अटल जी की 93 रन की शानदार और धुंआधार पारी रही

आजीवन अविवाहित रहकर देश की सेवा के अटल संकल्प के साथ इतने लंबे समय तक काम करना अटल बिहारी जैसी बेमिसाल हस्तियों के लिए ही संभव है।

New Delhi, Aug 16 : टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी 93 रन बना चुके हैं। 94वें रन के लिए पिच पर दौड़ चुके हैं, लेकिन मृत्यु के देवता यमराज ने एक ख़तरनाक थ्रो फेंका है। क्या वे यह रन पूरा कर पाएंगे या 93 के स्कोर पर ही रन आउट हो जाएंगे? सभी दर्शकों की सांस अटकी पड़ी है और वे चाहते हैं कि अटल जी यह रन पूरा करें और इसके बाद कम से कम 6 रन और बनाकर ज़िंदगी का शतक अवश्य पूरा करें।
परिणाम चाहे जो भी हो, लेकिन उनकी 93 रन की पारी शानदार और धुआंधार रही है।

1. राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन जैसे पत्र-पत्रिकाओं का संपादन करना
2. भारतीय जनसंघ की स्थापना करना
3. 32 साल की उम्र में सांसद बन जाना
4. संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देने वाला पहला विदेश मंत्री बनकर हिन्दी और हिन्दुस्तान का गौरव बढ़ाना
5. कांग्रेस को सबसे तगड़ी चुनौती पेश करने वाली आज की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना करना
6. तीन बार प्रधानमंत्री बनकर 6 साल तक देश का नेतृत्व करना
7. भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाना

8. विदेशी प्रतिबंधों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर न पड़ने देना
9. पाकिस्तान से दोस्ती की बस चलाना
10. करगिल में पाकिस्तान को धूल चटाना
11. दिल्ली-मुंबई-चेन्नई-कोलकाता को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना को सफलता पूर्वक पूरा करना
12. आजाद भारत में पहली बार सड़कों का इतना व्यापक जाल बिछाने वाली सरकार बनना
13. देश की तमाम नदियों को जोड़ने वाली परियोजना का सपना देखना
14. सौ साल से भी पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाना
15. अनेकों शानदार गीत, कविताएं और किताबें लिखना
16. भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन वक्ता के रूप में निर्विवाद रूप से स्वीकृति पाना —

ये सब मामूली उपलब्धियां नहीं हैं। आजीवन अविवाहित रहकर देश की सेवा के अटल संकल्प के साथ इतने लंबे समय तक काम करना अटल बिहारी जैसी बेमिसाल हस्तियों के लिए ही संभव है। इतना ही नहीं, एक शानदार राजनीतिक पारी खेलकर स्वेच्छा से संन्यास ले लेना भी मामूली राजनेताओं के लिए संभव नहीं है। ऐसा वे इसलिए कर पाए, क्योकि कुर्सी से चिपकने वाले नेताओं में वे कभी नहीं रहे। उन्होंने हमेशा आदर्श, नैतिकता और सिद्धांतों की राजनीति की, जो इस देश में दुर्लभ है।
वे उदार हैं, विशाल हृदय हैं, विनम्र हैं, मृदुभाषी हैं, वाकपटु हैं, मिलनसार हैं, सबको साथ लेकर सबका विकास करने की भावना के साथ काम करने वाले रहे हैं। हिन्दुओं और मुसलमानों दोनों में उनकी लोकप्रियता समान रूप से रही है। ऐसी लोकप्रियता हासिल करने वाले वे बीजेपी के एकमात्र नेता हैं।भले वे सक्रिय राजनीति से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन उनका होना ही समस्त देशवासियों के लिए एक बहुत बड़े संबल की तरह काम करता है। इसलिए हम सबकी भावना है कि अटल बिहारी वाजपेयी जी मृत्यु को परास्त करें और एक लंबा जीवन जिएं। उन्हें हमारी पूरी शुभकामनाएं और ईश्वर से हमारी पुरज़ोर प्रार्थनाएं।

(वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)