श्रीकृष्‍ण के चमत्‍कारी 13 मंत्र, हर समस्‍या का समाधान, किसी भी वक्‍त करें ध्‍यान

जन्‍माष्‍टमी का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया गया । भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्‍ण तारणहार हैं । पूरे जगत में उनके भक्‍त हैं । श्रीकृष्‍ण के कुछ ऐसे मंत्र हैं जिनका ध्‍यान आपको कई समस्‍याओं से मुक्ति  देगा ।

New Delhi, Sep 04 : श्रीकृष्‍ण, ये नाम स्‍वयं में एक मंत्र है । सिर्फ भगवान कृष्‍ण का नाम जप लेने से आपके समस्‍त बिगड़े काम बन जाएंगे । धर्म शास्‍त्रों में श्रीकृष्ण से जुड़े कुछ ऐसे मंत्र बताए गए हैं जो जीवन में धन-संपदा और सौन्दर्य देते हैं । यह मंत्र एकदम सरल हैं लेकिन इनका ध्‍यान करते हुए बहुत जरूरी है कि आप इनका उच्‍चारण सही प्रकार से करें । आगे जाने कुछ ऐसे मंत्र जो आपके जीवन को और सरल बनाएंगे और कृष्‍ण का आशीर्वाद आपको देंगे ।

मंत्र 1: कृं कृष्णाय नमः
यह श्रीकृष्ण का बताया मूलमंत्र है जिसके प्रयोग से व्यक्ति का अटका हुआ धन प्राप्त होता है । इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है ।
मंत्र 2 : ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
यह कोई साधारण मंत्र नहीं बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है । अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध होता है ।

मंत्र 3 : क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः
आर्थिक स्थिति को सुधारने वाले इस मंत्र का प्रयोग जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है । यह मंत्र आर्थिक स्थिति को ना केवल ठीक करता है, वरन् उसमें तेजी से वृद्धि लाता है ।
मंत्र 4 : ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय
अभी तक जितने भी मंत्र हमने बताए वह सभी सुख एवं संपदा से जुड़े हैं लेकिन यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है । जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं रहा तो वे प्रात: काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें ।

मंत्र 5 : गोवल्लभाय स्वाहा
देखने में यह केवल दो शब्द दिखाई दे रहे हैं लेकिन धार्मिक संदर्भ से देखें तो इन शब्दों को बनाने के लिए प्रयोग में आए सात अक्षर बेहद महत्वपूर्ण हैं । यदि उच्चारण के समय एक भी अक्षर सही से नहीं पढ़ा जाए, तो इस मंत्र का असर खत्म हो जाता है ।
मंत्र 6 : गोकुल नाथाय नमः
इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं । अब वह इच्छा धन से संबंधित हो, भौतिक सुखों से संबंधित हो या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हो ।  इस मंत्र का सही उच्चारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

मंत्र 7 : नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है. इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें । आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा ।
मंत्र 8 : ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे. रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे
33 अक्षरों वाले इस मंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे ।  इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं ।  यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए ।

मंत्र 9: ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो
यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन इसका प्रभाव उतना ही तेज़ है । यह मंत्र वाणी का वरदान देता है ।
मंत्र 10 : ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री
यह 23 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है । ऐसी मान्यता है कि जो भी साधक इस तेइस अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती ।

मंत्र 11 : ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं । जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है, उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं ।
मंत्र 12: लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा
श्रीकृष्ण के इस मंत्र में उन्तीस (29) अक्षर हैं, जिसका जो भी साधक एक लाख जप के साथ घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन भी करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है ।

मंत्र 13 : कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान्  इति कृष्णः, ओम् वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से
श्रीकृष्ण के इस मंत्र में 33 अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है ।
सभी मंत्री आपकी धन संबंधी समस्‍याओं को दूर करते हैं । लेकिन ध्‍यान रहे मंत्रों का जाप सही उच्‍चारण के साथ करना अति आवश्‍यक है । गलत उच्‍चारण आपको मुसीबत में डाल सकता है ।