स्‍त्री-पुरुष को नहीं करने चाहिए ये 6 काम, शास्‍त्रों में बताए गए हैं महापाप

शास्‍त्रों में कुछ ऐसे काम बताए गए हें, जिन्‍हें करना महापाप है । ये काम मनुष्‍य को मनुष्‍य नहीं रहने देते, आप भी जानें कौन से हैं वो काम ।

New Delhi, Mar 28 : आज से 100-150 साल पहले तक मनुष्‍यों की जीवनयौली बहुत ही अलग हुआ करती थी । आपसी प्रेम भाव, भाईचारा, शिक्षा पद्धति, समाज में स्‍त्री-पुरुष का स्‍थान सब कुछ अलग था । समय बदला, लोग बदले, हलात के अनुसार सभी ने आगे बढ़ने में ही भलाई समझी । विकास की अंधी दौड़ में सब आगे बढ़े, साथ में बढ़े वो भाव भी जिन्‍हें समाज के गुरुओं ने अच्‍छी सीख से नियंत्रण में रखा हुआ था । लेकिन तू – मैं के चक्‍कर में वो काम बड़े होते चले गए जिन्‍हें ना करने की सलाह बड़े देते थे ।

शास्‍त्रों में कहे गए हैं ये काम
हमारे धर्म शास्‍त्रों, वेद पुराणों में कई ऐसी बातें कही गई हैं जिनका पालन ना करने वाला व्‍यक्ति जीवन भर कष्‍ट सहता है । सुखों से दूर हो जाता है, हर पल उसे कठिनाइयों का ही सामना करना पड़ता है । ऐसे काम करने वाले व्‍यक्ति को नर्क जाना पड़ता है ओर कई प्रकार की यातनाएं भोगनी पड़ती हैं । स्‍त्री हो या पुरुष इन कामों को भूलकर भी ना करें । किसी का बुरा सोचकर तो बिलकुल भी नहीं ।

अहंकार
जिस व्‍यक्ति में अहंकार हो उसका पतन अवश्‍य ही हो जाता है । प्राचीन समय में आप महाबली दानवों को ही ले लीजिए, शूरवीर महापराक्रमी, देवताओं से अजर अमर होने का वरदान पाकर भी वो अंत में मृत्‍यु को ही प्राप्‍त हुए । आपमें अहंकार आ जाए तो आप पाप करने से पहले सोचते नहीं है । रावण ओर दुर्योधन का अंत किसे याद नहीं, ये अहंकार ही तो था जो वो स्‍वयं नारायण से टकराने की भूल कर बैठे और अंत में मृत्‍यु को प्राप्‍त हुए ।

व्यभिचार, अनैतिक संबंध
ऐसे स्‍त्री पुरुष जो अनैतिक संबंध बनाते हैं, और इसे अपने साथी से छिपाने की कोशिश करते हैं वो महापाप करते हैं । अपने साथी से बातें छिपाने की कोशिश में वो कई झूठ बोलते चले जाते हैं । एक झूठ को छिपाने के लिए 10 झूठ बोलते हैं, एक दिन ये राज सबके सामने आ ही जाता है । ऐसी बातें करना महापाप हे, जिस व्‍यक्ति के साथ आप रहते हैं उसके प्रति आपको आदर और सम्‍मान के साथ रहना चाहिए । विश्‍वास हर रिश्‍ते की पूंजी है  ।

झूठ बोलना
जैसा कि हमने ऊप्‍र भी कहा एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ और बोलना पड़ते हैं । झूठ को छिपाने के लिए बोले गए झूठ के पीछे भी सौ झूठ होते हैं । ऐसे में झूठों की एक ऐसी कड़ी बन जाती है जिसमें मनुष्‍य खुद ही उलझ जाता है । झूठ बोलने से हर स्‍त्री पुरुष को बचना चाहिए। इसके परिणाम कुछ समय के लिए सुखद हो सकते हैं, हमेशा के लिए नहीं ।

किसी को धोखा देना
छल से किसी को नुकसान पहुंचाना धोखा देना होता है । किसी को विश्‍वास में लेर उसके साथ विश्‍वासघात करने वाला व्‍यक्ति कभी सुखी नहीं होता । महाभारत में कौरवों ने पांडवों के साथ कई बार कपट किया था और अंत में पांडवों के हाथों सभी कौरव मारे गए । ईश्‍वर ने भी कपटियों का साथ नहीं दिया । छल-कपट से बचें और दूसरों के विश्‍वास को कभी ना तोड़ें ।

हत्या
किसी की हत्‍या करना महापाप है, इस पाप की कोई साधारण सजा नहीं, ऐसे व्‍यक्ति को मत्‍यु के अतिरिक्‍त और क्‍या सजा दी सकती है । किसी की हत्‍या को कितने ही पुख्‍ता तरीके से योजना बद्ध होकर किया जाए अंत में सब सामने आ ही जाता है । समाज में ऐसे कई अपराध रोज होते हैं । लेकिन सबके अंत में पापी आखिरकार सजा का पात्र बन ही जाता है । इस महापाप से खुद को बचाएं ।

धर्म और परंपराओं का आदर करें
शास्‍त्रों में एक बात प्रमुखता से बताई गई हैं । इसमें बताया गया है कि जो मनुष्य घर के नियम और परंपराओं का सम्मान नहीं करते, अंत में वही परिवार के विनाश का कारण बनते हैं। इसलिए घर की परंपराओं और नियम का पालन करते रहना चाहिए। कहा भी गया है कि जो व्यक्ति परंपराओं से दूर हो जाता है, वो जड़ों से दूर हो जाता है।