बार-बार मोदी गुणगान करने के बाद भी इस वजह से अमर सिंह को नहीं मिल रही बीजेपी में एंट्री

अमर सिंह के बीजेपी में जाने की चर्चा इन दिनों इसलिये जोर पर है, क्योंकि बार-बार वो सीएम योगी से मिल रहे हैं।

New Delhi, Aug 09 : पिछले कुछ समय से हाशिये पर पड़े अमर सिंह फिर से एक बार सुर्खियों में हैं, कहा जा रहा है कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, हालांकि पिछले एक सप्ताह से बताया जा रहा है कि सपा के एक कद्दावर नेता के साथ मिलकर वो अलग पार्टी बना सकते हैं, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है, जहां तक अमर सिंह का सवाल है, उन्हें अपनी स्थिति देखते हुए बीजेपी में शामिल होने पर फायदा ही नजर आ रहा है, लेकिन अब तक बीजेपी ने अमर सिंह के मामले पर चुप्पी साध रखी है। अमर सिंह के बार-बार इशारा देने के बाद भी वो उनके लिये बांहें नहीं फैला रहे हैं।

योगी से बार-बार मिल रहे हैं
अमर सिंह के बीजेपी में जाने की चर्चा इन दिनों इसलिये जोर पर है, क्योंकि बार-बार वो सीएम योगी से मिल रहे हैं, यहां एक चीज और बताना जरुरी है कि योगी और अमर सिंह दोनों राजपूत जाति से आते हैं, कहा जा रहा है कि अमर सिंह का इस्तेमाल बीजेपी यूपी में निवेश लाने और महागठबंधन के खिलाफ कर सकती है। अगर यूपी में निवेश आएगा, तो युवाओं को रोजगार मिलेगा, केन्द्र और यूपी सरकार की प्राथमिकता है कि बड़े उद्योगपति इस क्षेत्र में निवेश करें।

मोदी का कर रहे हैं गुण-गान
अब सवाल ये उठता है कि मोदी और अमित शाह उन्हें पार्टी में एंट्री देते हैं या नहीं, हाल के दिनों में वो खुलकर नरेन्द्र मोदी का गुणगान कर रहे हैं, वो खुले मंच से कह रहे हैं, कि उनका जीवन नरेन्द्र मोदी को समर्पित है, बीजेपी ज्वाइन करूं या ना करूं, बाकी की जिंदगी मोदी जी के लिये काम करुंगा, इतना सबकुछ कहने के बाद भी उन्हें बीजेपी में शामिल नहीं किया जा रहा है, आखिर कुछ तो वजह होगी।

बीजेपी के कई नेताओं के साथ उठना-बैठना
अमर सिंह के उद्योगपति से लेकर फिल्म स्टार और राजनेता तक दोस्त हैं, राजनेताओं में भी कई दलों में बड़े नेताओं के साथ उनके निजी संबंध हैं, सोनिया गांधी से लेकर अरुण जेटली तक उनकी सीधी पहुंच है, खुद कई बार पूर्व सपा नेता कह चुके हैं, कि जब सिंगापुर में उनका इलाज चल रहा था, तो जेटली उनसे मिलने से के लिये प्राइवेट जेट से पहुंचे थे, उनका हाल-चाल जानकर फिर लौट आये थे।

जोड़-तोड़ के माहिर खिलाड़ी
अमर सिंह को जोड़-तोड़ का माहिर खिलाड़ी माना जाता है, उन्होने अपने प्रबंधन कौशल का नमूना तब दिया था, जब उन्होने यूपीए-वन सरकार में लेफ्ट द्वारा समर्थन वापस लिये जाने के बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी, तब उन्होने ही मनमोहन सिंह की सरकार को बचाने के लिये समर्थन जुटाया था। हालांकि पिछले कुछ सालों में अमर सिंह की वैल्यू कम हुई है, उन्हें सपा से निकाल दिया गया, जिस पार्टी को उन्होने सालों तक सींचा, वहीं से उन्हें अपमानित कर निकाला गया। इसके बावजूद वो अपनी गोटी फिट करने में जुटे हुए हैं।

बीजेपी दूरी ही रखना चाहती है
अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर बार-बार अमर सिंह के मोदी पुराण करने के बाद भी उन्हें पार्टी में एंट्री क्यों नहीं मिल रही है, दरअसल कहा जा रहा है कि अमर सिंह में ना तो राजनीतिक धार बची है और ना ही उनका पहले वाला रसूख रहा है, ऐसे में दगे हुए कारतूस पर बाजी खेल बीजेपी नुकसान का सौदा नहीं करना चाहती, इसलिये बीजेपी ने उन्हें खुद को वापसी का एक मौका दिया है, जिसके अंतर्गत उन्हें कहा गया है कि वो सपा नेता के साथ मिलकर एक नई राजनीतिक पार्टी बना लें, और महागठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ें।

दागी हैं अमर सिंह
बीजेपी इसलिये भी अमर सिंह से परहेज कर रही है, क्योंकि वो विवादित व्यक्ति रहे हैं, उनका पुराना ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है, उनके बारे में कहा जा रहा है कि वो जिस व्यक्ति के साथ रहे फिर चाहे वो मुलायम सिंह यादव हों, अखिलेश हो, अमिताभ परिवार हो, या अनिल अंबानी, सबसे उनका झगड़ा हो चुका है, आज की तारीख में कम ही लोग उनके साथ खड़ा होना चाहते हैं, इसलिये बीजेपी चाहती हैं कि वो 2019 लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं, लेकिन उनसे दूरी भी बनाकर रखा जाए।