शनि के साथ उनकी पत्‍नी की पूजा भी है आवश्‍यक, जानें इस शनि जयंती पर क्या करें

जेठ का महीना चल रहा है और इस मास की अमावस्‍या को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है । जानें इस बार ये कब आ रही है और इस दिन आप क्‍या कर सकते हैं ।

New Delhi, May 10 : ज्येष्ठ मास की अमावस्या, शनि जयंती के रूप में मनाई जाती है । ये पर्व, इस वर्ष 15 मई को पड़ रहा है । ये दिन उन सभी लोगों के लिए बहुत ही शुभ है जिनकी कुंडली में साढ़े साती या ढैया का समय चल रहा है ।  ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है, मनुष्‍य जो भी कर्म करता है उसका फल शनिदव देते हैं । शनि हर तरह के कर्मों का हिसाब करते हैं, जानबूझकर की गई गलतियां वो कभी माफ नहीं करते हैं । आगे जाने शनि जयंती के दिन आप क्‍या विशेष कर इसका लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं ।

वक्रीय है शनि
ज्‍योतिष के जानकारों के के अनुसार,अभी शनि धनु राशि में वक्री है । शनि इस स्थिति में 6 सितंबर तक रहेंगे । शनि के वक्री होने की वजह से वो राशियां जिनमें शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है, उन्हें और ज्‍यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । इस समय धनु, वृषभ और कन्या पर शनि की ढय्या व वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है।

शनि जयंती पर ये करें
ऊपर बताई गई राशियों पर शनि का अशुभ प्रभाव है, इनसे बचने के लिए शनि जयंती पर आगे बताए जा रहे उपाय करें । इस दिन शनि देव के  साथ उनकी पत्नियों के नाम का भी जप करें । शनि देव के साथ उनकी पत्नियों का नाम लेने से पूजा प्रभावी फल देती है और आपको इसका विशेष लाभ मिलता है ।

इस तरह जपें नाम
शनि देव की पत्नियों के नामों को इस प्रकार से जप करें । ये जरूर ध्‍यान रखें, कि आप मंत्र जप के दौश्रान स्‍वच्‍छ मन और स्‍वच्‍छ वस्‍त्रों में हों । मंत्र नाम इस प्रकार है –
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन‍् पुमान्।
दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।

शनि की पत्नियों के नाम
शनि देव की एक नहीं 8 पत्नियां हैं, इन सभी का नाम मंत्र के रूप में लेने से लाभ मिलता है । ऊप्‍र बताए गए मंत्रों में शनि देव की पत्नियों के नाम इस प्रकार हैं ।
1. ध्वजिनी
2. धामिनी
3. कंकाली
4. कलहप्रिया
5. कंटकी
6. तुरंगी
7. महिषी
8. अजा

शनि जयंती पर करें ये विशेष उपाय
15 मई को आने वाली शनि जयंती पर ये उपाय अवश्‍य करें । शनिदेव के साथ उनकी पत्नियों का नाम लेने से किसी भी प्रकार का दुर्भाग्‍य सौभाग्‍य में बदल जाता है । ये उपाय हर शनिवार को करने से शनि के दुष्‍प्रभाव दूर होते हैं और शनिदेव प्रसन्‍न होते हैं । इसके अलावा जो लोग शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मुश्किल में हैं उन्‍हें ज्‍यादा से ज्‍यादा जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए । शनि देव इससे खुश होते हैं ।