2008 अहमदाबाद ब्लास्ट केस- कोर्ट ने सुनाया फैसला, 38 को फांसी, 11 उम्रकैद, इतिहास का पहला मामला

Ahmedabad

कोर्ट ने इससे पहले 8 फरवरी को 49 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि 28 बाकी को बरी कर दिया गया था, पिछले साल सितंबर में 77 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई थी।

New Delhi, Feb 18 : अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में शुक्रवार 18 फरवरी 2022 को 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई गई, जबकि सेशंस कोर्ट ने 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, यानी इन्हें आखिरी सांस तक जेल में ही रहना होगा।

कोर्ट का फैसला
स्पेशल कोर्ट ने यूएपीए तथा आईपीसी के सेक्शन 302 के प्रावधानों के तहत सजा का ऐलान किया है, स्पेशल जज एआर पटेल ने फैसला सुनाने के दौरान ब्लास्ट्स में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपये, गंभीर रुप से जख्मी हुए लोगों को 50 हजार रुपये तथा हल्के तौर पर चोटिल हुए लोगों को 25 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।

जुर्माना भी लगाया
कोर्ट ने 48 दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिन दोषियों को मृत्युदंड की सजा मिली, उनमें सिर्फ उस्मान अगरबत्तीवाला ही आर्म्स एक्ट के तहत दोषी है, जबकि इस पर 2.88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मामले की सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से हुई, जिसमें जेल में बंद सभी दोषी भी हाजिर हुए, indian rupees कोर्ट ने इस केस को रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस करार दिया, सबसे खास बात ये है कि ये देश के इतिहास का पहला मामला है, जिसमें एक केस में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, इससे पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में 26 लोगों को फांसी हुई थी।

49 दोषी
कोर्ट ने इससे पहले 8 फरवरी को 49 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि 28 बाकी को बरी कर दिया गया था, पिछले साल सितंबर में 77 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई थी, कुल 78 आरोपियों में से एक गवाह बन गया था, आपको बता दें कि 26 जुलाई 2008 को शाम साढे 6 बजे सीरियल ब्लास्ट्स हुए थे, करीब 70 मिनट के भीतर 21 धमाके हुए थे, इन ब्लास्ट्स में 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे, जबकि 56 लोगों की जान चली गई थी, 14 सालों में इस मुकदमे की सुनवाई हुई, जिसमें 49 लोगों को दोषी करार दिया गया।

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