ऐसे दीपक में ‘ज्‍योत’ जलाना बन सकता है दुर्भाग्‍य का कारण

भगवान तक अपनी प्रार्थनाएं पहुंचाने का तरीका है पूजा, आराधना अर्चना । लेकिन अगर आपकी प्रार्थनाएं ईश्‍वर तक पहुंचे ही नहीं तो, जानें ऐसा कब हो सकता है ।

New Delhi, Jan 15 : पूजा, भगवान और भक्‍त के बीच वो संबंध है जो बहुत ही मजबूत है और पवित्र है । भक्‍त को जब भगवान तक पहुंचने की चाह जगती है वो तुरंत उन्‍हें मन में याद कर उन तक पहुंचने की कोशिश करता है । पूजा के माध्‍यम से, दिया जलाक, अगर बत्‍ती लजाकर, भगवान की आरतियां पढ़कर हम सभी उन तक पहुंचने, उन तक अपनी प्रार्थनाएं पहुंचाने की कोशिश लगातार करते रहते हैं । भले आपके पास रोज पूजा का समय ना हो लेकिन जब भी पूजा करें तो इन बातों का ख्‍याल रखें । विशेषतौर पर दीपक को लेकर सावधानी जरूर बरतें ।

पीतल का दीपक माना जाता है शुद्ध
आजकल बाजारों में स्‍टील के दीपक भी प्रचलन में हैं लेकिन प्राचीन समय से पीतल धातु को ही पूजा में रखने के लिए शुभ माना गया है । पूजा में दीपक जलाते हैं तो पीतल का ही दीपक लेकर आए । इसमें दीपक जलाने से आपकी आयु और आय दोनों में वृद्धि होती है । पीतल के दीपक को समय-समय पर साफ करते रहें । गंदे दीपक में दिया जलाने से आपको पूजा का फल प्राप्‍त नहीं होगा ।

मिट्टी का दिया सबसे शुभ
भगवान आपके मंदिर का वैभव नहीं देखते वो देखते हैं कि आप उनकी सच्‍चे मन से प्रार्थना कर रहे हैं कि नहीं । भगवान की पूजा के लिए मिट्टी के दिए सबसे शुभ माने जाते हैं । बस ये ध्‍यान रखें कि ये दिए टूटे फूटे ना हों, इनमें से तेल लीक ना कर रहा । मिट्टी को आग में पकाकर दिए बनाए जाते हैं, ये बहुत ही शुभ और पवित्र माने जाते हैं । पूजा में इस्‍तेमाल करते हुए इन्‍हें पानी में कुछ देर भिगा दें ।

ऐसी बाती करें इस्‍तेमाल
घरों में दीपक जलाने के लिए उसमें बाती लगाई जाती है । ज्‍यादातर घरों में रुई की बाती बनाई जाती है लेकिन क्‍या आप जानते हैं रुई की बाती से भी शुभ एक ऐसी चीज है जिसकी बाती लक्ष्‍मी के आने का मार्ग प्रशस्‍त करती है । दिए में मौली की बाती बनाकर जलाएं, ये बाती प्रकाश के साथ आपके जीवन में सारी खुशियों को ले आएगी, समृद्धि के नए द्वार खोलेगी ।

दीपक स्वयं से कभी ना बुझाएं
हिन्दू धर्म में दीपक की बड़ी महत्ता है । अन्धकार को दूर कर प्रकाश लाने वाले दीपक के बारे में नियम ये है कि इसे कभी भी स्वयं सेChaumukha-Diya नहीं बुझाना चाहिए  जलते हुए दीपक से कभी अगरबत्ती या धूपबत्ती नहीं जलानी चाहिए। । शुद्ध घी का दीपक पूजा में अपनी दायीं ओर और तेल का दीपक अपनी बायीं ओर प्रज्वलित करें .अपनी सामर्थ्य के अनुसार दीपक जलाएं । तेल या घी नहीं प्रभु आपकी श्रद्धा से प्रसन्न होते हैं ।

खंडित दीपक
खंडित मूर्तियों की ही तरह खंडित दीपक आपकी पूजा को पूर्ण नहीं करता है । पूजा करते समय अक्सर लोग इस बात का ध्यान नहीं देते हैं कि वो जिस दीपक का प्रयोग कर रहे हैं वो टूटा तो नहीं है। पूजा से पहले दीपक जरा भी टूट जाए या फिर खंडित हो जाए तो उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से पूजा का फल आपको नहीं मिल पाता है। इस गलती से हमेशा बचें।

पूजा करते हुए ध्‍यान रखें ये बातें
किसी भी तरह की पूजा करने से पहले पंचदेवों का ध्यान करना ज़रूरी बताया गया है । शास्त्रों में सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और हरी विष्णु कोKitchen mandir पांच देव कहा गया है. । इन देवों का ध्यान कर ही कोई भी पूजा शुरू करनी चाहिए । शुभ कार्यों में पांच देवों का ध्यान ना करने से व्यवधान उत्पन्न हो सकते है ।  भगवान को धन्यवाद कहने का ये एक तरीका है । इसे कभी भी भूलें नहीं ।

बिना नहाये की हुई पूजा स्वीकार नहीं होती
शास्त्रों में कहा गया है, जो लोग बिना नहाये भगवान को भोग लगते हैं, या पुष्प तोड़कर उन्हें अर्पित करते हैं उनकी पूजा भगवान स्वीकार नहीं करते ।  मान्यता है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति कि पूजा देवता ग्रहण ही नहीं करते और उसे पूजा का कोई फल प्राप्त नहीं होता । ऐसा करना पाप की श्रेणी में आता है. ईश्वर को नहा-धोकर स्वच्छ होकर ही कुछ भी अर्पित करना चाहिए ।

पूजा के अंत में ये जरूर करें
जब भी आप पूजा करें अंत में कुछ काम जरूर करें । दीपक की अग्नि से कपूर जलाकर पूरे घर में घुमाएं । साथ ही पूजा में यदि आप आचमन रखते हैं तो उसका जल पूरे घर में छिड़कें । इस प्रकार से आपको और आपके पूरे परिवार को पूजा का फल मिलता है । पूजा कभी भी खाली ना करें, भगवान को भोग जरूर लगाएं । पूजा की समाप्ति पर भोग प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करें ।