर वालों को भी ऐसा करने के लिये मना करें।

श्मशान घाट
कभी भी श्मशान घाट में चप्पल पहन कर ना जाया करें, जब भी किसी प्रिय व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिये श्मशान तक जाते हैं, cremationअगर आप भी श्मशान जाते हैं, तो जब अंतिम संस्कार हो रहा हो, उस समय आप चप्पल या जूता पहन कर ना खड़े रहे, ऐसा करना शास्त्रों के अनुसार गलत माना जाता है। इसलिये श्मशान में जाते समय भी जूते-चप्पल उतार लें।

अस्पताल
जब भी अस्पताल किसी मरीज को देखने ये मिलने जाएं, तो जूते-चप्पल उतार लें, आपने अक्सर देखा होगा कि बर्न वार्ड या फिर आईसीयू में जाने वाले लोगों के जूते-चप्पल बाहर भी खुलवा लिये जाते हैं, Hospitalदरअसल कहा जाता है कि इंफेक्शन से बचने के लिये ऐसा किया जाता है। शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र हैं अगर आप अस्पताल किसी मरीज को देखने या मिलने जाते हैं, तो जूते-चप्पल बाहर ही उतार दें।