अकाल मृत्यु के शिकार होते हैं ऐसे घर में रहने वाले लोग, ये हैं वो वास्तु दोष

वास्‍तु दोष घर में रहने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति पर समान रूप से कार्य करता है । जिसकी कुंडली में ग्रहों की दशा कमजोर होती है वो इसकी चपेट में जल्‍दी आ जाते हैं ।

New Delhi, Jul 5 : वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्‍व होता है । सही दिशा में बनी हुई, रखी हुई चीजें घर में और घर में रहने वालों पर शुभ प्रभाव डालती है । लेकिन अगर दिशाओं में दोष हो तो इसका असर घर पर रहने वाले हर सदस्‍य पर पड़ता है । वास्तु शास्त्र के अनुसार नैऋत्य दिशा यानि पश्चिम- दक्षिण में दोष के परिणाम घातक होते हैं । परिवार के सदस्‍यों पर अकाल मृत्‍यु का साया मंडराता है । इसीलिए इस दोष को ठीक कर वास्‍तु दोष से घर को मुक्‍त कर देना चाहिए । जानिए वो कौन सी बातें हैं जो आपको ध्‍यान में रखनी चाहिए।

आत्‍महत्‍या की आशंका
अगर घर के उत्तर-पश्चिम हिस्से में कुआँ और पश्चिम-नैऋत्य दिशा में कोई बरामदा या दरवाजा हो तो उस घर के स्वामी की आत्महत्या करने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में इस वास्‍तु दोष का जल्‍द से जल्‍द निवारण करें । वास्‍तु दोष घर में रहने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति पर समान रूप से कार्य करता है । जिसकी कुंडली में ग्रहों की दशा कमजोर होती है वो इसकी चपेट में जल्‍दी आ जाते हैं ।

इस तरह हो सकती है अकाल मृत्‍यु
जिस घर में पूर्व दिशा में मुख्य दरवाजा फिर पूर्व-दक्षिण दिशा में एक और दरवाजा हो और घर का ईशान कोण क्षतिग्रस्त अवस्था में हो तो वहां पर रहने वाले सदस्यों की हार्ट अटैक, सड़क दुर्घटना या आत्महत्या से मौत की संभावना बढ़ जाती है । ईशान कोण ईयवर का स्‍थान है इसीलिए इस जगह को कभी भी टूटने फूटने और गंदा ना होने दें ।

ऐसा वास्‍तु दोष खतरनाक
जिस घर के पश्चिम में चहारदीवारी की दक्षिण-नैऋत्य दिशा में फाटक हो। ऐसे घर में रहने वाले लोग आत्महत्या कर सकते हैं। इस वास्‍तु दोष को जानकर तुरंत इसका निवारण करें । घर में उचित बदलाव लाने की कोशिश करें ना संभव हो तो पूजा पार्ठ के जरिए इसे ठीक करने की कोशिश करें । आगे जानिए अकाल मृत्‍यु का योग हो तो क्‍या करने से आपकी समस्‍याओं का निवारण हो सकता है ।

अकाल मृत्‍यु से बचने के उपाय
1. आकस्मिक मृत्यु के बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। जप रुद्राक्ष माला से पूर्वी मुख होकर करें।lord shiva
2. वाहन चलाते समय मादक वस्तुओं का सेवन न करें तथा अभक्ष्य वस्तुओं का सेवन न करें अन्यथा पिशाची बाधा हावी होगी वैदिक गायत्री मंत्र कैसेट चालू रखें।
3. गोचर कनिष्ठ ग्रहों की दशा में वाहन तेजी से न चलायें।

अकाल मृत्‍यु से बचाव हेतु उपाय
सर्व प्रथम जातक की कुण्डली का सूक्ष्म अवलोकन करने के पश्चात निर्णय लें कि किस ग्रह के कारण अकस्मात मृत्यु का योग निर्मित हो रहा है। उस ग्रह का पूर्ण विधि-विधान से जप, अनुष्ठान, यज्ञ, दानादि करके इस योग से बचा जा सकता है।