अजीत जोगी की ये चाल बीजेपी के बजाय कांग्रेस को करेगी बेहाल

अजीत जोगी छत्तीसगढ के पहले सीएम थे, साल 2003 में कांग्रेस को मिली हार के बाद स्थानीय नेताओं ने हार के लिये जोगी को जिम्मेदार बताया।

New Delhi, Oct 25 : छत्तीसगढ के पूर्व सीएम अजीत जोगी राजनीति की बिसात के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं, जोगी की हर चाल राजनीतिक पंडितों के लिये चर्चा और विरोधियों के लिये चिंता का कारण बन जाती है, इस बार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जोगी ने बसपा के साथ गठबंधन कर नई चाल चली है। इस चाल के बाद जोगी ने खुद को बीजेपी, कांग्रेस के बाद थर्ड फ्रंट के रुप में खड़ा कर लिया है।

कांग्रेस को नुकसान
आम राजनीतिक धारणा ये है कि पूर्व सीएम के इस कदम से छत्तीसगढ में सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को होगा, इसके दो कारण है, पहला ये कि जोगी खुद कांग्रेस से अलग होकर मैदान में उतरे हैं, दूसरा मायावती और सीपीआई के साथ उनका गठबंधन कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाएगी, बीजेपी के तमाम नेता अपनी जनसभाओं और मीडिया से बातचीत में इस बात को बार-बार रेखांकित कर रहे हैं।

जोगी के जाने से जागी कांग्रेस
आपको बता दें कि अजीत जोगी छत्तीसगढ के पहले सीएम थे, साल 2003 में कांग्रेस को मिली हार के बाद स्थानीय नेताओं ने हार के लिये जोगी को जिम्मेदार बताया, जोगी कार्यकाल एमपी में दिग्गी राजा के कार्यकाल से भी बुरा रहा, दोनों प्रदेशों में बीजेपी दिग्विजय सिंह और अजीत जोगी के नाम से जनता को चेतावनी देती रही, कि यदि कांग्रेस की सरकार बनी, तो फिर से अजीत जोगी सीएम होंगे, छत्तीसगढ बनने का बाद ये पहला चुनाव है, जब जोगी कांग्रेस पार्टी में नहीं हैं, कांग्रेस काफी अग्रेसिव होकर बीजेपी पर हमले कर रही है।

जोगी करते थे उम्मीदवार का फैसला
कांग्रेस में रहते हुए अजित जोगी 20-25 सीटों पर एकाधिकार रखते थे, इन सीटों पर कौन चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं इसका फैसला पार्टी नहीं बल्कि वो करते थे, जिसकी वजह से उम्मीदवार पार्टी के बजाय जोगी की परिक्रमा करते थे। लेकिन इस बार कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल दावा कर रहे हैं, कि उन्होने बूथ कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के बाद टिकट बांटे हैं, बघेल का ये भी दावा है कि ऐसा करने से कार्यकर्ता कांग्रेस की चुनाव प्रक्रिया में शुरु से ही जुड़ जाएगा, जो पिछले कुछ सालों से खुद को कटा हुआ महसूस कर रहा था, इससे पार्टी का संगठन मजबूत होगा।

गठबंधन से किसे होगा फायदा ?
जोगी-माया के गठबंधन से सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा, क्योंकि उनकी मुख्य लड़ाई कांग्रेस से है, जोगी-माया गठबंधन मूल रुप से कांग्रेस के वोट बैंक को काटेगी, जिससे कई सीटों पर मामूली अंतर से हार-जीत हो सकता है। ऐसे में राजनीतिक एक्सपर्ट्स के अनुसार फायदा बीजेपी को हो सकता है। मायावती की पार्टी बसपा का वोट बैंक अनुसूचित जाति वर्ग माना जाता है, छत्तीसगढ में 11 फीसदी इस जाति के मतदाता है, खुद जोगी का इस वर्ग पर जबरदस्त पकड़ है, अगर विधानसभा चुनाव में जोगी-माया इस वर्ग को साधने में कामयाब रहे, तो निश्चित रुप से इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा।