केजरीवाल की बढ सकती है मुश्किलें, आप विधायक एचएस फुल्का इस वजह से देंगे इस्तीफा

एच एस फुल्का के विधायक पद से इस्तीफा देने से आम आदमी पार्टी की परेशानी बढ सकती है, क्योंकि पंजाब आप जबदस्त गुटबाजी के संकट से जूझ रही है।

New Delhi, Sep 12 : आप विधायक हरविंदर सिंह फुल्का ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को सूचना दी है, कि अगर पंजाब में कैप्टन सरकार ने धार्मिक ग्रंथों से हुई बेअदबी के मामले में कार्यवाही नहीं करती है, तो 16 सितंबर को वो एमएलए पद से इस्तीफा दे देंगे। फुल्का ने कहा कि केजरीवाल ने उन्हें जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट और उनके विधायक पद छोड़ने की बात को पर चर्चा करने के लिये बुलाया था, उन्होने केजरीवाल से कहा कि वो अपनी बात से पीछे नहीं हटे, आप संयोजक भी उनकी बात से सहमत थे।

पूर्व सीएम पर केस दर्ज करने की मांग
एचएस फुल्का ने 1 सितंबर को ऐलान किया था, कि अगर पंजाब सरकार पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और पंजाब पुलिस के रिटायर्ड डीजीपी सुमेध सिंह सैनी पर 15 दिन के भीतर केस दर्ज नहीं करती है, तो वो अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे, इसके साथ ही उन्होने ये भी आरोप लगाया कि मामले में कार्रवाई करने की जगह मामले को दबाने के लिये सीएम कै. अमरिंदर सिंह ने पांच सदस्यों की एसआईटी बना दी है, लेकिन जांच के लिये एफआईआर की कॉपी एसआईटी को सौंपी है, उसमें पुलिस अधिकारी का नाम ही शामिल नहीं है।

क्या है मामला ?
आपको बता दें कि साल 2015 में पंजाब में धार्मिक ग्रंथों के साथ बेअदबी के मामले सामने आये थे, जिसे लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे, कोटकपूरा और बहबलकलां में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई, और कुछ लोग घायल हुए। अप्रैल 2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी, जिसने मामले की जांच के लिये पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज रंजीत सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाया, जो अब मामले की जांच कर रही है।

फुल्का कर रहे केस दर्ज करने की मांग
जिस दिन सुबह 6 बजे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी, उससे पहले उसी रात 2 बजे तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल और डीजीपी सुमेध सैनी और दूसरे आलाअधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी। इसी के आधार पर फुल्का पूर्व सीएम और डीजीपी पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए शिरोमणि अकाली दल कह रही है कि जांच करने वाले सीएम कैप्टन के मित्र और आप नेता सुखपाल सिंह खैहरा के रिश्तेदार हैं। इस मामले में सत्ताधारी कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट एकदम सही है, और जल्दी ही इसी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।

कौन हैं एच एस फुल्का ?
आपको बता दें कि एच एस फुल्का आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उनकी गिनती देश के चर्चित वकीलों में भी की जाती है, वो पंजाब के दाखा विधानसभा सीट से विधायक हैं, 1984 में सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिये पिछले कई साल से वो कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। मार्च 2017 में वो पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष बने, लेकिन इसकी वजह से उन्हें वकालत छोड़नी पड़ी, उन्हें लगा कि 1984 दंगा पीड़ितों की लड़ाई कमजोर पड़ रही है, जिसके बाद उन्होने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दुबारा वकालत शुरु कर दी, फुल्का 2014 लोकसभा चुनाव में लुधियाना से लड़े थे, हालांकि वो चुनाव हार गये थे।

मुश्किल में पड़ सकती है आप
एच एस फुल्का के विधायक पद से इस्तीफा देने से आम आदमी पार्टी की परेशानी बढ सकती है, क्योंकि पंजाब आप जबदस्त गुटबाजी के संकट से जूझ रही है, फुल्का को सर्वमान्य नेता माना जाता है, इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अगर फुल्का ने इस्तीफा दिया, तो आप के लिये ये सीट दुबारा जीतना भी मुश्किल होगा।