वर्तमान दौर में आत्मवंचना में लिप्त जो भी पत्रकार खुद को “क्रांतिकारी” होने का दावा कर रहा है, उसकी समीक्षा…
एक पत्रकार को कहते सुना कि उसने देखा था कि जेटली और माल्या की मुलाक़ात 30 सेकेंट की हुई। एक…
रविश अब चाहकर भी मोदी के किसी भले काम की तारीफ नही कर सकते क्योंकि उन्हें डर है कि कोई…
भारतीय पत्रकारिता हर दौर में सियासत का एक हिस्सा रही है। इसलिए पुरानी पीढ़ी के लोग नई पीढ़ी को कोसने…
कुलदीप नैय्यर : इमरजेंसी के खिलाफ जो धुआंधार लिखा उन्होंने , सत्ता से जिस तरह वह सिर उठा कर टकराए ,…
प्रश्न क्या रखने हैं इसकी तैयारी सब करते हैं। पर कैसे रखने हैं? मारक प्रश्नों पर मेहमान को उत्तर देने…
आज अगर प्रभाष जी होते तो सरकार और विपक्ष दोनों के झूठ की ईंट से ईंट बजा देते। उनका अपना…
वैसे भी पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे व्यक्ति को यह तो मालूम है ही कि वह बाज़ार में हैं और बाज़ार…
' आज तक ' ने मेहरबानी की थी कि दुबारा आपको नौकरी पर रख लिया था लेकिन ' आज तक…
आज रिटायर होते ही ये "पत्रकारिता के रामप्रसाद बिस्मिल" बन चुके हैं। इनके दौलतमंद साथी इसी टीआरपी के कहर में…