#MeToo : 7वीं पीडि़ता आई सामने, कहा – दफ्तर के बंद कमरे में कमर से पकड़कर चूमते थे एम जे अकबर

MeToo Movement के तहत एम जे अकबर पर आरोप लगाते हुए 7वीं महिला पत्रकार सामने आई हैं । इस महिला पत्रकार ने अकबर पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी आपबीती सुनाई है ।

New Delhi, Oct 12 : महिलाओं के खिलाफ हुए दराचार, यौन अपराधों को उजागर करने वाले #MeToo अभियान के तहत अब तक 6 महिलाएं एम जे अकबर को कठघरे में ला चुकी हैं । इस कड़ी में एक सातवीं महिला भी सामने आई है । यौन उत्पीड़न और दुर्व्यहार के आरोपों से घिरे पूर्व वरिष्ठ संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ आई इस सातवीं महिला ने आपबीती सुनाई है और उन सहमे हुए दिनों के बारे में बातें कहते हुए वो किस डर के दौर से गुजरी ये भी साझा किया ।

महिला पत्रकार गजाला वहाब आईं सामने
ये सातवीं महिला गजाला वहाब हैं, जो पेशे से पत्रकार हैं और वर्तमान में फोर्स मैगजीन की एक्जिक्यूटिव एडिटर हैं। गजाला ने एम जे अकबर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं । न्‍यूज पोर्टल ‘द वायर’ पर गजाला ने अकबर से मिले अपने बुरे अनुभवों के बारे में बताया, उन्‍होने विस्तार से उन दिनों के एक – एक पन्‍ने खोले जो उन्‍होने एम जे अकबर के साथ काम करते हुए डर में गुजारे थे ।

ऑफिस में किया दुराचार
वहाब ने ऐसे कई मौकों का जिक्र किया जब एम जे अकबर ने उन्‍हें ऑफिस में कथित रूप से जकड़कर, जबरन चूमा और छेड़छाड़ की । वहाब के मुताबिक बात 1994 से 1997 के बीच की है, जब वो ‘द एशियन एज’ अखबार में वह काम कर रही थीं । उस समय अकबर उसके संस्थापक-संपादक थे । वहाब के मुताबिक अकबर ने उन्‍हें ऑफिस में ऐसी जगह बैठाने के लिए कहा था जहां से वह उन्हें दिख जाएं ।

‘इस तरह बुलाते थे केबिन में’
वहाब ने लिखा है कि एम जे अकबर जब अपना वीकली कॉलम लिखा करते थे तो उन्‍हें डिकशनरी की जरूरत होती थी, जो उनके केबिन में रखी होती थी । वो उसे उठाने के लिए उन्‍हे बुलाते थे । डिक्‍शनरी अकबर की टेबल के नीचे रखी होती थी जिसे उठाने के लिए उन्‍हें झुकना या बैठना पड़ता था । एक बार ऐसी ही मौके के दौरान अकबर ने उन्‍हें पीछे से जकड़ लिया । अपने हाथों को उनके जिस्‍म पर ऊपर से नीचे तक दौड़ाया । जब उन्‍होने अकबर को दूर करने की कोशिश की तो उन्‍होने उन्‍हें जोर से पकड़ लिया । अगले 6 महीनों तक उनके साथ ऐसी ही हरकतें होती रहीं ।

‘अकबर जबरदस्‍ती चूमते थे’
वहांब ने आगे लिखा है कि ये सिलसिला कई समय तक चला । वो अकसर उनको केबिन में बुलाते, मैं जानबूझकर दरवाजा थोड़ा खुला ही रखती थी । लेकिनएम जे अकबर अपनी हरकतों से बाज नहीं आते । वहाब ने लिख – अकबर कभी-कभार दरवाजे की तरफ आते थे और अपने हाथ मेरे ऊपर रख देते थे। कभी-कभार वह अपने शरीर को मुझसे रगड़ते थे। कभी-कभी होठों पर गंदा चुंबन लेते थे और हर बार उन्हें धक्का देकर मैं उनके कमरे से भाग जाती थी।

डर के कारण कुछ नहीं कहा
वहाब के मुताबिक एम जे अकबर का ये व्‍यवहार ऑफिस तक ही सीमित नहीं था । वो उन्‍हें कामुक संदेश भेजा करते थे । वहाब ने अपने इन अनुभवों को बुरा सपना बताया है । उन्होंने लिखा कि जब वो नौकरी छोड़ने के बारे में सोच रहीं थी तो उन्‍हें ये भी ख्‍याल आता था कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगी तो क्‍या अकबर उनके साथ दुष्‍कर्म करेंगे । क्या वह मुझे नुकसान पहुंचाएंगे? वहाब के मुताबिक वो पुलिस के पास जाना चाहती थीं लेकिन बहुत डरी हुई थीं ।