सबको लगा मर गई ममता बनर्जी, जब जानलेवा हमले का आरोप लालू पर लगा था, जानिये पूरी कहानी!

mamta banerjee

16 अगस्त 1990 को ममता बनर्जी पर साउथ कोलकाता के हाजरा में हमला हुई था, आरोप के मुताबिक बंगाल में सीपीएम की युवा विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था।

New Delhi, Apr 11 : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, सीएम ममता बनर्जी चुनावों में व्हीलचेयर पर ही प्रचार करती दिख रही है, उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान चोट लग गई थी, करीब 31 साल पहले ममता दीदी को एक और चोट लगी थी, जिसने तब बंगाल में काफी हंगामा मचाया था, तब ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी में थी।

हाजरा में हमला
16 अगस्त 1990 को ममता बनर्जी पर साउथ कोलकाता के हाजरा में हमला हुई था, आरोप के मुताबिक बंगाल में सीपीएम की युवा विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था, जिसमें ममता दीदी का सिर फूट गया था, उन्हें गंभीर चोटें आई थीं, हमले के बाद मीडिया में छपा था, कि इस तरह के हमंले से ममता को अपंग करने या उनकी हत्या करने की साजिश रची गई।

लालू आलम गिरफ्तार
पुलिस ने सीपीएम यूथ विंग के सचिव लालू आलम को गिरफ्तार किया और हमले का मुख्य अभियुक्त भी बनाया, हालांकि 29 साल बाद सितंबर 2019 को लालू को कोर्ट ने आरोपों से बरी कर दिया। बरी होने के बाद लालू ने टीओआई को दिये इंटरव्यू में ममता बनर्जी से जुड़ी कई बातें शेयर की थी, उन्होने अपनी सफाई में कहा था, कि हमले के बाद ऐसी अफवाह उड़ी की ममता बनर्जी की इस हमले में मौत हो गई है, जिससे सीपीएम नेता बहुत घबरा गये।

साजिश के तहत फंसाया
लालू आलम ने कहा सीपीएम नेतृत्व चाहता था कि इस हमले में किसी को आरोपी बनाया जाए और जल्द ही उन्होने मेरा नाम दे दिया, मुझे आरोपी बनाने के लिये छेड़छाड़ कर मेरी तस्वीर बनाई गई, पुलिस के पास मेरी फोटो का कोई नेगेटिव नहीं था, जिसके आधार पर मुझे आरोपी बनाया गया था, लेकिन पुलिस वालों ने 90 दिनों के भीतर ही चार्जशीट फाइल कर दी थी। लालू आलम ने ये भी कहा, कि इस हमले के करीब 11 साल बाद उनके भाई जो कभी सीपीएम में थे, उन्होने बीजेपी ज्वाइन कर ली। 1990 में हुए उस हमले के बाद ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा नाम बन गई थी।