अगर आपके भीतर भी इन सात में से एक भी चीज है, तो इन्हें तुरंत खुद से दूर करें, नहीं तो बस परेशान होते रहेंगे।
New Delhi, Jan 23 : शास्त्रों और ग्रंथों में ऐसी सात बातें बताई गई है, जिन्हें मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन (शत्रु) माना जाता है, जिन इंसान के अंदर इन सात में से एक भी बात होती है, उन्हें हमेशा ही दुःख और परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिये अगर आपके भीतर भी इन सात में से एक भी चीज है, तो इन्हें तुरंत खुद से दूर करें, नहीं तो बस परेशान होते रहेंगे।
मद (नशा )
सामाजिक जीवन में हर इंसान के लिये कुछ सीमाएं होती हैं, हर इंसान को उन सीमाओं का हमेशा पालन करना चाहिये, लेकिन नशा करने वाले इंसान के लिये कोई सीमा नहीं होती, वो नशे की हालत में अच्छे-बुरे की समझ खो देते हैं, ऐसा इंसान अपने परिवार और दोस्तों को दुःख पहुंचाने वाला होता है, नशे की हालत में व्यक्ति ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों का भी नुकसान करता है, ग्रंथों के मुताबिक नशा इंसान का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है।
मोह
हर इंसान को किसी ना किसी वस्तु या चीज से लगाव जरुर होता है, ये मनुष्य के स्वाभाव में शामिल होता है, लेकिन किसी भी वस्तु या व्यक्ति से अत्यधिक मोह भी बर्बादी का कारण हो सकता है, इसलिये किसी से भी ज्यादा लगाव होने पर इंसान सही-गलत का फैसला नहीं ले पाता है, उसके गलत काम में भी उसका साथ देने लगता है। इसकी वजह से कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। किसी से भी ज्यादा मोह रखना गलत है, इसे छोड़ देना चाहिये।
लोभ
लोभ मतलब लालच, लालची शख्स अपने फायदे के लिये किसी के साथ भी धोखा या उसका नुकसान कर सकता है, ऐसे लोग धर्म-अधर्म के बारे में भी नहीं सोचते। लोभी इंसान अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्त या किसी और के साथ भी बुरा करने से नहीं हिचकते, इसलिये हर किसी को लोभ-लालच जैसी भावों से दूर ही रहना चाहिये।
क्रोध
क्रोध यानी गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा शत्रु होता है, गुस्से में मनुष्य अच्छे-बुरे का भेद नही कर पाता, जिस इंसान का स्वाभाव गुस्से वाला होता है, वो बिना सोचे-विचारे किसी का भी बुरा कर सकता है, या उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। गुस्से की वजह से इंसान का स्वाभाव दानव के समान हो जाता है, हालांकि गुस्से में किये गये कामों की वजह से कई बार शर्मिंदा भी होना पड़ता है, तो कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिये इसे तुरंत खुद से दूर करें।
काम
जब किसी इंसान पर काम भावनी हावी हो जाती है, तो वो सही-गलत या अच्छा-बुरा सब भूल जाता है, कामी इंसान अपनी इच्छा पूरी करने के लिये किसी के साथ भी बुरा व्यवहार कर सकता है। ऐसे लोग ना सिर्फ खुद की, बल्कि अपने साथ रहने वालों लोगों को भी अपमानित करवा सकता है, इसलिये काम भाव को हमेशा काबू में रखना चाहिये, कभी भी उसे खुद पर हावी ना होने दें।
अति ममता
इंसान को अपने जीवन में किसी भी बात की अति नहीं करनी चाहिये, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार अति हर चीज की गलत होती है, किसी से भी अत्यधिक प्रेम या हद से ज्यादा प्यार करना भी गलत ही होता है, बहुत ज्यादा प्रेम की वजह से हम सही-गलत का भी फैसला नहीं कर पाते, कई बार बहुत अधिक प्रेम की वजह से इंसान अधर्म तक कर जाता है, कई बार किसी भी वस्तु या मनुष्य से बहुत ज्यादा प्रेम रखना, बर्बादी का कारण भी बन जाता है, इसलिये किसी से भी हद से ज्यादा प्रेम नहीं करना चाहिये।
अहंकार
ग्रंथों में कहा गया है कि अहंकारी व्यक्ति की कोई सीमा नहीं होती, अहंकार में चूर इंसान को अच्छे-बुरे का ध्यान नहीं रहता, अहंकार की वजह से ही इंसान कभी दूसरों की सलाह नहीं मानता और अपनी गलती भी स्वीकार नहीं करता, जिसकी वजह से कई बार उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है। ऐसा इंसान अपने परिवार और दोस्तों को कष्ट पहुंचाने वाला होता है।
ग्रंथों में है चर्चा
इस सातों चीजों की हमारे शास्त्रों और ग्रंथों में चर्चा की गई है, कहा गया है कि इन चीजों को जल्द से जल्द खुद से दूर कर लें, नहीं तो अपने साथ-साथ दूसरों का भी नुकसान करेंगे। इसलिये अगर आप भी इन अवगुणों से निहित हैं, तो जल्द से जल्द इसे दूर कर लें।