इस चमत्‍कारी मंदिर में मां गंगा खुद करने आती हैं शि‍व जी का जलाभिषेक, सावन विशेष

भारत धर्म और आस्‍था का केन्‍द्र कहा जाता है । यहां कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी महिमा प्राचीन काल से चली आ रही है । कई मंदिर हैं जो रहस्‍यों से भरे हुए हैं । एक ऐसे ही मंदिर की महिमा आज सावन विशेष में जानिए ।

New Delhi, Jul 30 : भारत में कई मंदिर है, संख्‍या लाखों नहीं करोड़ में भी हो सकती है । कई मंदिर ऐसे हैं जो बहुत ही प्रसिद्ध हैं । कई मंदिर ऐसे हैं जहां प्राकृतिक रूप से ऐसे चमत्‍कार देखे जा सकते हैं जो अचरज में डाल देते हैं । ऐसा ही एक मंदिर है, भगवान भोलनाथ का । इस मंदिर की महिमा काफी लंबे समय से चली आ रही है । भक्‍त इस मंदिर में दूर-दूर से आते हैं । इस मंदिर की खासियत है यहां होने वाला जलाभिषेक, जो स्‍वयं मां गंगा भोलेनाथ को करती हैं ।

झारखंड में स्थित है ये मंदिर
झारखंड के रामगढ़ में स्थित भोलेनाथ का ये मंदिर चमत्‍कारी माना गया है । यहां भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं । इसे दैवीय शक्ति का अनोखा चमत्‍कार ही कहेंगे आसपास गंगा का कोई स्रोत ना होने के बाद भी ये पानी लगातार शिवलिंग पर प्रवाहित होता रहता हो ।

साल के बारह महीने और 24 घंटे जलाभिषेक
ये जानकर आपको भी हैरानी होगी कि शिव लिंग पर जल की ये धारा हमेशा, निरंतर बनी रहती है । भक्तों की आस्‍था है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है । झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है । इस मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है ।

खुदाई में निकला था मंदिर
मंदिर का इतिहास वर्ष 1925 के समय का है । बताया जाता है कि उस समय अंग्रेज इस इलाके में रेलवे की पटरी बिछाना चाहते थे । पानी के लिए खुदाई के दौरान ही कामगर मजदूरों को जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ी । अंग्रेजों ने इसे पूरी तरह देखने के लिए पूरी खुदाई करवाई और आखिर में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया ।

शिवलिंग और मां गंगा की प्रतिमा के हुए दर्शन
खुदाई में सामने आए मंदिर को देखकर अंग्रेज भी हैरान रह गए । भगवान भोले का शिव लिंग और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली । प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है,  जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है । मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से खुद ब खुद पानी निकलना अपने आप में एक रामांचक विषय है ।

कहां से आ रहा हे पानी ?
वर्षों से ये सवाल,  सवाल ही बना हुआ है कि आखिर यह पानी इसमें अपने आप कहां से आ रहा है । ना तो मंदिर के आसपास कोई जल का सतत स्रोत है ओर ना ही गंगा यहां से गुजरती है । यहां लगे दो हैंडपंप भी रहस्‍यों से घिरे हुए हैं । पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है । भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है ।

साल भर आते रहते हैं श्रद्धालु
इस मंदिर में लोग दूर-दूर से पूजा करने के लिए आते हैं । यहां साल भर ही भक्‍तों का आना जाना लगा रहता है । श्रद्धालुओं की असासथा है इस मंदिर पर, उनका मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है । यहां आने वाले भक्‍त इस जल को अपने साथ प्रसाद के रूप में ले जाते हैं ।