रविवार का दिन खास होता है । इस दिन सूर्य देव की उपासना की जाती है । इस दिन आप व्रत का संकल्प करें और जीवन की समस्त परेशानियों को दूर करें ।
New Delhi, Apr 21 : रविवार के दिन का सभी को इंतजार रहता है । स्कूल, दफ्तर हर जगह की छुट्टी जो रहती है इस दिन । हफ्ते भर काम,दौड़ भाग के बाद एक ये दिन मिलता है आराम का । लेकिन जरा ये पढि़ए, शास्त्रों में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है । सूर्य, जो आपकी कुंडली में आपके यश, सम्मान का प्रतीक है । सूर्य देव की आराधना करने के लिए रविवार का दिन सबसे शुभ माना गया है । इस दिन की गई पूजा, आराधना का फल आपके करियर में बहुत मदद करती है ।
रविवार का व्रत
रविवार का व्रत आपकी उन्नति के नए रास्ते खोलता है । इस दिन से आप सूर्य की उपासना का संकल्प करें, पुराणों में रविवार के व्रत के दिन सूर्य को जल चढ़ाने यानी अर्घ्य के बड़े फायदे बताए गए हैं । सूर्य को रोज जल चढ़ाने से सेहत अच्छी रहती है और स्वास्थ्य भी एकदम ठीक रहता है । अर्घ्य देने से उस घर में संपन्नता आती है । बरकत बनी रहती है ।
आत्मविश्वास बढ़ाता है
अगर आप में आत्मविश्वास की कमी है तो आपको रविवार का व्रत करना चाहिए । ज्योतिष विज्ञान में सूर्य का आत्मा से जुड़ाव माना गया है । हमारे अंदर जो एनर्जी है उसका कारक सूर्य ही तो है । सूर्य की आराधना से आत्म शुद्धि होती है साथ ही आत्मबल भी बढ़ने लगता है । नियमित रूप से सूर्य की उपासना करने वाला व्यक्ति आत्मविश्वास से परिपूर्ण हो जाता है । आप में उत्साह का संचार होता है जिसके चलते आप अपने काम में अच्छा परफॉर्म करने लगते हैं ।
सूर्य हो कमजोर तो करें ये व्रत
शास्त्रों के मुताबिक जिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य परेशान कर रहा हो उन्हें रविवार का व्रत विशेष फल देता है । सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाले और जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाले रविवार व्रत को धारण करें और नियम पूर्वक इसका पालन करें । व्रत का संकल्प कर आप रविवार को उपवास करें और बाकी दिन प्रतिदिन प्रात:काल में सूर्य को अर्घ्य दें । इससे आपका सूर्य मजबूत होगा और आप जीवन में खुशहाली महसूस करने लगेंगे ।
व्रत कैसे करें
रविवार के दिन सुबह सवेरे उठकर, नित्य कर्म निपटाकर, नहा धो लें । स्वच्छ वस्त्र धारण कर ईश्वर का ध्यान करें । व्रत का संकल्प लिया है तो आपको बस एक समय ही भोजन करना है । खाना रात में नहीं बल्कि दोपहर में या सूर्यास्त से पहले ही खा लें । यदि आप सूर्यास्त तक भोजन ग्रहण नहीं कर पाए हैं तो आपको अगले दिन सूर्योदय के बाद अर्घ्य देकर ही व्रत को तोड़ना होगा ।
कथा भी पढ़ें
व्रत का नियम तभी पूरा होगा जब आप रविवार व्रत की संपूर्ण कथा का वाचन करेंगे या उसे किसी से सुनेंगे । रविवार का व्रत आपका मान-सम्मान बढ़ाता है साथ ही आपके दुश्मनों के मन के बैर भाव को भी समाप्त करता है । एक बात का ध्यान रखें कि आप सूर्य को जल देने के लिए तांबे के पात्र का ही प्रयोग करें । तांबे के पात्र से अर्घ्य उत्तम फलदायक होता है ।