रामायण : प्रेम की अद्भुत कहानी, लक्ष्‍मण के लिए 14 सालों तक सोतीं रहीं उर्मिला, ये प्रसंग नहीं जानते होंगे आप

रामायण सिर्फ राम सीता और रावण से ही संबंधित नहीं है, इससे जुड़े कई दूसरे प्रसंग भी हैं जो कम चर्चित हैं । लेकिन जब आप उन्‍हें जानेंगे तो आप इनसे प्रभावित भी होंगे और हैरान भी ।

New Delhi, Jul 13 : हिंदुओं के पवित्र ग्रन्थ रामायण में हम सभी ने श्री राम की कथा सुनी है । श्री राम जन्‍म से लेकर उनके वनवास, फिर उनके राजा बनने और उनके पुत्रों लव कुश की कहानी तक । रामायण में देवी सीता, लंका के अधिपति रावण और हनुमान जी समेत कई चरित्रों का वर्णन है । इन पात्रों के अलावा रामायण के एक प्रमुख पात्र लक्ष्‍मण जी भी हैं, जिन्‍होने श्री राम का साथ तब तक दिया जब तक उन्‍होने जल समाधि नहीं ले ली । आज जानिए लक्ष्‍मण और उनकी पत्‍नी उर्मिला से जुड़ा एक प्रसंग ।

उर्मिला के महात्‍याग की गाथा
श्रीराम को वनवास का आदेश हुआ तो देवी सीता भी उनके साथ अपना पत्‍नी धर्म निभाने के लिए अग्रसर हो गईं । भैया राम को वन जाता देखलक्ष्‍मण भी उनके साथ चलने को तैयार हो गए । लेकिन उनकी पत्‍नी उर्मिला का क्‍या । वो लक्ष्‍मण के साथ क्‍यों नहीं गईं, क्‍यों वो महल के सुख भोगती रहीं और उनके पति जंगल की खाक छानते रहे । ऐसा सवाल अगर आपके भी मन में है तो ये कहानी जान लीजिए ।

पति के साथ जाना चाहतीं थीं उर्मिला
देवी सीता की तरह उर्मिला भी अपने पति के साथ वन को जाना चाहती थीं लेकिन लक्ष्‍मण ने उन्‍हें ये कहकर रोक दिया कि वो वन में भैया राम और भाभी सीता की रक्षा के लिए जा रहे हैं । यदि वो भी उनके साथ होंगी तो वो अपना धर्म नहीं निभा पाएंगे । इसलिए उन्‍होने उर्मिला को साथ चलने से इनकार कर दिया ।

उर्मिला ने किया 14 वर्ष का इंतजार
लक्ष्‍मण के साथ ले चलने से मना करने पर उर्मिला व्‍यथित तो हुईं लेकिन वो अपने पति को अच्‍छी तरह से जानती थीं । श्री राम के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा को वो अच्‍छे से समझती थीं । वो चाहकर भी लक्ष्‍मण को राक ना सकीं । उन्‍होने 14 वर्ष पति वियोग में स्‍वीकार किए । लक्ष्‍मण वन में रहे तो उर्मिला महल में रहकर भी वनवास का जीवन जीती रहीं ।

14 वर्षों तक सोती रहीं उर्मिला
वन गमन की पहली रात जब निद्रा देवी लक्ष्‍मण के समक्ष आईं और उन्‍हें सोने को कहा तो लक्ष्‍मण ने सोने से इनकार कर दिया । उन्‍होने कहा

कि भैया राम और भाभी सीता की रक्षा के लिए मैं उनके साथ आया हूं । सोने नहीं, तब देवी निद्रा ने कहा कि अगर आप ऐसा करेंगे तो आप स्‍वस्‍थ नहीं रह पाएंगे । यदि आपके बदले कोई आपकी नींद पूरी करे तो आप बिना थके और तनाव के अपने भाई भाभी की रक्षा कर पाएंगे ।

लक्ष्‍मण ने उर्मिला को सौंप दी अपनी नींद
निद्र देवी के ऐसा कहने पर उन्‍होने देवी को अपनी पत्‍नी उर्मिला के पास जाने को कहा । निद्र देवी अयोध्‍या पहुंची और उर्मिला को पति का हाल कह सुनाया । उर्मिला ने एक क्षण भी ना सोचते हुए अपने पति की नींद ग्रहण कर ली । इसके बाद उर्मिल अगले 14 वर्षों तक सोती रहीं । वहीं लक्ष्‍मण बिना रुके, थके श्री राम की सेवा में लगे रहे ।